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संकट पर विजय के लिए करुणा, सेवा व सकारात्मकता को बनाएं हथियार : श्रीश्री रविशंकर

हम जीतेंगे पाॅजिटिविटी अनलिमिटेड श्रृंखला के दूसरे दिन आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर प्रसिद्ध उद्योगपति अजीम प्रेमजी व सामाजिक कार्यकर्ता निवेदिता भिड़े ने संबोधित किया। सभी ने लोगों को इस कोरोना के संकट काल में सकरात्मक रहने को कहा। इसके साथ ही कहा कि वह दूसरों की मदद करते रहे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 05:59 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 05:59 PM (IST)
संकट पर विजय के लिए करुणा, सेवा व सकारात्मकता को बनाएं हथियार : श्रीश्री रविशंकर
हम जीतेंगे: पाॅजिटिविटी अनलिमिटेड श्रृंखला के दूसरे दिन आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर, कन्याकुमारी स्‍थि‍त व‍िवेकानंद केंद्र की उपाध्‍यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री निवेदिता भिड़े व प्रसिद्ध उद्योगपति व अब सामाजिक कार्यों में सक्रिय अजीम प्रेमजी ने भारतीय समाज से आह्वान किया कि कोरोना संकट का एकजुट होकर मुकाबला करें तथा करूणा व सेवा पर अपना ध्यान केंद्रित करें। "हम जीतेंगे- पाॅजिटिविटी अनलिमिटेड' व्याख्यानमाला श्रृंखला के अंतर्गत बुधवार को दूसरे दिन ये वक्तागत देश के लोगों को संबोधित कर रहे थे। व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन दिल्ली स्थित कोविड रिस्पॉन्स टीम (सीआरटी) द्वारा किया गया है।

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जोश को जगाने से उदासीपन हटेगा

द आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रविशंकर ने कहा, "मानसिक रूप से, सामाजिक रूप से हम सबके ऊपर एक जिम्मेदारी है। उस जिम्मेदारी को निभाने के लिए हमें सबसे पहले क्या करना है, हमारे भीतर के जो धैर्य है, शौर्य है, जोश है। अपने जोश को जगाएं। जोश को जगाने से उदासीपन अपने आप हट जाएगा।'

जो हो सकता है वो दूसरों के लिए करें

उन्होंने कहा, "करूणा की कब आवश्यकता है? जब व्यक्ति उदास है, दुःखी है, दर्द से पीड़ित है. यहां करूणा अपने भीतर जगाएं। करूणा जगाने का मतलब ये है कि हम सेवा कार्य में लग जाएं। अपने से जो हो सकता है, वो सेवा हम दूसरों की करें...ऐसे ही ये मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा है। कम से कम इस वक्त हम सबको ईश्वर भक्ति को हमारे भीतर जगाना है। ये जान कर हमको आगे बढ़ना है कि ईश्वर है और वो हमको बल देंगे, और दे रहे हैं।'

नकारात्मकता से बचें

उन्होंने कहा कि नकारात्मक मानसिकता और नकारात्मक बातों से हमें बचना चाहिए। नकारात्मक बातों को जितना कम हो सके, उतना कम करना चाहिए और जो वातावरण बोझिल लगता है, उसको हल्का करने के लिए हर व्यक्ति कोशिश करें। ये निश्चित है कि हम अवश्य इस संकट से बाहर आएंगे और विजेता बनकर आएंगे। जब भी किसी ताकत ने हमको दबाने की चेष्टा की, हम और बलवान होकर उससे निखरते आए हैं. इस बात को हम याद रखें। अभी अपने भीतर हिम्मत जुटाएं, करूणा की अभिव्यक्ति का यही समय है। अपने भीतर की करूणा को व्यक्त करें, ईश्वर विश्वास को जगाएं। योग-साधना और आयुर्वेद पर ध्यान दें, अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान दें। औरों के भले के लिए जो भी कर सकते हैं, वो करने के लिए तत्पर हो जाएं। इतना करने से हमारी जो मानसिक नकारात्मक स्थिति बढ़ती जा रही है, इससे हम बच सकते हैं।'

हमें अपने मतभेदों को भुलाकर राष्ट्र को एक साथ खड़े होने की जरूरत है: अजीम प्रेमजी

अजीम प्रेमजी ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि इस परिस्थिति में पूरे राष्ट्र को एक साथ खड़े होना चाहिए। हमें अपने मतभेद भुला देने चाहिए और इस बात को समझना चाहिए कि इस समय मिलकर कुछ करने का समय है। एक साथ रहेंगे तो हम मजबूत रहेंगे, अगर विभाजित हो जाएंगे तो संघर्षरत रहेंगे।' उन्होंने कहा, हमें सोचना चाहिए कि हमारे सारे प्रयास अब समाज के कमजोर तबके के लिए होंगे। मैं, सभी से आग्रह करता हूं कि समय की आवश्यकता है कि हम सब एक साथ मिलकर यथासंभव प्रयास करें। मैं आप सभी की सुरक्षा और आपको बल मिले, इसकी कामना करता हूं।'

कोरोना की दूसरी लहर से हम लड़खड़ा गए हैं

पद्मश्री निवेदिता भिड़े जी ने कहा कि शुरुआत में कोरोना की दूसरी लहर अप्रत्याशित रूप से इतने वेग से आई कि हम लड़खड़ा गए। पर अब हम संस्था, सरकार व समाज के स्तर पर संगठित हो रहे हैं और निश्चित ही इस चुनौती का हम सफलतापूर्वक सामना करेंगे।' उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इस चुनौतीपूर्ण समय में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए अपने परिजनों तथा आस-पास वालों के साथ रचनात्मक गतिविधियों में सक्रियता से भागीदारी सुनिश्चित करें। इसके अलावा अपने-आस कोरोना से प्रभावित परिवारों की सेवा करें, अगर यह भी नहीं कर सकते तो कम से कम संकल्प के साथ प्रार्थना करें, इससे भी वातावरण में सकारात्मक तरंगों का निर्माण होता है और माहौल में सकारात्मकता आती है।' उन्होंने कहा कि हमें भूलना नहीं चाहिए कि हम कोई साधारण राष्ट्र नहीं हैं, पहले भी ऐसी विपत्तियां व संकट हम पर आए हैं और हमने उनका सामना सफलतापूर्वक किया है, हम वर्तमान चुनौती का सामना भी सफलतापूर्वक करेंगे।'

व्याख्यानमाला का प्रसारण 100 से अधिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर 11 से 15 मई तक प्रतिदिन सायं 4:30 बजे किया जा रहा है। 13 मई को इस श्रृंखला के अंतर्गत शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती व प्रख्यात कलाकार पद्मविभूषण सोनल मानसिंह अपना उद्बोधन देंगे।


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