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अक्षय तृतीया पर लॉकडाउन ने लगाई ज्वेलरी बाजार को 5000 करोड़ रुपये की चपत

Akshaya Tritiya 2021 News बाजार के जानकारों के मुताबिक अगर बाजारें खुली होती और कोरोना महामारी नहीं होती तो अकेले अक्षय तृतीया के दिन दिल्ली के ज्वैलर्स पांच हजार करोड़ रुपये का कारोबार करते। कुछ ऑनलाइन बुकिंग हुईं है लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 11:23 AM (IST)
अक्षय तृतीया पर लॉकडाउन ने लगाई ज्वेलरी बाजार को 5000 करोड़ रुपये की चपत
अक्षय तृतीया पर लॉकडाउन ने लगाई ज्वेलरी बाजार को 5000 करोड़ रुपये की चंपत

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। अक्षय तृतीया पर लॉकडाउन ने राष्ट्रीय राजधानी के ज्वेलरी बाजार को तकरीबन पांच हजार करोड़ की चंपत लगाई है। लगातार यह दूसरा वर्ष है जब सबसे अधिक बिक्री वाले चंद दिनों में से एक अक्षय तृतीया लाकडाउन के बीच गुजर रहा है। पुरानी दिल्ली के प्रमुख ज्वेलरी व बुलियन बाजार कूचा महाजनी की गलियों में इस दिन ग्राहकों की लंबी कतारें लग जाती थीं। पुलिस का इंतजाम करना पड़ता था, पर इस वर्ष यह बाजार सन्नाटे में है। इसी तरह का हाल चांदनी चौक के दूसरे बाजार दरीबा कलां का है। करोलबाग, साउथ एक्स, लक्ष्मी नगर, उत्तम नगर व कनॉट प्लेस की ज्वेलरी दुकानों का है जो लॉकडाउन में अन्य दुकानों के साथ बंद पड़ी हैं।

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बाजार के जानकारों के मुताबिक, अगर बाजारें खुली होती और कोरोना महामारी नहीं होती तो अकेले अक्षय तृतीया के दिन दिल्ली के ज्वैलर्स पांच हजार करोड़ रुपये का कारोबार करते। कुछ आनलाइन बुकिंग हुईं है, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। दूसरे बुकिंग से मामले को बिक्री तक पहुंचने के दरम्यान चीजें बदल भी सकती है।

कूचा महाजनी के कारोबारी संगठन द बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश ¨सघल ने कहा कि लाकडाउन नहीं होता तो इस कोरोना काल में कुछ करोबार तो होता, पर दिल्ली में जो भयावह स्थिति है और स्वास्थ्य इंतजाम चरमराई हुई है। उसमें व्यापारी ही दुकानें नहीं खोलना चाहते हैं। वह कहते हैं कि बिक्री की दृष्टि से यह दिन बड़ा खास होता है, क्योंकि इस दिन शादियां भी खूब होती हैं। लग्न चल रहे होते हैं। इसके चलते ज्वेलरी की मांग काफी रहती है।

दरीबा ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तरुण गुप्ता कहते हैं कि इस वर्ष बिक्री न के बराबर है, क्योंकि लाकडाउन के कारण बाजार खुले नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि कुछ मांगें नहीं आई, पर हम दुकानें खोलकर सरकार के दिशा-निर्देश तोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। इसलिए बिक्री नहीं की गई है। कुछ ज्वेलर्स ने कुछ मामलों में आनलाइन बु¨कग की है, पर उसे बिक्री नहीं कह सकते हैं, क्योंकि बिक्री के समय चीजें बदल सकती हैं।


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