पुलिस हिरासत से कुलदीप के फरार होने ने बाद याद आई थी नीरज बवाना के मामा व कांग्रेस के पूर्व विधायक रामबीर शौकीन के फरार होने की कहानी
दिल्ली में एक कुख्यात बदमाश है नीरज बवाना बदमाश का नाम नीरज है चूंकि वो बाहरी दिल्ली के बवाना गांव से संबंध रखता है इस वजह से उसे नीरज बवाना के नाम से जानते है। नीरज के मामा है रामबीर शौकीन।
नई दिल्ली, [विनय तिवारी]। ये पहला मौका नहीं था जब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त से कोई शातिर और इनामी बदमाश फरार होने में कामयाब हुआ था। इससे पहले भी ऐसे कुछ किस्से सामने आ चुके थे जिसमें पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। हालांकि पुलिस ने पहले अपने को बचाने के लिए अपने अधिकारियों को गलत जानकारी दी मगर जब मामला खुलता देखा तो अपनी गलती स्वीकार की और बदमाश की फरारी की पूरी दास्तान सुनाई। दिल्ली में एक कुख्यात बदमाश है नीरज बवाना, बदमाश का नाम नीरज है चूंकि वो बाहरी दिल्ली के बवाना गांव से संबंध रखता है इस वजह से अपराध की दुनिया में उसे नीरज बवाना के नाम से जाना जाता है। इसी नीरज के मामा है रामवीर शौकीन। रामबीर शौकीन दिल्ली के गैंगस्टर नीरज बवाना के मामा है।
गौरतलब है कि नबंवर 2016 में लंबे समय से फरार चल रहे दिल्ली के पूर्व निर्दलीय विधायक रामवीर शौकीन को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। रामवीर पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था।कुलदीप उर्फ फज्जा के पुलिस की आंखों में धूल झोंकने से पहले रामवीर शौकीन ही ऐसे इनामी बदमाश निकले थे जो पुलिस की मौजदूगी में ही फरार हो गए थे। मकोका के तहत मुकदमा दर्ज होने के 19 महीने बाद 27 नवंबर 2016 को बड़ी मुश्किल से वह स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ पाया था। अब दोबारा उसे गिरफ्तार करने में दिल्ली पुलिस के पसीने छूट जाएंगे।
पुलिस कस्टडी से हो गया था फरार रामवीर शौकीन को बागपत पुलिस 26 सितंबर 2018 को इलाज कराने के लिए बागपत जेल से दिल्ली के सफदरगंज हास्पिटल लेकर गई थी। आरोपित पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। उसने 22 दिसंबर 2020 को दिल्ली की एक कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। वो दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
नीरज बवाना का मामा है पूर्व विधायक दिल्ली के कुख्यात अपराधी नीरज बवाना का पूर्व विधायक रामवीर शौकीन मामा है। मामा के कहने पर ही अपराधी नीरज बवाना ने अपने साथियों के साथ मिलकर अमित उर्फ भूरा को पुलिस कस्टडी से छुड़ाया था। रामबीर शौकीन का संबंध कांग्रेस पार्टी से रहा है लेकिन 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने मुंडका सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में रामबीर ने जीत दर्ज की थी और उन्होंने अरविंद केजरीवाल की 49 दिन की सरकार को समर्थन भी दिया था।
चकमा देकर हुआ फरार रामबीर शौकीन पुलिस की कस्टडी से उस वक्त फरार हुआ जब पुलिस उसे केस की सुनवाई के लिए दिल्ली लेकर आई थी। सुनवाई से पहले रामबीर ने तबीयत खराब होने की शिकायत की। पुलिसकर्मी उसे लेकर सफदरजंग अस्पताल आए इसी दौरान उससे मिलने परिवार वाले भी सफदरजंग अस्पताल पहुंच गए। शौकीन जब अपने परिवार वालों से मिल रहा था उसी दौरान पुलिस को चकमा देेकर फरार हो गया।
बागपत पुलिस ने दिल्ली पुलिस को दी सूचना ये वाक्या दोपहर 2 बजे हुआ, पहले तो बागपत पुलिस ने खुद उसे खोजने की काफी मशक्कत की मगर जब रामवीर शौकीन उनके हाथ नहीं आया तो उन्होंने पांच बजे दिल्ली पुलिस को सूचना दी। रामवीर शौकीन की फरारी की खबर के बाद यूपी पुलिस ने बागपत के तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था।
जमीन के अंदर छिपाई एके-47 रामबीर शौकीन का भांजा और मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर नीरज बवाना गंभीर अपराधों में लिप्त रहा है। साल 2014 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत में नीरज बवाना गिरोह ने पुलिस के जवानों से दो एके-47 राइफल लूटकर गैंगस्टर अमित भूरा को रिहा कराया था। इनमें से एक राइफल रामबीर शौकीन के बवाना स्थित प्लॉट से बरामद की गई थी, जो जमीन के अंदर छिपाई गई थी। एके-47 बरामद होने के बाद रामबीर फरार हो गया था। काफी मशक्कत के बाद दिल्ली पुलिस ने रामबीर को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने रामबीर पर मकोका भी लगाया था।
पत्नी भी लड़ चुकी है चुनाव
रामबीर नीरज बवाना के वसूली रैकेट में बड़े पैमाने पर सक्रिय था। उस पर अपने भांजे नीरज के साथ अपराध में साथ देने और गैंगस्टर अमित भूरा को पुलिस हिरासत से फरार कराने का आरोप है। साथ ही एके-47 रखने का भी आरोप है। रामबीर शौकीन की पत्नी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था इस चुनाव में वह हार गई थीं। फरवरी 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा के चुनाव की वोटिंग से एक दिन पहले नीरज बवाना गिरोह के 9 गैंगस्टर रामबीर शौकीन की पत्नी कांग्रेस की उम्मीदवार रीटा शौकीन के लिए प्रचार करते हुए गिरफ्तार कर लिए गए थे।
ऐसे रची थी भागने की साजिश 26 सितंबर 2018 को बागपत के चार पुलिसकर्मी रामवीर को बागपत जेल से जिप्सी में बैठा सफदरजंग अस्पताल में इलाज कराने के लिए आए थे। वे लोग अस्पताल न जाकर रामवीर को नेब सराय देवली में रह रही सास विमला देवी के घर आ गए थे। रास्ते से ही रामवीर ने एक सिपाही के मोबाइल से मनोज नाम के युवक को फोन कर दिया था और वह चार लोगों के खाने पीने का बढ़िया इंतजाम करके रखे। शौकीन के निर्देश पर मनोज ने शराब व खाने का इंतजाम कर दिया था। दोपहर 12 बजे शौकीन पुलिसकर्मियों के साथ देवली पहुंच गया था। मनोज, विमला देवी का पड़ोसी है। उसकी विमला देवी के परिवार से घनिष्ठता है। जिप्सी के चालक को छोड़ तीन पुलिसकर्मियों ने वहां जमकर शराब पी थी और खाना खाया था। पुलिसकर्मियों को नशा चढ़ने पर दूसरे कमरे में मौजूद शौकीन, पत्नी व अपने गुर्गे के साथ वहां से भाग गया था।