अमेरिका में 5जी शुरू होने के कारण भारत के लिए कई उड़ानें बुधवार को रद
अमेरिका में 5जी मोबाइल सेवा शुरू होने के कारण बुधवार को वहां से भारत आने वाली कुछ उड़ानें रद की गई हैं। अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन ने ऐसी आशंका जताई है कि 5जी के कारण विमानों के इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम पर असर पड़ सकता है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अमेरिका में 5जी इंटरनेट सेवा शुरू किए जाने का असर विमान सेवाओं पर पड़ता नजर आ रहा है। इस आशंका के बीच कि 5जी इंटरनेट सेवा लागू होने की वजह से विमान के इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम को लैंडिंग मोड में जाने से रुकावट पैदा हो सकती है, विमानन कंपनियों ने अमेरिका से परिचालित होने वाले विमानों के परिचालन को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
भारतीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने 19 जनवरी को दिल्ली से अमेरिका के विभिन्न शहरों को जाने वाली तीन विमानों को रद्द कर दिया। इसके अलावा अमेरिका से नई दिल्ली आने वाली विमानों में कई के समय में परिवर्तन या रद्द किए जाने को लेकर एयर इंडिया से ट्विटर पर सवाल पूछ रहे हैं, जिसके उत्तर में एयर इंडिया सिर्फ यह बता रहा है कि फिलहाल इंतजार करें। कुल मिलाकर अस्पष्ट हो रही स्थिति से यात्रियों के मन में कई तरह के संशय उमड़ने लगे हैं। हालांकि एयर इंडिया की ओर से कहा जा रहा है कि जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। बता दें कि फिलहाल भारत से अमेरिका के बीच सिर्फ एयर इंडिया के विमान उड़ान भर रहे हैं।
क्या है आशंका
एयरपोर्ट सूत्रों का कहना है कि 5 जी नेटवर्क के कारण इस बात की आशंका है कि विमान का रेडियो अल्टीमीटर इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम बाधित हो सकता है। सबसे बड़ी आशंका लैंडिंग के दौरान एयरक्राफ्ट के रनवे पर ना रूकने को लेकर रहती है। यानि, अगर एयरक्राफ्ट रनवे पर नहीं रूका, तो फिर बड़ा हादसा हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि केवल भारत ही नहीं दुनिया के अधिकांश देशों से संचालित होने वाली विमान कंपनियों ने इस बाबत चिंताएं जताई हैं। कई विमानन कंपनियों ने अपनी अमेरिका जाने वाली उड़ानों को रद्द करना शुरू कर दिया है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि रनवे से 2 मील की दूरी में 5जी इंटरनेट नेटवर्क नहीं होने चाहिए। यदि दो मील के दायरे में 5 जी तरंगें सक्रिय हों तो विमान के कई संवेदनशील उपकरणों पर असर पड़ता है, जिससे पायलट के लिए विमान को नियंत्रित करने में परेशानी हो सकती है।
चिंता की वजह
- अमेरिका में साल 2021 में मिड रेंज 5जी बैंड की नीलामी मोबाइल फोन कंपनियों को की गई थी। यह बैंड 3.7 से 3.98 गीगाहर्ट्ज रेंज में आती है। इसे सी-बैंड कहा जाता है।
- संघीय विमानन प्रशासन ने चेतावनी दी है कि नई 5जी टेक्नोलाजी अल्टिमीटर जैसे एविएशन उपकरणों के काम में व्यवधान उत्पन्न कर सकती है। अल्टिमीटर से यह पता चलता है कि उड़ान के किसी वक्त विमान जमीन से कितनी ऊंचाई पर है।
- अल्टिमीटर 4.2 से 4.4 गीगाहर्ट्ज की रेंज में काम करते हैं। यही विमानन कंपनियों की चिंता की वजह है। चूंकि नए 5जी स्पेक्ट्रम की फ्रीक्वेंसी इनके रेंज के बहुत करीब है, इसलिए इनके काम करने में दिक्कत हो सकती है। बता दें कि जितनी ज्यादा फ्रीक्वेंसी का स्पेक्ट्रम होगा उतनी ही ज्यादा स्पीड मिलेगी। इसलिए आपरेटर्स 5जी को हाई फ्रीक्वेंसी पर आपरेट करेंगे। जिसकी वजह से परेशानी होगी।