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Delhi Air Pollution: जानिये- आखिर क्यों 4 सालों में सबसे अधिक प्रदूषित रही इस बार की दीवाली

Delhi Air Pollution इस साल दीवाली वाले दिन यह 38 और उसके अगले दिन रविवार को 32 फीसद तक रही। इसी तरह ठंड भी इस साल जल्दी आ गई और न्यूनतम तापमान भी 10 या 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 08:30 AM (IST)
Delhi Air Pollution: जानिये- आखिर क्यों 4 सालों में सबसे अधिक प्रदूषित रही इस बार की दीवाली
इस समय पराली जलाने की घटनाएं अपने चरम पर हैं तो तापमान भी काफी कम चल रहा है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Air Pollution:  यह दीवाली चार सालों में सबसे अधिक प्रदूषित रही तो इसके पीछे पटाखों के साथ ही पराली का धुआं भी अहम कारक है। मौसमी परिस्थितियां भी ऐसी रहीं कि प्रदूषक कण छट ना पाए। अगली सुबह जब मौसम ने साथ दिया तो ही स्थिति में सुधार हुआ। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रविवार देर शाम जारी तुलनात्मक रिपोर्ट में सामने आया है कि 2019 में दीवाली 27 अक्टूबर को थी। उस दौरान दिल्ली का तापमान इतना कम नहीं था और पराली जलाने का पीक टाइम भी नहीं आया था। इसके विपरीत इस साल दीवाली नवंबर के मध्य में पड़ी। इस समय पराली जलाने की घटनाएं अपने चरम पर हैं तो तापमान भी काफी कम चल रहा है।

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मालूम हो कि गत दीवाली पर दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी सिर्फ 19 फीसद थी। वहीं इस साल दीवाली वाले दिन यह 38 और उसके अगले दिन रविवार को 32 फीसद तक रही। इसी तरह ठंड भी इस साल जल्दी आ गई और न्यूनतम तापमान भी 10 या 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। बीच-बीच में हवा भी शांत होती रही, जिसमें प्रदूषक तत्व वातावरण में जमने लगे। शनिवार को भी तापमान काफी कम था और हवा की गति धीमी थी, जो वायु प्रदूषक कणों के बिखराव को कम कर दिया। पिछले पांच सालों की तुलना में हवा की गति सबसे कम थी, यही कारण था कि प्रदूषक कणों का बिखराव इस दीवाली सबसे कम था। इस कारण दीवाली के दिन वायु प्रदूषण स्तर बहुत ज्यादा व गंभीर श्रेणी में पाया गया।

इस रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर के 37 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों की हर घंटे की निगरानी के आधार पर बताया गया है कि प्रदूषण बढ़ने का पीक टाइम दीवाली की रात 11 बजे से अगले दिन सुबह पांच बजे तक रहा। इस दौरान वायु प्रदूषण के स्तर में तेजी से वृद्धि देखने को मिली। पीएम 10 का स्तर 645 और पीएम 2.5 का स्तर 483 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक चला गया। इसी तरह कार्बन डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड जैसी गैसों के स्तर में भी इसी समयावधि के दौरान ज्यादा इजाफा देखने को मिला।

सीपीसीबी के मुताबिक, दीवाली के अगले दिन रविवार को हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी से बदलकर पूर्वी हो गई औैर उसकी रफ्तार भी 12 किमी तक हुई तो प्रदूषण कम होना शुरू हो गया। इसके पीछे बड़ा कारण यह भी रहा कि इस हवा के साथ पराली का धुआं नहीं आता। शाम के समय पश्चिमी विक्षोभ के असर से बारिश ने भी प्रदूषण को बढ़ने से रोकने में मदद की। सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में और कमी देखने को मिलेगी।

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