सीट बेल्ट नहीं लगाने के पीछे है बड़ा वैज्ञानिक कारण, जानकर होगी हैरानी
जानकारी सामने आई है कि कार की पिछली सीट पर बैठने वाले लोग सीट बेल्ट लगा लें तो दुर्घटना में मौत का खतरा 75 फीसद तक कम हो जाता है।
नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। आज के समय में सरकार और पुलिस सीट बेल्ट और हेल्मेट को लेकर बहुत सख्त हो गई है। कार चलाते समय सीट बेल्ट न लगाने पर जुर्माना भी लगता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कार में आगे की सीट पर बैठने वाले लोग सीट बेल्ट का प्रयोग करें तो दुर्घटना के समय मौत का खतरा 40-50 फीसद कम हो जाता है। वहीं कार की पिछली सीट पर बैठने वाले लोग सीट बेल्ट लगा लें तो दुर्घटना में मौत का खतरा 75 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
सर्वे में आए चौंकाने वाले आंकड़े
सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों ने जान गंवाई है। यानी सड़क दुर्घटना में हर एक मिनट में 17 लोगों की मौत हो रही है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2016 में सीट बेल्ट नहीं लगाने से पांच हजार 638 लोगों ने जान गंवाई। वहीं सीट बेल्ट लगाने से 50 फीसद जानें बचाई जा सकती थीं। वहीं एक कार निर्माता कंपनी की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, कार में आगे बैठने वाले केवल 25 फीसद लोग ही सीट बेल्ट पहनते हैं, जबकि कार में पीछे बैठे मात्र चार फीसद लोग ही सीट बेल्ट का उपयोग करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार 35 फीसद कार इस्तेमाल करने वालों ने कभी सीट बेल्ट पहनी ही नहीं है। हैरत की बात है कि एसयूवी चलाने वाले 77 फीसद लोग, हैचबैक चलाने वाले 72 फीसद लोग, सेडान चलाने वाले 68 फीसद और लग्जरी कार चलाने वाले 59 फीसद लोग सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं।
सीट बेल्ट लगाने का है वैज्ञानिक कारण
सीट बेल्ट लगाने के पीछे बड़ा वैज्ञानिक कारण है। दरअसल जड़त्व के सिद्धांत के अनुसार, अगर कोई वस्तु गतिमान है तो वो गतिमान अवस्था में ही रहेगी और कोई भी वस्तु रुकी है तो वो रुकी हुई अवस्था में रहेगी। जब तक उस पर कोई बाहरी बल न लगाया जाए। जब हम कार में चल रहे होते हैं तो कार के साथ-साथ हमारा शरीर भी गतिमान अवस्था में होता है, लेकिन कार को रोकने के लिए हम उसमें ब्रेक लगाते हैं, जबकि हमारा शरीर गतिमान रहता है क्योंकि हमने इसमें कोई बल नहीं लगाया और गति में होने की वजह से हम आगे की तरफ झुक जाते हैं। ऐसे में सिर कार की स्टेयरिंग या डैशबोर्ड से टकरा सकता है। ऐसे में सीट बेल्ट काम में आती है। यह शरीर को आगे नहीं बढ़ने देती, जिससे हम दुर्घटना से बच जाते हैं।
जुर्माने का भी है प्रावधान
कार और अन्य चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट बांधना अनिवार्य है। सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 138(3) एवं 177 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई करने का अधिकार परिहवन विभाग, यातायात विभाग और पुलिस में उपनिरीक्षक से ऊपर के अधिकारी को है। इसका जुर्माना 100 रुपये से 300 रुपये है।
कार में बच्चों का ध्यान रखना जरूरी
अपने बच्चे को कार में हमेशा सीट बेल्ट से बांध कर रखें। छोटे खास तौर पर दुधमुहे बच्चों को कार में हमेशा उनके लिए विशेष तौर पर बनीं सीट में ही बिठाना चाहिए। दो वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों की सीट का मुंह हमेशा गाड़ी के पीछे वाले हिस्से की ओर रखा जाए, क्योंकि छोटे बच्चों के सिर और गले की मांसपेशियां झटके को ङोलने में असमर्थ होती हैं। वहीं 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कार की पिछली सीट पर ही बैठना चाहिए।
बच्चों के लिए बेहद जरूरी है हेल्मेट
दोपिहया वाहन पर सफर करते समय बच्चों की पकड़ ढीली होती है। कई बार वे वाहन पर सो भी जाते हैं। ऐसे में दुर्घटना के वक्त वे उछलकर दूर जाकर गिरते हैं। हेल्मेट लगाने से सिर पर गंभीर चोट लगने का खतरा काफी कम हो जाता है।
नई कारों में बिना सीट बेल्ट लगाए नहीं खुलेगा एयर बैग
सीट बेल्ट बांधने के दो बड़े फायदे होते हैं। पहला, गंभीर चोट नहीं आती और कार में लगा एयर बैग दुर्घटना के समय खुल जाएगा। नई कारों में अब ऐसी सुविधा आने लगी है कि अगर कार में एयर बैग की सुविधा है और आपने सीट बेल्ट नहीं लगाई है, तो दुर्घटना के समय एयर बैग नहीं खुलेगा। बेल्ट नहीं बांधने पर दुर्घटना के समय झटका लगता है, जिससे रीढ़ ही हड्डी और गर्दन के जोड़ में चोट आती है। झटका लगने के कारण लीवर भी फट सकता है। इतना ही नहीं हार्ट अटैक भी हो सकता है।
हेलमेट नहीं तो सड़क हादसे में मुआवजा और क्लेम भी नहीं
दोपहिया वाहन चलाते समय अगर दूसरे वाहन चालक की गलती से आपको चोट लग जाए और आपने हेल्मेट नहीं पहना है तो आप क्लेम के हकदार नहीं होंगे। मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल के अनुसार, दूसरी पार्टी पर गलती डालकर आप बीमा की राशि या उससे मुआवजा नहीं ले सकते।