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दिल्ली विश्वविद्यालय में एमफिल को बंद करने का फैसला, पढ़िए और क्या होगा बड़ा बदलाव

नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों का मसौदा तैयार करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। डीयू अब एम. फिल बंद करेगा। विवि प्रशासन ने इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:45 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 12:45 PM (IST)
दिल्ली विश्वविद्यालय में एमफिल को बंद करने का फैसला, पढ़िए और क्या होगा बड़ा बदलाव
डीयू में 2022-23 सत्र से सभी विभागों में एम. फिल बंद होगा।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों का मसौदा तैयार करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। डीयू अब एम. फिल बंद करेगा। विवि प्रशासन ने इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी है जिसके अनुसार, 2022-23 सत्र से सभी विभागों में एम. फिल बंद होगा। ऐसा नई शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है। डीयू के विभिन्न शिक्षकों संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है।

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डीयू के कार्यकारी परिषद की पूर्व सदस्य आभा देव ने कहा कि पीएचडी के विपरीत, एम. फिल छात्रों के लिए एक अल्पकालिक शोध डिग्री है। करियर के लिहाज से यह काफी फायदेमंद है। सामाजिक विज्ञानी भी मानते हैं कि एम. फिल वाले विद्यार्थियों ने पीएचडी में बेहतर प्रदर्शन किया है। यह दुर्भाग्य है कि इसे किसी खामी के चलते नहीं, बल्कि नई शिक्षा नीति के तहत बंद किया जा रहा है।

अब विद्यार्थियों के पास विकल्प कम होंगे। बकौल आभा देव, एम. फिल करने वालों में महिलाएं अधिक होती थीं। इस निर्णय से उन्हें अधिक नुकसान होगा। अकादमिक परिषद के सदस्य मिथुराज ने एम. फिल बंद करने को गलत निर्णय करार दिया है। अकादमिक परिषद के ही पूर्व सदस्य देव कुमार ने बताया कि डीयू, जेएनयू और जामिया जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में एम. फिल दशकों से चल रहा था।

इस कोर्स ने अपनी प्रतिष्ठा, गुणवत्ता और मूल्य को स्थापित तथा साबित किया है। इसके तहत लघु शोध-प्रबंध की व्यवस्था थी। छोटी अवधि में शोध की मूलभूत ट्रेनिंग विद्यार्थियों को मिलती थी। पीएचडी के शोध में विद्यार्थियों को इससे काफी मदद मिलती थी। स्नातकोत्तर के बाद पीएचडी नहीं करने वाले विद्यार्थियों के पास एम. फिल की डिग्री होती थी जिसे वे कहीं भी दिखा सकते थे। इससे शोधार्थियों का नुकसान होगा।

अब तीसरे साल से शोध की सहूलियत : डीयू द्वारा नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए गठित कमेटी के सदस्य प्रो. निरंजन कुमार ने बताया कि स्नातक विद्यार्थियों को शोध के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। स्नातक पाठ्यक्रम के नए मसौदे में तीसरे साल के अंतिम सेमेस्टर में विद्यार्थी रिसर्च मेथोडोलाजी की पढ़ाई कर सकते हैं। शोध की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की डिग्री पर भी यह अंकित किया जाएगा।

एम. फिल में दाखिले की आखिरी तारीख बढ़ी : डीयू में 2021-22 शैक्षणिक सत्र में एमफिल-पीएचडी में दाखिले अभी चल रहे हैं। डीयू प्रशासन ने बताया कि अभ्यर्थियों के साक्षात्कार की प्रक्रिया चल रही थी, पर कोरोना के मामले बढ़ने से प्रक्रिया बाधित हुई। अब एम. फिल-पीएचडी में दाखिले की आखिरी तिथि 31 जनवरी तय की गई है।

अहम तथ्य

  • डीयू में आठ संकायों के तहत 31 से अधिक विभाग एमफिल कराते थे।
  • कला, वाणिज्य, शिक्षा, संगीत, गणितीय विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, एप्लाइड साइंस, विज्ञान में एम.फिल कराते थे।
  • एम.फिल की सात सौ से अधिक सीटें।
  • 2021-22 में एमफिल-पीएचडी के लिए किया था हजारों अभ्यर्थियों ने पंजीकरण

जामिया बंद कर चुका है एम. फिल

दिल्ली के उच्च शिक्षण संस्थानों में जामिया मिल्लिया इस्लामिया एम. फिल बंद करने वाला पहला विवि था। वर्ष 2020 में नई शिक्षा नीति संबंधी दिशा-निर्देश जारी हुए थे। उसके बाद जामिया ने तत्काल एम. फिल बंद कर दिया। जिन विद्यार्थियों ने एम. फिल में आवेदन किया था, उन्हें पीएचडी में समायोजित किया गया था। जामिया प्रशासन ने बताया कि नई शिक्षा नीति में दो वर्षीय शोध प्रोग्राम एम. फिल बंद करने का प्रविधान है। अभी तक जवाहर लाल नेहरू विवि ने एम. फिल बंद नहीं किया है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 में एमफिल में दाखिले हुए हैं।


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