भाजपा का बूथ कार्यकर्ता भी कर देगा केजरीवाल को नि:शब्द- मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने यहां तक कह दिया कि दिल्ली सरकार की नाकामियों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि भाजपा का एक बूथ कार्यकर्ता भी केजरीवाल को नि:शब्द कर देगा।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को खुली बहस की चुनौती देने वाले ट्वीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के बीच जमकर ट्विटर वार चला। बात इतनी बढ़ी कि मनोज तिवारी ने यहां तक कह दिया कि दिल्ली सरकार की नाकामियों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि भाजपा का एक बूथ कार्यकर्ता भी केजरीवाल को नि:शब्द कर देगा।
भाजपा ने केजरीवाल को दिया जवाब
अमित शाह को खुली बहस के लिए चुनौती देने वाले ट्वीट पर पूर्वांचल महाकुंभ रैली से उत्साहित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने ट्वीट किया कि आपको पब्लिक डिबेट का शौक है तो जगह आपने चुन ही लिया है, अब समय भी बता दीजिए। तिवारी ने कहा कि आपने मेट्रो के काम को बाधित किया। केंद्र सरकार ने बिजली-पानी के मूलभूत ढांचे को सुधारने के लिए 526 करोड़ रुपये का योगदान दिया, आपने उस धनराशि का क्या किया? सीलिंग के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार द्वारा अनेक राहत भरे कदम उठाए गए, लेकिन दिल्ली सरकार ने समय पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष भी नहीं रखा।
भरोसे को तार-तार कर दिया
केंद्र सरकार ने ही मेरठ हाईवे, ईस्टर्न कॉरिडोर समेत अन्य योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए। 1600 अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण का काम भी केंद्र सरकार ने किया। दिल्ली की जनता ने भरोसे से आपको चुना था, लेकिन आपने उनके भरोसे को तार-तार कर दिया। झूठ और काम न करने के बहानों के सिवा आपने कुछ नहीं किया।
केंद्र सरकार का भेदभाव क्यों
रामलीला मैदान में आयोजित पूर्वाचल महाकुंभ पर निशाना साधते हुए 2 बजकर 5 मिनट पर अरविंद केजरीवाल ने पहला ट्वीट करके पूछा कि अमित शाह आपने दिल्ली को 14वें वित्त आयोग में कितने रुपये दिए। महज 325 करोड़। दिल्ली में भी पूर्वांचल के लोग रहते हैं। उनके विकास के लिए क्यों नहीं पैसे दिए। दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल के लोगों के खिलाफ केंद्र सरकार का भेदभाव क्यों।
केजरीवा ने दिया चैलेंज
सीएम केजरीवाल ने आगे ट्वीट किया कि जितने काम पीएम ने 4 साल में किए उससे 10 गुना ज्यादा काम हमने किए। पीएम ने कई जन विरोधी व गलत काम किए, लेकिन हमने एक भी नहीं किया। मैं आपको चैलेंज देता हूं। आइए, इसी रामलीला मैदान में इस पर एक खुली बहस हो जाए-दिल्ली की सारी जनता के सामने।