दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन में आया नया मोड़, AAP ने रखी ये 2 बड़ी शर्त
AAP के सूत्रों के मुताबिक गठबंधन होगा तो हरियाणा और चंडीगढ़ भी उसमें शामिल होगा। इसके अलावा कांग्रेस को AAP की पूर्ण राज्य की मांग का भी समर्थन करना होगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव-2019 के मद्देनजर दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन में नया मोड़ आ गया है। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी (Aam aadmi party) सिर्फ दिल्ली की सात लोकसभा सीटों लिए ही कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी।
दरअसल, आम आदमी पार्टी मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ((Arvind Kejriwal) के साथ AAP के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया है।
AAP के सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन होगा तो हरियाणा और चंडीगढ़ भी उसमें शामिल होगा। इसके अलावा, कांग्रेस को AAP की पूर्ण राज्य की मांग का भी समर्थन करना होगा।
वहीं, सूत्रों का कहना है कि दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच चर्चा लगभग हो चुकी है। बस फैसला होना बाकी है, लेकिन इन दोनों राज्यों में गठबंधन का मसला सुलझाए जाने के बाद पंजाब के संदर्भ में बातचीत की जाएगी। यह भी कहा जा रहा है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर दोनों दल सहमत हैं। यह बात भी कही जा रही है कि कांग्रेस दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के बाबत अपने घोषणा पत्र में संशोधन भी करेगी, लेकिन यह बात पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से नहीं कही गई है।
AAP-कांग्रेस में गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत में यह बात भी अहम है कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीली दीक्षित आम आदमी पार्टी से गठबंधन से कई बार इनकार कर चुकी हैं, लेकिन मीडिया के समक्ष यह भी स्वीकार कर चुकी हैं कि जैसे आलाकमान कहेगा वैसा वह करेंगी।
बताया जा रहा है कि एक-दो दिन पहले AAP-कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर आधिकारिक बातचीत हुई और इस बातचीत में दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन की बात हुई है। यह बात निकलकर सामने आई है कि पंजाब पर बाद में चर्चा होगी।
केजरीवाल क्यों जोर दे रहे हैं कांग्रेस से गठबंधन पर?
आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल दरअसल, कांग्रेस से गठबंधन कर सकारात्मक राजनीति की ओर देख रहे हैं। बताया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी से AAP के संबंध किसी सूरत में सामान्य नहीं हो सकते हैं, क्योंकि दिल्ली में भाजपा मुख्य विपक्षी दल भी है। ऐसे में गठबंधन होने पर भाजपा से टकराने के लिए कांग्रेस एक सहयोगी के तौर पर रहेगी।