रासुका संबंधी अधिसूचना को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने किया रेन्यू
दिल्ली पुलिस आयुक्त को मिले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) संबंधी अधिकार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिसूचना जारी कर नवीनीकृत (रिन्यू) किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस आयुक्त को मिले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) संबंधी अधिकार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिसूचना जारी कर नवीनीकृत (रिन्यू) किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के उपबंधों के तहत समाज और देश को नुकसान पहुंचाने वाले शख्स को पुलिस आयुक्त अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए बिना किसी सुबूत के हिरासत में लेकर जेल भिजवा सकते हैं।
इस कानून के तहत हिरासत में लिए गए शख्स को एक साल तक जेल में रहना पड़ सकता है। इस कानून के तहत गिरफ्तार किए गए शख्स को निचली अदालत में अपील करने का अधिकार भी नहीं रहता है। आरोपित केवल हाई कोर्ट में उसकी अपील दायर कर सकता है। इसके अलावा इस कानून के तहत गिरफ्तार व्यक्ति के संबंध में हाई कोर्ट भी पुलिस से तुरंत सुबूत नहीं मांग सकता। पुलिस को छह माह के भीतर सुबूत दे सकती है। शुक्रवार को जारी अधिसूचना 19 जनवरी से 18 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी।
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी एसीपी अनिल मित्तल ने बताया कि यह सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है। हर तीन महीने पर इस संबंध में अधिसूचना का नवीनीकरण किया जाता है। यह अधिकार आयुक्त को पहले से मिला हुआ है। इस संबंध में उपराज्यपाल द्वारा 10 जनवरी को आदेश पारित किया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत यदि सरकार को लगता है कि कोई शख्स समाज और देश के लिए खतरा साबित हो रहा है तो उसपर इस कानून के तहत कार्रवाई की जाती है।
इस कानून का इस्तेमाल जिलाधिकारी और राज्य सरकार भी अपने सीमित दायरे में कर सकते हैं। कानून के मुताबिक रासुका के तहत गिरफ्तार आरोपित पर आरोप तय किए बिना भी 10 दिनों तक हिरासत में रखा जा सकता है। हिरासत में लिया गया व्यक्ति हाई कोर्ट के सलाहकार बोर्ड के समक्ष अपील कर सकता है। लेकिन उसे कोर्ट में पेशी के दौरान वकील रखने की अनुमति नहीं होगी। आरोपित को 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। पुलिस आयुक्त को रासुका के प्रयोग का विशेषाधिकार दिया गया है, नियमित प्रक्रिया के तहत यह अधिसूचना जारी की जाती है