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स्‍वास्‍थ्‍य : दान के पैसे से हुआ 50 मरीजों के लिवर का प्रत्यारोपण

अपोलो अस्पताल के मेडिकल निदेशक डॉ. अनुपम सिब्बल ने कहा कि लिवर प्रत्यारोपण पर करीब 18 लाख रुपये खर्च आता है। पिछले दो साल में अस्पताल में 57 मरीजों को लिवर प्रत्यारोपण किया गया है।

By Edited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 10:00 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 10:37 AM (IST)
स्‍वास्‍थ्‍य : दान के पैसे से हुआ 50 मरीजों के लिवर का प्रत्यारोपण
स्‍वास्‍थ्‍य : दान के पैसे से हुआ 50 मरीजों के लिवर का प्रत्यारोपण

नई दिल्ली, जेएनएन। देश में पहले बच्चे को किए गए लिवर प्रत्यारोपण के 20 साल पूरे हो गए। 20 महीने की उम्र में तमिलनाडु के कांचीपुरम के रहने वाले संजय कंदासामी नामक बच्चे को अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने लिवर प्रत्यारोपण किया था। वह अब 21 साल के हो चुके हैं। अब सफल लिवर प्रत्यारोपण भी सामान्य बात हो गई है पर यह सर्जरी अब भी महंगी है। हालांकि अब मरीजों की आर्थिक मदद के लिए अब बड़ी संख्या में लोग आगे आ रहे हैं। इसलिए अपोलो अस्पताल में पिछले दो साल में करीब 50 फीसद मरीजों को लिवर प्रत्यारोपण दान से वसूले गए पैसे से किया गया है।

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18 लाख होता खर्च
अपोलो अस्पताल के मेडिकल निदेशक डॉ. अनुपम सिब्बल ने कहा कि लिवर प्रत्यारोपण पर करीब 18 लाख रुपये खर्च आता है। पिछले दो साल में अस्पताल में 57 मरीजों को लिवर प्रत्यारोपण किया गया है। जिसमें 27 मरीजों का प्रत्यारोपण किसी की आर्थिक मदद से किया गया है। सोशल मीडिया भी मरीजों के लिए पैसा एकत्रित करने का बड़ा माध्यम साबित हो रहा है।

ज्यादातर मरीजों को उपयुक्त डोनर नहीं मिलना इलाज में सबसे बड़ा बाधक है। वर्तमान समय में हर साल करीब दो हजार बच्चों व 18,000 हजार वयस्कों को लिवर प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। जबकि हर साल करीब 1800 प्रत्यारोपण हो पाता है। क्रिकेटर गौतम गंभीर ने ब्रेन डेड डोनर प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने की अपील की। लिवर एक ऐसा अंग है जो जीवित व्यक्ति के दान करने पर उसका 90 फीसद हिस्सा करीब 12 सप्ताह में दोबारा वापस विकसित हो जाता है।

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के प्रबंध निदेशक अशोक बाजपेयी ने कहा कि अब तक 3200 मरीजों को लिवर प्रत्यारोपण किया गया है, जिसमें 10 वयस्क हैं। लिवर प्रत्यारोपण के 20 साल पूरे होने पर अपोलो अस्पताल आयोजित कार्यक्रम में संजय कंदासामी, क्रिकेटर गौतम गंभीर और मेडिकल निदेशक डॉ. अनुपम सिब्बल उपस्‍थित थे। ’

मेडिकल में अब खुद करना चाहता हूं चमत्कार
संजय 14 नवंबर, 2014 को पहले सफल लिवर प्रत्यारोपण पर डाक टिकट जारी किया गया था। तब संजय कंदासामी ने कहा था कि वह भी डॉक्टर बनना चाहते हैं। उन्होंने पुडुचेरी से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू भी कर दी है। वह तीसरे वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने कहा ,मैं भी चमत्कार करना चाहता हूं।


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