Lockdown4: दिल्ली में परिवहन व्यवस्था कैसे होगी सुचारू, मंत्री ने बताया सरकार का प्लान
Lockdown4 में छूट मिलने पर किस तरह दिल्ली में परिवहन व्यवस्था सुचारू की जाएगी। इन्हीं सब मुद्दों पर वीके शुक्ला ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से बातचीत की।
नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते दिल्ली में करीब दो महीने से परिवहन व्यवस्था ठप है। 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू होने जा रहा है। इस चरण में शहर में कई तरह की छूट मिलने की संभावना है। शहर में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां शुरू होंगी, जिसके लिए सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था महत्वपूर्ण कड़ी है। छूट मिलने पर किस तरह दिल्ली में परिवहन व्यवस्था सुचारू की जाएगी। इन्हीं सब मुद्दों पर वीके शुक्ला ने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के अंश।
परिवहन व्यवस्था सुचारू करने के लिए प्रमुख मुद्दा क्या है?
हम दिल्ली के लोगों को सुरक्षित परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करा सकें, इसके लिए हमने तीन बिंदुओं पर काम करने का प्लान बनाया है। इसमें फिजिकल डिस्टेंसिंग, कांटेक्टलेस टिकटिंग और सुरक्षित यात्रा बनाने के लिए बसों को लगातार संक्रमण रहित करते रहना है। हमारा मकसद लोगों को सुरक्षित व्यवस्था मुहैया कराना है।
इस माहौल में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को लेकर किस तरह की चुनौतियां हैं?
- कोरोना को लेकर अब हम सभी को ज्ञात हो चुका है कि यह जल्द ही जाने वाला नहीं है। हमें इसी के साथ जीना है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि इससे बचाव के तरीके अपनाए जाएं। परिवहन को लेकर यह केवल सरकार के स्तर पर ही नहीं पूरा होगा, इसके लिए जनता का सहयोग भी जरूरी है।
परिवहन व्यवस्था को लेकर आप जनता से किस तरह की सहयोग की जरूरत महसूस करते हैं?
मेरा कहना है कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। उदाहरण के लिए अगर एक बस में 20 यात्रियों की अनुमति है तो बस में इतने ही यात्रियों को ही चढ़ना होगा। यह लोगों को ध्यान रखना होगा क्योंकि अगर किसी बस स्टैंड पर खड़े 50 लोग बस में एक साथ घुसने लगेंगे या घुस जाएंगे तो चालक बस नहीं चलाएगा। अब यह लोगों को ही देखना होगा कि आपस में सामंजस्य बनाकर बस में सीमित यात्री चढ़ें।
आपने कांटेक्टलेस टिकटिंग की बात की है। यह किस तरीके से संभव है?
कांटेक्टलेस टिकटिंग लिए लोगों को बस पास का उपयोग करना पड़ेगा। बेहतर उपाय बस पास है, जिससे लोग आसानी से यात्रा कर सकेंगे। स्मार्ट कार्ड भी एक रास्ता है। इससे भी यात्रा की जा सकती है। कोरोना को लेकर नकद से टिकट देने की व्यवस्था कम की जाएगी।
ऑटो टैक्सी आदि के लिए जो नियम बनाए गए हैं, इनका किस तरह से पालन कराया जाएगा?
आदेश का पालन कराने के लिए संबंधित एजेंसियां काम करेंगी। पुलिस और परिवहन विभाग व यातायात पुलिस नजर रखेगी। मैं पहले भी कह चुका हूं हर कार्य में जनता का सहयोग बहुत जरूरी है। लोगों को भी देखना होगा अपनी सेहत सुरक्षा के लिए नियमों का पालन करें। अगर टैक्सी या कार में 2 सवारियों के बैठने की अनुमति है तो केवल दो ही लोग बैठें।
पैराट्रांजिट वाहनों के चालकों के लिए पांच हजार की आर्थिक मदद देने के पीछे क्या कारण है?
-तमाम ऑटो, टैक्सी, ग्रामीण सेवा, फटफट सेवा व ई-रिक्शा के चालक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से गुहार लगा रहे थे कि वे खाली बैठे हैं, कुछ मदद करें। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर यह योजना शुरू की गई और अब तक 1.10 लाख चालकों को 55 करोड़ से अधिक की राशि बांटी गई है। इसके लिए सौ फीसद तकनीक का सहारा लिया गया।
पैसे बांटने में तकनीक का किस तरह सहारा लिया गया?
दरअसल यह एक बड़ी चुनौती थी लोगों को बगैर कार्यालय बुलाए उन्हें आर्थिक मदद दे दी जाए। इस कार्य में अगर हम केवल एनआइसी के सहारे रहते तो काम नहीं हो पाता। इसके लिए हमने सरकार के आइटी डिपार्टमेंट का सहारा लिया। परेशानी आई कि चालकों के नाम, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड में मेल नहीं खा रहे थे। ऐसे में फिर से सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया। चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड का फ्रंट साइज वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा गया। इस तरह 50 हजार लोगों ने अपने आधार कार्ड अपलोड किए और उन्हें पैसा दे दिया गया है। 10 हजार लोगों ने आधार कार्ड अपलोड नहीं किए हैं।
परिवहन क्षेत्र के विकास को लेकर सरकार की कई योजनाएं हैं। कोरोना वायरस को लेकर बदले हालात के चलते रणनीति में क्या बदलाव संभव है?
अभी हम कोरोना को लेकर बदले हालात से निपटने के लिए रणनीति पर काम कर रहे हैं। विकास की योजनाओं पर भी आगे चल कर फैसला लिया जाएगा।