आइए जानें वे कौन-से गुण हैं, जो प्रेरक व्यक्तित्व गढ़ने में हमारा सहयोग कर सकते हैं?
‘अपनी कहानी छोड़ जा कुछ तो निशानी छोड़ जा।’ इस गीत के बोल कानों में पड़ते ही मन में ऊर्जा का संचार हो जाता है। पर किसी चीज या व्यक्ति से प्रेरित होने से अधिक महत्व रखता है प्रेरित करना।
सीमा झा, जेएनएन। प्रेरणा बोझिल मन में आशाओं का संचार कर देती है। यदि हम प्रेरित रहें तो मन फूल की तरह खिला रहता है। खिले फूल को देखकर कौन नहीं प्रसन्न हो जाएगा। फूल का खिलना तो उसके आत्मविश्वास का प्रतीक है। वह कहां यूं ही खिल जाता है। कितने ही झंझावातों के बाद वह फूल बनता है। इसलिए देखा जाए तो प्रेरणा वहां भी है कि मुश्किलों से हार न मानें और पूरी तरह से तरह खिल जाएं। अतीत पर दृष्टि डालें या वर्तमान पर, हमारे जीवन में फूल की तरह प्रेरित करने वाले लोगों की कमी नहीं। ऐसे लोग हमारी तरह ही सामान्य इंसान होते हैं, पर जो चीज उन्हें असाधारण बना देती है, वह है उनकी संकल्प शक्ति और स्व को भटकाव से बचाते हुए आगे बढ़ते जाने की जिजीविषा।
होते हैं पीड़ाहारी: यह नहीं कह सकते कि जिनसे हम प्रभावित होते हैं, उन्हें कोई पीड़ा नहीं होती। वे बेहद संवेदनशील होते हैं। ऐसे लोग किसी बात का बुरा लगने पर आवेश में नहीं आते, शांत रहते हैं। वहीं, आमतौर पर लोग किसी की बात से तकलीफ होने पर शांत नहीं रह पाते। अक्सर सामने वाले के प्रति उनमें कटुतापूर्ण भाव जन्म ले लेता है। पर हम भीतर से जैसे होते हैं, जैसा हम सोचते हैं, बाहर वे विचार ही हमारे व्यवहार में नजर आएंगे। यदि भीतर क्रोध है तो व्यवहार में भी वह दिखेगा। ऐसे व्यवहार से वास्तव में आप किसी को प्रेरित नहीं कर सकते। वहीं, जो लोग प्रेरित कर सकते हैं, वे इससे उलट होते हैं। वे खुद में लगातार सुधार करते हैं, मंथन करते रहते हैं और बुरे भावों या विचारों के प्रभावों को बाहर नहीं आने देते। वे दूसरों को पीड़ा नहीं देते, क्योंकि उन्हें पता होता है यह भावनात्मक कमजोरी है। दरअसल, वे दूसरों की पीड़ा हरते हैं। अब जरा सोचिए, ऐसे लोग आप पर क्या प्रभाव डाल सकते हैं? यकीनन, हमारे मन पर ऐसे लोगों की अमिट छाप पड़ जाती है।
खुद को बदलने का बल : जो हमें प्रेरित करते हैं, उन्हें कभी किसी पड़ाव पर रुकना पसंद नहीं होता। वे डरकर या घबराकर पीछे हट जाना नहीं जानते। वे खुद को इस तरह बना लेते हैं कि किसी प्रकार का भय उनकी राह नहीं रोक पाता। जिसे हम बहादुरी कहते हैं, आप उनमें बखूबी देख सकते हैं। वे यह अच्छी तरह समझते हैं कि यदि आप दुनिया में बदलाव लाना चाहते हैं तो पहले खुद को बदलना होगा। चुनौतियों और बाधाओं से कैसे निकलना है, इसमें वे माहिर होते हैं। वे अपने काम से एक ही संदेश देते रहते हैं कि डरना स्वाभाविक है, लेकिन यदि आप इस पर विजय पा सकें तो आपकी जीत तय है।
खुद प्रेरित रहकर दूसरों को कर सकते हैं प्रेरित: मुश्किलें किसी भी इंसान को भीतर से झकझोर देती हैं। ऐसे में आत्मविश्वास और शक्ति जैसे भाप बनकर उड़ जाते हैं। पर आप देखेंगे कि प्रेरित करने वाले किसी इंसान या उनकी बातों से आपकी वह ताकत वापस लौटने लगी है। औरों को कैसे करें प्रेरित, इसके लिए कुछ उपयोगी बातें:
परवाह करें अपने शब्दों की, अपने कार्य की। आप जो कहते हैं और जो करते हैं, उसमें सामंजस्य है या नहीं, इस बात को गंभीरता से परखें।
- व्यक्तित्व को पारदर्शी बनाएं, ताकि लोग सहजता से आपसे जुड़ सकें
- उत्साह कभी कम न होने दें। यह काफी असर डालने वाला होता है। आप उत्साही हैं तो अपने आसपास को भी ऐसी ही ऊर्जा से भर देंगे
- भरोसा पाना मुश्किल होता है और खो देना बहुत आसान। दूसरों का भरोसा टूट न सके, इस बात का हमेशा ध्यान रखें
- सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करें। आलोचना ऐसी न हो, जिससे मन को ठेस लगे। यह ऐसी हो कि व्यक्ति रचनात्मक विकास के लिए खुद पहल करे
- प्रशंसा करें। इससे आपको भी अच्छा लगेगा। दरअसल, जब आप देखेंगे कि प्रशंसा के छोटे से बोल किसी के चेहरे पर मुस्कान की चमक बिखेर रहे हैं, तो आप और बेहतर करने के लिए प्रेरित हो जाएंगे
- खुद के प्रति संवेदनशील बनें। कमियों को स्वीकारें और सुधार के लिए प्रयासरत हों। खुद के प्रति आपकी यह सजगता औरों को भी प्रेरित करेगी
- एक अच्छे श्रोता बनें। सुनें पर केवल जवाब देने के लिए नहीं। शब्द सुनना तो आसान है, लेकिन क्या आप शब्दों के पीछे की संवेदनाओं को भी समझ पा रहे हैं? यदि हां तो आप सचमुच प्रेरित करने वाले व्यक्ति हैं।
- आपको तब तक कोई प्रेरित नहीं कर सकता, यदि आप केवल भाग्य में यकीन रखेंगे। आप ऐसे इंसान बनें, जिसका लक्ष्य ऊंचा हो। इसके लिए वह कर्म पर सौ फीसद यकीन रखता हो। सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रतिबद्ध रहता हो
- किसी अप्रिय परिस्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने से भरसक बचें। उग्र व्यवहार न करें। संयम का परिचय दे सकें तो आप देखेंगे कि लोगों की नजरों में आपके प्रति कितना सम्मान होगा। इस तरह आप एक प्रेरित करने वाले इंसान हो सकते हैं
भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं प्रेरित करने वाले लोग: महात्मा गांधी दूसरों को प्रेरित करने वाले एक आदर्श नेता थे। ऐसे सशक्त नेतृत्व का एक खास लाभ होता है। वे अनेक मजबूत नेतृत्व पैदा कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर मार्टिन लूथर किंग का नाम कौन नहीं जानता। अमेरिका के नागरिक अधिकार आंदोलन के वे एक प्रभावी नेता थे। लूथर गांधी के असहयोग और अहिंसा के सिद्धांतों से काफी प्रभावित थे। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला। 14 अक्टूबर, 1964 को दिया गया उनका भाषण आज भी उतना ही प्रभावशाली और प्रेरक लगता है। आपने देखा होगा कि जिन्हें हम सर्वोच्च आदर्श मानते हैं, वे भावनात्मक रूप से बहुत मजबूत होते हैं। वे संवदेनशील तो होते हैं पर आत्मकेंद्रित नहीं होते। खुद के साथ वे औरों के प्रति भी उतने ही संवेदनशील होते हैं। उन्हें पता होता है कि कौन-सी बात हमें ठेस पहुंचा रही है? यही वजह है कि वे जन-जन के प्यारे नेता बन जाते हैं।
सामूहिक शक्ति पर यकीन: हमें जिन पर यकीन है, जिनकी बातों पर भरोसा है, जिनके एक इशारे पर लोग सहज ही बड़ी से बड़ी चुनौतियों से भिड़ने को तैयार हो सकते हैं, वे सामूहिक शक्ति में भरोसा करते हैं। वे औरों को आगे बढ़ाने में यकीन रखते हैं। अपनी संपत्ति, शक्ति या प्रभाव बढ़ाने पर फोकस नहीं करते। वे हमेशा चाहते हैं कि उनके साथ के लोग भी आगे बढ़ें, उन ऊंचाइयों पर पहुंचे, जिनके बारे में वे कल्पना करते हैं। प्रेरित करने वाले लोग हमेशा यह मानते हैं कि सबको साथ लेकर ही हम वास्तविक सफलता हासिल कर सकते हैं। पर आप यह अनुभव कर सकते हैं कि यह केवल उनकी इच्छा तक ही सीमित नहीं होता। दरअसल, जो हमारे भीतर प्रेरणा जगाते हैं, वे हमें आगे बढ़ाने की दिशा में सक्रिय रूप से मदद भी करते रहते हैं। चलते-चलते हम कभी निराश हो जाएं तो पीठ पर थपकी देकर हौसला बढ़ाना भी उन्हें बखूबी आता है। क्या आपकी जिंदगी में ऐसे लोग हैं? यदि हां, तो उन्हें सम्मान दें। उन्हें अपनी जिंदगी से ओझल न होने दें।
[डॉ. राजेश मोहन राय, मास्टर कोच एवं मोटिवेशनल स्पीकर]