कर्मचारियों का छलका दर्द, जान जोखिम में डालकर किया काम; टीकाकरण की बात आई तो किया नजर अंदाज
राजौरी गार्डन में सिलेंडर वितरक रमेश ने बताया कि लाकडाउन के दौरान तो हमे अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी बताकर हमारा सम्मान किया जा रहा था और जब टीकाकरण की बात आई तो हमारे योगदान को प्रशासन ने नजर अंदाज कर दिया। ये कैसा व्यवहार है?
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत पहले 20 फरवरी तक स्वास्थ्यकर्मियों को टीके का पहले डोज देने का लक्ष्य तय किया गया था, पर शनिवार को इस तारीख को बढ़ाकर 25 फरवरी कर दिया गया है। यानि 25 फरवरी के बाद कोविन एप पर रजिस्टर किसी भी स्वास्थ्यकर्मी को टीका नहीं लगाया जाएगा। वहीं अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों का कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन भी 17 फरवरी को बंद हो चुका है, यानि एप पर रजिस्टर लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित होगा।
अधिकारियों के मुताबिक डेढ़ से दो माह के भीतर सभी अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों का टीकाकरण पूरा हो जाएगा। अग्रिम पंक्ति में पुलिस कर्मचारी, अर्द्ध सैनिक बल, जिला प्रशासनिक अधिकारी, निगम कर्मचारी, घर-घर जाकर सर्वे करने में अपना योगदान देने वाले अध्यापक, दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी, बिजली विभाग के कर्मचारियों को शामिल किया है। पर कोरोना महामारी के दौरान लोगों के घरों का चूल्हा जलते रहे, इसमें सिलेंडर बांटने वाले कर्मचारियों का सबसे महत्वपूर्ण योगदान था। आश्चर्य की बात ये है कि अग्रिम पंक्ति की सूची में इन वितरकों का नाम कहीं भी शामिल नहीं है।
ठीक इसी प्रकार लाकडाउन के दौरान किसी के घर में खाद्य सामग्री की कमी न हो, इसके लिए तमाम किराना स्टोर संचालकों ने महामारी के खतरे के बीच दुकान को खोला। पर जब वैक्सीन वितरण का समय आया तो इनके नाम का कहीं कोई जिक्र नहीं है। ठीक इसी प्रकार मीडिया कर्मचारी, डेयरी संचालक, फल व सब्जी विक्रेता, दवा दुकानदार व कई निजी संस्था के लोग जो मदद के लिए आगे आए थे, उन्हें अग्रिम पंक्ति में जगह नहीं दी गई है।
राजौरी गार्डन में सिलेंडर वितरक रमेश ने बताया कि लाकडाउन के दौरान तो हमे अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी बताकर हमारा सम्मान किया जा रहा था और जब टीकाकरण की बात आई तो हमारे योगदान को प्रशासन ने नजर अंदाज कर दिया। ये कैसा व्यवहार है? प्रशासन को चाहिए कि हमारा भी नाम कोविन एप पर रजिस्टर कर टीका लगाया जाएं। जिला प्रशासन के मुताबिक सरकार की तरफ से सभी विभाग को अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की सूची बनाकर उनका नाम कोविन एप पर अपलोड करने का निर्देश दिया था। ऐसे में कहां चूक हुई है या क्यों इन लोगों का नाम रजिस्टर नहीं किया गया, यह कहना मुश्किल है।