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Delhi Weather Forecast News Update: नवंबर में ही शीतलहर की चपेट में आई दिल्ली, पढ़िये- अगले कुछ दिनों के मौसम का हाल

मौसम विभाग ने अभी दो दिन और शीत लहर का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। हैरानी की बात यह कि पिछले सात दशकों में सात बार ही नवंबर में शीत लहर चली है वह भी केवल एक-एक दिन के लिए।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 07:41 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 10:31 AM (IST)
Delhi Weather Forecast News Update: नवंबर में ही शीतलहर की चपेट में आई दिल्ली, पढ़िये- अगले कुछ दिनों के मौसम का हाल
दिल्ली में नवंबर के दौरान आमतौर पर इतनी सर्दी कभी नहीं पड़ती, जितनी इस साल पड़ रही है।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। देश-विदेश में मशहूर दिल्ली की सर्दी इस बार नवंबर में ही गजब ढा रही है। न्यूनतम तापमान तो एकल अंक में आ ही गया है, शीत लहर ने भी राजधानी दिल्ली को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। मौसम विभाग ने अभी दो दिन और शीत लहर का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। हैरानी की बात यह कि पिछले सात दशकों में सात बार ही नवंबर में शीत लहर चली है, वह भी केवल एक-एक दिन के लिए जबकि इस साल यह स्थिति तीन दिन की बन रही है।

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मौसम विज्ञानियों के मुताबिक दिल्ली में नवंबर के दौरान आमतौर पर इतनी सर्दी कभी नहीं पड़ती, जितनी इस साल पड़ रही है। इस महीने के पहले पखवाड़े में न्यूनतम तापमान 14 से 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। लेकिन इस बार एक नवंबर को ही ये 11.4 डिग्री सेल्सिस था और उसके तो बाद हर दिन नीचे गिरता रहा है। शुरुआती 20 दिनों में ही अनेक बार न्यूनतम तापमान 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुका है।

पिछले सात दशक के दौरान नवंबर में शीत लहर भी सिर्फ 1953, 1962, 1966, 1967, 1996, 2013 और 2014 में ही चली, लेकिन एक एक दिन के ही लिए। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि इस बार समय से पहले और अधिक ठंड पड़ने के पीछे प्रमुख वजह बादलों का नहीं होना यानि आसमान साफ रहना है। बादल होते हैं तो धरती और सूर्य से निकलने वाला विकिरण वातावरण में फैल नहीं पाता। ऐसे में तापमान बढ़ता है, जबकि बादल नहीं होने पर यह विकिरण फैल जाता है। इस सूरत में तापमान गिरता है। इसके अतिरिक्त इस बार ठंड बढ़ने का एक दूसरा कारण ला लीना का प्रभाव भी है। पिछले साल के मुकाबले इस साल ला लीना अपेक्षाकृत कमजोर स्थिति में है। इस स्थिति में कड़ाके की ठंड पड़ती है।

महेश पलावत (मुख्य मौसम विज्ञानी, स्काईमेट वेदर) का कहना है कि इस समय न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री नीचे चल रहा है। यह शीत लहर की ही स्थिति है। अगर यह चार डिग्री भी कम होता, तब भी शीत लहर चलती। 23 नवंबर को नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने पर हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी से बदलकर दक्षिणी पूर्वी हो जाएगी। तभी तापमान बढ़ेगा और इस शीत लहर से राहत मिलेगी, उससे पूर्व नहीं। 

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