अस्पताल पर सियासत: LG अपने रुख पर कायम, सिसोदिया ने कहा- दिल्लीवालों के लिए संकट की स्थिति
दिल्ली में कोरोना बेड को लेकर चल रहा राजनीतिक खींचतान मंगलवार की दोपहर उस वक्त बढ़ गया जब दिल्ली के एजली अनिल बैजल ने एक बार फिर दिल्ली सरकार के आग्रह को ठुकरा दिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली में अस्पतालों में कोरोना बेड को लेकर चल रहा राजनीतिक खींचतान मंगलवार की दोपहर उस वक्त बढ़ गया, जब दिल्ली के एजली अनिल बैजल ने एक बार फिर दिल्ली सरकार के आग्रह को सिरे से ठुकरा दिया। दिल्ली सरकार की तरफ से मंगलवार को एजली से यह अपील की गई कि सरकार के फैसले को कायम रहने दिया जाए। इस अपील में यह कहा गया था कि दिल्ली में दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले अस्पताल के बेडों सिर्फ दिल्ली वालों के लिए ही आरक्षित रहेंगे। हालांकि, एजली ने इस बात को नहीं माना और यह साफ कर दिया कि अस्पताल के बेड पर सभी का हक होगा चाहे वह किसी भी राज्य के मरीज हों।
कैसे शुरू हुई खींचतान
सबसे पहले सात जून, 2020 को रविवार को केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों और निजी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों का ही इलाज होगा। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली कैबिनेट ने यह फैसला किया था। हालांकि, यह भी कहा गया था कि केंद्र के अस्पतालों में सभी इलाज करा सकते हैं।
इसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कोरोना काल के दौरान केवल दिल्लीवासियों के ही उपचार के केजरीवाल सरकार के फैसले को 24 घंटे के अंदर पलट दिया। अब इन अस्पतालों में सभी का इलाज होगा।
सीएम सहित कई नेताओं ने बताया दुखद
एलजी के द्वारा फैसले को बदले जाने के बाद सीएम केजरीवाल ने इसे दुखद बताया था। वहीं मंगलवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की मीटिंग में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने फिर से यह मांग करते हुए एजली से अपने फैसले पर गौर करने को कहा मगर एलजी ने इसे सिरे से नकार दिया।
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