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50 दिन बाद खुलने जा रहे राजधानी के बाजार, एसओपी भी तय, मगर इस पांबदी ने बढ़ाई मुसीबत, विरोध शुरू, सरकार को पत्र

व्यापारियों को बाजार खुलने की उम्मीद के साथ जिसका अंदेशा था वहीं हुआ। दिल्ली सरकार ने तकरीबन 50 दिन के लाकडाउन के बाद सोमवार से बाजारों को खोलने की अनुमति तो दी साथ में आड-इवेन की पाबंदी लगा दी है। इससे व्यापारियों में खुशी के साथ निराशा का माहौल है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 12:50 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 12:50 PM (IST)
50 दिन बाद खुलने जा रहे राजधानी के बाजार, एसओपी भी तय, मगर इस पांबदी ने बढ़ाई मुसीबत, विरोध शुरू, सरकार को पत्र
तत्काल इसका विरोध भी शुरू हो गया। विरोध में सरकार को पत्र लिखा जाने लगा है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। व्यापारियों को बाजार खुलने की उम्मीद के साथ जिसका अंदेशा था, वहीं हुआ। दिल्ली सरकार ने तकरीबन 50 दिन के लाकडाउन के बाद सोमवार से बाजारों को खोलने की अनुमति तो दी, लेकिन साथ में आड-इवेन की पाबंदी लगा दी है। इससे व्यापारियों में खुशी के साथ निराशा का माहौल है। तत्काल इसका विरोध भी शुरू हो गया। विरोध में सरकार को पत्र लिखा जाने लगा है।

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व्यापारी इसे अव्यवहारिक बताते हुए कोरोना के दृष्टिगत भीड़ प्रबंधन के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार की मांग कर रहे हैं, जिसमें खुदरा व थोक बाजारों को खोलने का समय अलग-अलग करने, सभी कर्मचारियों के लिए टीकाकरण, प्रशासन व बाजार संगठन समन्वय समिति का गठन तथा भीड़भाड़ वाले बाजारों में पर्याप्त संख्या में सिविल डिफेंस के वालंटियर्स की तैनाती के विकल्प सुझाए हैं। वैसे, इस गतिरोध के साथ ही बाजारों को खोलने की तैयारी भी शुरू हो गई है। तमाम संगठन अपने-अपने बाजारों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने लगे हैं।

कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल व प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि आड-इवन का निर्णय बेतुका है। यह दिल्ली के व्यापारिक चरित्र से मेल नहीं खाता है। व्यापारियों ने इस संबंध में सरकार को पहले ही अवगत करा दिया था। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री राकेश यादव व हेमंत गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के 90 फीसद व्यापारी इसके विरोध में हैं। इससे उनमें असमंजस की स्थिति होती है, साथ ही अव्यवस्था फैलती है। इसके चलते यह फार्मूला पिछले वर्ष भी विफल साबित हुआ था।

फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि पुरानी दिल्ली के बाजारों में एक ही नंबर पर दो से तीन दुकानें हैं। दूसरे, थोक बाजारों में जब दूसरे राज्यों से खरीदार आता है तो वह पूरी सूची साथ आता है। ऐसा नहीं है कि कुछ सामान खरीदने एक दिन तो दूसरे दिन अन्य सामान खरीदने सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर आएं। नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (एनडीटीए) के कार्यकारिणी सदस्य अमित गुप्ता ने कहा कि ग्राहक सामान खरीदने आता है। वह दुकानों को नाम से जानता है, नंबर से नहीं। उसे कैसे पता चलेगा कि वह जहां खरीदारी करने जा रहा है वह बंद है अथवा खुली।

आटोमोटिव पा‌र्ट्स मर्चेंट एसोसिएशन, कश्मीरी गेट के अध्यक्ष विनय नारंग ने कहा कि अलग समस्या यह है कि कई दुकानदारों कि दो दुकानें या गोदाम भी है। वह रोजाना कारोबार करेगा। बाकि ऐसा नहीं कर पाएंगे। इससे विवाद के साथ अव्यवस्था फैलेगी। वहीं, चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने आगे बेहतर की उम्मीद जताते हुए कहा कि दुकानें खोलने में व्यापारी कोरोना संबंधित सभी दिशानिर्देशों का पूरा ध्यान दें ताकि आने वाले दिनों में इस फार्मूले से मुक्ति मिले। इस बीच चर्च मिशन रोड स्थित क्लाथ मार्केट के प्रधान गोपाल गर्ग ने बताया कि उनके यहां बाजार खोलने के लिए एसओपी तय हो गई है।


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