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Indian Railway News: रेलवे को नुकसान पहुंचाया तो हो सकती है उम्रकैद, ये 3 गलती पड़ेगी भारी

Indian Railway News ट्रेन के ऊपर लकड़ी का कोई सामान या पत्थर व अन्य सामान फेंकने पटरी को नुकसान पहुंचाने वालों को धारा 150 के तहत आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। ऐसे में ऐसी कोई हिमाकत नहीं करें।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 12:01 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2021 07:47 AM (IST)
Indian Railway News: रेलवे को नुकसान पहुंचाया तो हो सकती है उम्रकैद, ये 3 गलती पड़ेगी भारी
हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन में कई स्थानों पर रेलवे की संपत्ति को निशाना बनाया गया था।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। आंदोलन के नाम पर अक्सर रेलवे को निशाना बनाया जाता है। कभी ट्रेनों की आवाजाही रोक दी जाती है, तो कभी रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है। इससे न सिर्फ रेलवे को आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों की परेशानी भी बढ़ जाती है। कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर लगभग दो माह तक पंजाब में रेल परिचालन पूरी तरह से ठप रहा था। अब एक बार फिर से 18 फरवरी को रेल रोकने का एलान किया गया है, जिससे रेल अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। ट्रेन के ऊपर लकड़ी का कोई सामान या पत्थर व अन्य सामान फेंकने, पटरी को नुकसान पहुंचाने वालों को धारा 150 के तहत आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। इसके बावजूद सख्ती नहीं हो पाती है। इस वजह से रेलवे यात्रियों को परेशान करने व रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला भी नहीं थम रहा है।

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बता दें कि रेल रोको आंदोलन के नाम पर या फिर रेल परिचालन में किसी तरह की बाधा डालने वालों के खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई का प्रविधान है। धारा 174 के तहत रेलवे ट्रैक पर बैठकर या अवरोधक लगाकर, रेल के हौजपाइप से छेड़छाड़ करके या सिग्नल को नुकसान पहुंचाकर ट्रेन परिचालन बाधित करने वालों को दो वर्ष की जेल की सजा या दो हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों का प्रविधान है। रेलवे कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, रेल या उसके किसी भाग में अवैध रूप से प्रवेश करने पर धारा 146 व 147 छह माह की सजा या एक हजार रुपये का जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है।

आशुतोष गंगल (महाप्रबंधक, उत्तर रेलवे) का कहना है कि अमृतसर के जंडियाला गुरु स्टेशन के पास अभी भी प्र्दशनकारी धरने पर बैठे हुए हैं। जिस वजह से अमृतसर जाने वाली ट्रेनों को तरनतारन के रास्ते चलाया जा रहा है। कई ट्रेनें रद भी हो रही हैं।

जाट आरक्षण आंदोलन में रेलवे संपत्ति को बनाया गया था निशाना

हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन में कई स्थानों पर रेलवे की संपत्ति को निशाना बनाया गया था। कई दिनों तक दिल्ली-रोहतक सहित अन्य मार्गों पर रेल परिचालन बंद रखना पड़ा था। आंदोलन के दौरान हुई हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़, रास्ता रोकने और रेल परिचालन में बाधा डालने व रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में लगभग तीन सौ मामले दर्ज हुए थे, बाद में 137 केस वापस ले लिए गए थे।

पंजाब में मामले दर्ज हुए, फिर भी नहीं हुई गिरफ्तारी

कृषि कानूनों का विरोध करते हुए पंजाब में प्रदर्शनकारियों ने पिछले वर्ष 24 सितंबर से 24 नवंबर तक रेल परिचालन पूरी तरह से ठप कर दिया था, जिससे उत्तर रेलवे को 25 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं, दशहरा, दिवाली, छठ और नवरात्र के दिनों में लोग सफर नहीं कर सके। माल ढुलाई ठप होने से पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कारोबारियों व किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ा। तीनों राज्य रेल मार्ग से दिल्ली व अन्य शहरों से कट गए थे। रेलवे सुरक्षा बल ने पंजाब में अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ रेल परिचालन में बाधा डालने का केस दर्ज किया, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। किसी को नामजद भी नहीं किया गया।


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