Delhi Crime News: मंदिर में बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपित पुजारी को आजीवन कारावास
मंदिर में दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामले में साकेत कोर्ट ने पुजारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि पुजारी ने अपने स्थान को अपवित्र करते हुए आस्था की परवाह नहीं की है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मंदिर में दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामले में साकेत कोर्ट ने पुजारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि पुजारी ने अपने स्थान को अपवित्र करते हुए आस्था की परवाह नहीं की है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विजेता सिंह रावत ने कहा कि 76 वर्षीय पुजारी विश्व बंधु ने मंदिर के भीतर बच्चों के साथ अपराध किया है। अगर ऐसे आरोपित को मुक्त किया गया तो अदालत भी अपने कर्तव्य में असफल हो जाएगी। न्यायाधीश ने कहा कि सुनवाई के दौरान किसी भी समय आरोपित ने कोई पछतावा नहीं दिखाया। ऐसे आदतन यौन शिकारियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ऐसे लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
अदालत ने अपने 16 जुलाई के आदेश में अमेरिकी कवयित्री माया एंजेलो की पुस्तक ‘आई नो ह्वाई द केज्ड बर्ड सिंग्स’ का भी हवाला दिया और कहा कि जब एक बाल पीड़ित की गरिमा का उल्लंघन एक वयस्क द्वारा किया जाता है, तो यह निंदनीय है। अदालत ने पुजारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही धमकी देने के आरोप में 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ पांच साल के कठोर कारावास की सजा भी सुनाई। न्यायाधीश ने प्रत्येक पीड़िता को मुआवजे के रूप में 7.5 लाख रुपये भी दिए जाने का निर्देश आरोपित को दिया है।