कोरेगांव हिंसा: नक्सली अजीत खोलेगा राज, कैसे रची गई थी पीएम की हत्या की साजिश
अजीत रे से स्पेशल सेल, आइबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ करेगी। अब भीमा कोरेगांव मामले में खुलासा होने की उम्मीद की जा रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। नक्सली नेता अजीत रे की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता माना जा रहा है। अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को अजीत से नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं। सेल के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, उससे भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में भी पूछताछ की जाएगी।
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में होगी पूछताछ
अजीत रे को महाराष्ट्र से रविवार सुबह दिल्ली लाया गया। अब सोमवार को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए लंबे समय के लिए रिमांड पर लिया जाएगा। इस बीच स्पेशल सेल, आइबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी उससे पूछताछ करेगी।
कई सुरक्षा एजेंसियों करेंगी पूछताछ
स्पेशल सेल डीयू के प्रो. साई बाबा से संबंधों के बारे में भी अजीत रे से पूछताछ करेगी। प्रो. साई बाबा को नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और हाल में ही नक्सली कमांडर बनी नर्मदा अक्का से भी उसके संपर्क की बात सामने आ चुकी है। वहीं, दिल्ली से गिरफ्तार नक्सली रोना बिल्सन से भी अजीत रे के संबंध की स्पेशल सेल जांच कर रही है।
नक्सलियों को पहुंचाता था सिक्योरिटी फोर्स के हथियारों के कारतूस
अजीत रे नक्सलियों को केवल उन हथियारों के कारतूस की आपूर्ति करता था, जिसका इस्तेमाल देश की सिक्योरिटी फोर्स करती है। ये कारतूस वह किस चेन के जरिये हासिल करता था, इसके बारे में अब स्पेशल सेल उससे गहन पूछताछ करेगी।
मिलेगी कई अहम जानकारियां
सेल को उम्मीद है कि अजीत से कई राज्यों के नक्सली कमांडरों और उनके गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल सकती है, क्योंकि लंबे अरसे बाद सेल को नक्सलियों के एक बड़े मुखबिर को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है।
ओडिशा और महाराष्ट्र में दर्ज है केस
कोर्ट ने करार दिया है भगोड़ा अजीत रे के खिलाफ ओडिशा में दो और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में दो मामले पहले से ही दर्ज हैं। सभी केसों में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है। उसके साथी बिहार निवासी राजबहादुर को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
बिहार से जुड़ा है कनेक्शन
वह सिक्योरिटी फोर्स के हथियारों के कारतूस अजीत को देता था। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि राजबहादुर कहां से और कैसे ये कारतूस लाता था। ऐसे में स्पेशल सेल अजीत रे से ही राज खुलवाने की भरपूर कोशिश करेगी।