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एयरपोर्ट पर नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से ठगी में मास्टर माइंड गिरफ्तार

गिरोह फर्जी वेबसाइट पर युवकों को एयरपोर्ट और एयरलाइंस में नौकरी का झांसा देता था। इसके बाद में आरोपित रजिस्ट्रेशन व अन्य शुल्क के नाम पर रुपये ठग लेता था। गिरोह अब तक 1500 युवकों से 15 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुका है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 06:46 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 06:47 PM (IST)
एयरपोर्ट पर नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवकों से ठगी में मास्टर माइंड गिरफ्तार
आरोपित की पहचान भुवनेश्वर निवासी राजेंद्र मलिक के रूप में हुई है।

नई दिल्ली, संतोष शर्मा। आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने एयरपोर्ट संचालक कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी के नाम पर बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को ओडिशा से गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान भुवनेश्वर निवासी राजेंद्र मलिक के रूप में हुई है। गिरोह फर्जी वेबसाइट पर युवकों को एयरपोर्ट और एयरलाइंस में नौकरी का झांसा देता था। इसके बाद में आरोपित रजिस्ट्रेशन व अन्य शुल्क के नाम पर रुपये ठग लेता था। 

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1500 युवकों से ज्‍यादा लोगों से हुई ठगी

गिरोह अब तक 1500 युवकों से 15 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुका है। पुलिस ठग के पूछताछ कर अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी में जुट गई है। आइजीआइ एयरपोर्ट के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि एयरपोर्ट संचालक कंपनी जीएमआर के अधिकारी ने गत नवंबर महीने में पुलिस में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि जीएमआर की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी के नाम पर बेरोजगार युवकों से ठगी की जा रही है। 

एक हजार पेटीएम पर करवाते थे खाते में जमा

ठग नौकरी के इच्छुक युवकों से आवेदन करने पर एक हजार रुपये पेटीएम के माध्यम से अपने खाते में जमा करा रहे थे। मुकदमा दर्ज कर इंस्पेक्टर अजय कुमार की टीम ने जांच की तो भुवनेश्वर के रहने वाले आरोपित का सुराग मिला। इसके बाद पुलिस की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से भुवनेश्वर स्थित रसूलगढ़ से ठग गिरोह के सरगना राजेंद्र मलिक को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपित दीपक साहू के साथ भुवनेश्वर में इंस्टीट्यूट ऑफ अकाउंट्स एंड फाइनेंस मैनेजमेंट नाम से इंस्टीट्यूट चलाता था। 

वेब डिजाइनिंग सीख कर तैयार की ठगी की योजना

इसके साथ ही वह लोगों के जीएसटी रिटर्न दाखिल कराने के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड व  आधार कार्ड इत्यादि भी बनवाता था। उसने प्रमोद कुमार साहू के संपर्क में आकर वेब डिजाइनिंग भी सीखी थी। लॉकडाउन के दौरान उसने प्रमोद साहू के साथ मिलकर ठगी की योजना तैयार की थी। इसके बाद में उन्होंने जीएमआर की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया था। जिन बैंक खातों में ठग रुपये मांगाते थे वे सभी फर्जी दस्तावेज पर खोले गए थे। आरोपित के पास से तीन एटीएम स्वाइपिंग मशीन, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, दो मोबाइल फ़ोन व 18 सिम कार्ड इत्यादि बरामद हुए हैं।

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