दिल्ली में AAP-कांग्रेस गठबंधन तकरीबन तय, एक-दो दिन में हो सकता है ऐलान
दिल्ली के सियासी इतिहास में बड़े घटनाक्रम के तहत आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन के लिए प्रदेश कांग्रेस राजी नजर आ रही है। यह गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर होगा।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव तैयारियों के बीच दिल्ली के सियासी इतिहास में बड़े घटनाक्रम के तहत आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन के लिए प्रदेश कांग्रेस राजी नजर आ रही है। यह गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर होगा। इस आशय की औपचारिक घोषणा अगले कुछ दिनों में होने की संभावना है। इसकी वजह दिल्ली की सातों सीटों पर भाजपा को हराने की रणनीति बताई जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी बैकफुट पर आते हुए अपने पुराने रुख में नरमी के संकेत दिए हैं। इधर, AAP ने भी कांग्रेस के बदले रुख को देशहित में बताया है।
गठबंधन को लेकर AAP-कांग्रेस के बीच लंबे समय से चल रही जद्दोजहद के बीच शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव पीसी चाको ने जागरण से बातचीत में कहा कि गठबंधन देशहित में जरूरी है, इसलिए कांग्रेस देशभर में भाजपा विरोधी तमाम पार्टियों के साथ गठबंधन कर रही है।
दिल्ली की बात करें तो 2017 के निगम चुनाव में कांग्रेस को 22 व AAP को 28 फीसद मत मिले थे, जबकि भाजपा का मत फीसद 35 फीसद था। ऐसे में अगर AAP और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो दोनों का मत फीसद 50 हो जाएगा। पार्टी के हित में भी यही है कि दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबले से बचा जाए।
पीसी चाको ने भाजपा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि बड़े दुश्मन को हराने के लिए भी यह गठबंधन जरूरी है। दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों का बंटवारा भी मुश्किल नहीं है। चाको के मुताबिक, AAP के राष्ट्रीय संयोजक अर¨वद केजरीवाल का चरित्र या व्यक्तित्व इस समय प्रासंगिक नहीं है, प्रदेश कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की उनके और आप के प्रति नाराजगी भी स्वाभाविक एवं जायज है, लेकिन इस समय हर हाल में भाजपा को हराना एकमात्र लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस को गठबंधन का अनुभव नहीं है, लेकिन पार्टी का फैसला आते ही सभी शंकाएं और विरोध दूर हो जाएंगे। शीला जी को मना लिया जाएगा। वह पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी की नीतियों एवं विचारधारा से भी भली भांति परिचित हैं। शीला जी से बात हो गई है और उन्होंने राहुल गांधी से भी इस विषय पर मिलने का समय मांगा है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (DPCC) अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी कहा है कि पार्टी जो भी निर्णय लेगी, मुझे उससे कोई आपत्ति नहीं है। मैं पार्टी के हर निर्णय के साथ हूं।
वहीं, सौरभ भारद्वाज (प्रवक्ता, AAP) हम ये बात कहते आ रहे हैं और बुद्धिजीवियों व पार्टी समर्थकों का भी मानना है कि यदि AAP और कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस के उम्मीदवार AAP का वोट काटेंगे। दोनों साथ आकर भाजपा को हरा सकते हैं। अब ये बात कांग्रेस नेताओं को भी समझ में आ रही है।