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घरों को बेचने की चर्चा सुन मोहनपुरी इलाके में पहुंचे मनोज तिवारी बोले- निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होने देंगे

इलाके में रह रहे परिवारों का कहना है कि वह दहशत में जी रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि आए दिन उन्हें धमकियां मिलती रहती हैं जिससे उनका जीना मुश्किल हो गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 08:31 AM (IST)
घरों को बेचने की चर्चा सुन मोहनपुरी इलाके में पहुंचे मनोज तिवारी बोले- निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होने देंगे
घरों को बेचने की चर्चा सुन मोहनपुरी इलाके में पहुंचे मनोज तिवारी बोले- निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होने देंगे

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंदू परिवारों द्वारा विशेष समुदाय के लोग के डर के कारण अपने घरों को बेचने की चर्चा सुनकर क्षेत्रीय सांसद मनोज तिवारी शुक्रवार को पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। मोहनपुरी इलाके में पहुंचे मनोज तिवारी ने घर-घर जाकर लोगों का दर्द सुना। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। इस दौरान लोग ने सांसद को विशेष समुदाय के लोग द्वारा परेशान करने और अपने परिवार के सदस्यों के दंगे के आरोप में जेल में बंद होने की जानकारी दी। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से मनोज तिवारी ने इलाके में गश्त बढ़ाने के लिए कहा। दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को संबोधित एक पत्र मनोज तिवारी ने ट्वीट किया। इसमें मुआवजा बांटने में भेदभाव का आरोप लगाया। दौरे में मनोज तिवारी के साथ जिलाध्यक्ष कैलाश जैन, विधायक अजय महावर, पार्षद प्रमोद गुप्ता, नीलकांत बक्शी व आनंद त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।

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वहीं, इलाके में रह रहे परिवारों का कहना है कि वह दहशत में जी रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि आए दिन उन्हें धमकियां मिलती  रहती हैं, जिससे उनका जीना मुश्किल हो गया है। यही कारण है कि ऐसे लोगों ने अपने घरों के बाहर पोस्टर चिपका दिया है कि यह मकान बिकाऊ है। यह अलग बात है कि इस बाबत दिल्ली पुलिस में किसी ने शिकायत नहीं दर्ज कराई है। कहा ज रहा है कि पीड़ित लोग पुलिस से शिकायत करने से डर रहे हैं और खुलकर बात भी नहीं करना चाहते है।

यहां पर बता दें कि 24-25 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुआ जो बाद में दंगों में तब्दील हो गया था। इस दौरान हुई हिंसा में 50 से अधिक लोग मारे गए थे, तो सैकड़ों लोग घायल हुए थे।


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