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दिल्ली में अब घर के पास ही कंप्यूटर सीख सकेंगे छात्र, मनीष सिसोदिया ने किया 'लैब ऑन व्हील्स' का उद्घाटन

डीटीयू द्वारा शुरू किए गए इस अनूठे पहल पर सिसोदिया ने कहा कि हम सबका सपना है कि इंजीनियरिंग को विस्तार मिले और खुशी की बात है कि डीटीयू ऐसे मॉडर्न इंजीनियरिंग कोर्सेज की शुरुआत कर रही है जिसकी आज से 10 साल बाद बहुत ज़्यादा मांग होगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 06:31 PM (IST)
दिल्ली में अब घर के पास ही कंप्यूटर सीख सकेंगे छात्र, मनीष सिसोदिया ने किया 'लैब ऑन व्हील्स' का उद्घाटन
डीटीयू द्वारा शुरू किए गए मॉडर्न इंजीनियरिंग कोर्सेज से होगा इंजीनियरिंग का विस्तार

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय में तैयार किए गए नए क्लासरूम कॉम्प्लेक्स 'प्रज्ञा भवन', डिपार्टमेंट ऑफ डिज़ाइन के नए भवन और डीटीयू द्वारा तैयार किए गए वाहन 'लैब ऑन व्हील्स' का मंगलवार को डीटीयू के रोहिणी कैंपस में उद्घाटन किया। डीटीयू द्वारा तैयार किए गए लैब ऑन व्हील वाहन में 17 कंप्यूटर, 2 बड़े टीवी, एक थ्रीडी प्रिंटर, AC और लोगों के इस्तेमाल के लिए एक प्रिंटर भी लगाया गया है। ये लैब दिल्ली के कई इलाकों में जाएगा। इस लैब में छात्रों को कंप्यूटर सिखाया जाएगा, साथ ही इस लैब में थ्री डी प्रिंटिंग के गुर भी सिखाए जाएंगे। इस वाहन के द्वारा दिल्ली के स्कूली छात्रों के साथ-साथ रिमोट क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा।

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शिक्षा आपके द्वार कार्यक्रम के तहत तैयार किया गया यह वाहन स्कूलों, ग्रामीण क्षेत्रों और सामुदायिक केंद्रों पर जाएगा जिससें लोगों के बीच शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली सरकार के 18 विद्यालय डीटीयू के साथ आउटरीच प्रोग्राम से जुड़े हुए है। विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डीटीयू के छात्र इन स्कूलों के छात्रों को गाइडेंस देते है। इसी आउटरीच कार्यक्रम के तहत इस लैब को लांच किया गया है। जिसके माध्यम से डीटीयू के स्टूडेंट्स लेक्चर और ट्यूटोरियल के माध्यम से स्कूलों के छात्रों और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के बच्चों को पढ़ाएंगे।

डीटीयू द्वारा शुरू किए गए इस अनूठे पहल पर सिसोदिया ने कहा कि हम सबका सपना है कि इंजीनियरिंग को विस्तार मिले और खुशी की बात है कि डीटीयू ऐसे मॉडर्न इंजीनियरिंग कोर्सेज की शुरुआत कर रही है जिसकी आज से 10 साल बाद बहुत ज़्यादा मांग होगी। उन्होंने कहा कि डीटीयू द्वारा शुरू किए गए बैचलर ऑफ डिज़ाइन कोर्स से पहले कोई ये विश्वास नहीं कर सकता था कि फाइन आर्ट्स, हयूमैनिटिज़ और लैंग्वेज के छात्र भी इंजीनियर बन सकते है लेकिन डीटीयू ने उन छात्रों के सपनों को पूरा करने का काम किया है। आज इंजीनियरिंग बनने का सपना देखने वाले छात्र विज्ञान, गणित पढ़े बिना भी इंजीनियर बन सकते है ये डीटीयू के माध्यम से ही संभव हो सका है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमें शिक्षा को जनांदोलन बनाना है लेकिन केवल बेहतर स्कूली इमारतें बनाने से शिक्षा जनांदोलन नहीं बनेगा बल्कि शिक्षा को जनांदोलन बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों को एक न्यूनतम बेंचमार्क तैयार करना होगा और गारंटी लेनी होगी कि उस संस्थान से निकला हरेक छात्र कम-से-कम एक निर्धारित पायदान पर खड़ा हो। अपनी मेहनत और लगन से छात्र उच्चतम बेंचमार्क स्वयं प्राप्त कर लेगा और दिल्ली सरकार इस दिशा में संसाधनों में कमी नहीं आने देगी।


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