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जानिये- पूर्वी दिल्ली में डॉक्टरों को अब सुरक्षाकर्मियों पर क्यों नहीं रहा भरोसा

अस्पताल परिसर की कानाफूसी में लोगों से पता चला है कि परिसर में खड़े वाहनों से इन दिनों पेट्रोल बहुत चोरी हो रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 01:49 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 01:49 PM (IST)
जानिये- पूर्वी दिल्ली में डॉक्टरों को अब सुरक्षाकर्मियों पर क्यों नहीं रहा भरोसा
जानिये- पूर्वी दिल्ली में डॉक्टरों को अब सुरक्षाकर्मियों पर क्यों नहीं रहा भरोसा

नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। पूर्वी दिल्ली नगर निगम में वीर सावरकर एक ऐसा अस्पताल है जहां डॉक्टर मरीजों से ज्यादा अपने निजी वाहन का ख्याल रखते है। कई डॉक्टर तो ऐसे हैं जो अपनी मोटरसाइकिल को अस्पताल परिसर की बिल्डिंग के अंदर अपने केबिन के सामने लाकर खड़ा कर देते हैं। यह हाल तब है जबकि वीर सावरकर अस्पताल परिसर में निगम की खुद की पार्किंग बनी हुई है। इन डॉक्टरों की हरकत पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सुरक्षाकर्मियों पर सीधे सवाल खड़े कर रही है, या फिर उन्हें निगम के सुरक्षाकर्मियों पर भरोसा ही नहीं है। चलो अब जो भी हो डॉक्टरों के मन की बात अब वहीं जानें। दरअसल, अस्पताल परिसर की कानाफूसी में लोगों से पता चला है कि परिसर में खड़े वाहनों से इन दिनों पेट्रोल बहुत चोरी हो रहा है। बस यहीं कारण है कि डॉक्टरों को अपनी मोटरसाइकिल की निगरानी अब खुद से करनी पड़ रही है।

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पदभार के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी आमजन के बीच पहचान बनाने के लिए विपक्ष के खिलाफ प्रदर्शन में खूब शामिल हो रहे हैं। कोरोना काल में शारीरिक दूरी का पालन हो या न हो, लेकिन साहब को चाहिए पहचान। पिछले दिनों अध्यक्ष साहब सफाई कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करवाने के लिए एक प्रदर्शन में शामिल हुए। सरकारी दिशानिर्देश के हिसाब से किसी भी कार्यक्रम में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते, पर अध्यक्ष साहब ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शाहदरा दक्षिणी जोन कार्यालय के बाहर दिल्ली नगर निगम समस्त यूनियन कोर कमेटी के प्रदर्शन में करीब दो सौ से अधिक कार्यकर्ता को एकत्रित कर लिया। प्रदर्शन में दो गज तो दूर की बात साहब दो इंच भी दूरी नहीं बनवा पाए, खुद के साथ अन्य कार्यकर्ताओं से भी उल्लंघन करवाया। प्रदर्शन में कई नेता ऐसे भी थे जिन्होंने मास्क तक नहीं लगा रखा था।

साइकिल की भी होने लगी कद्र

मॉर्डन जमाने में मोटर बाइक के दौरान में जहां लोगों ने साइकिल की कद्र करना छोड़ दिया था। वहीं आज वौश्विक महामारी (कोविड-19) ने लोगों को एक बार फिर साइकिल की कद्र करना सीखा दिया है। जहां एक समय घर के आंगन में खड़ी साइकिल धूल फांका करती थी वहीं लोग रोजाना सुबह अब साइकिल पर सवार होकर सैर के लिए निकल रहे हैं। लोगों में साइकिल को लेकर इतना क्रेज है कि पिछले कुछ दिनों से यमुनापार में साइकिल की अभूतपूर्व बिक्री हो रही है। दरअसल, साइकिल चलाना किसी को पसंद नहीं है, लेकिन जब आदमी की जान पर बन आई तो उन्होंने साइकिल का सहारा लेना शुरू कर दिया। कोरोना काल में लोग अपने शरीर को फीट रखने के लिए खूब साइकिल चला रहे हैं। हर कोई मोटर बाइक छोड़ पुराने ढर्रे पर लौट रहा है। साइकिल का सबसे ज्यादा क्रेज युवाओं में देखने को मिल रहा है।

खेलने, पढ़ने व लिखने की उम्र बच्चे बेच रहे मास्क

दो वक्त की रोटी ने गरीब तबके के बच्चों का जीवन भी मुश्किल में डाल दिया है। खेलने, पढ़ने व लिखने की उम्र में वह परिवार के पालन पोषण के लिए काम करने को मजबूर है। शास्त्री पार्क लाल बत्ती पर मास्क बेचते दो बच्चे कोविड-19 महामारी से बेखबर है, इन्हें तो अच्छे और बुरे मास्क की पहचान भी नहीं है। मास्क के क्या-क्या फायदे हैं, यह भी गिनाना इनको भारी सा नजर आता है, फिर भी परिवार का पालन पोषण इनके हिस्से में आ गया है। क्षेत्रीय नेता भी इन्हें अनदेखा कर पास से गुजर जाते है लेकिन मदद के लिए कभी हाथ तक नहीं बढ़ाते है। इनकी सुनने वाला अब कोई बचा ही नहीं है और इन्हें इसी प्रकार कष्टदायक जीवन जीना होगा। हंसते-मुस्कुराते यह जीवन को काट रहे हैं। संकट की इस घड़ी में यह लोगों का जीवन बचाने में जुटे हैं।

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