Delhi University Dispute: दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद की अहम बैठक आज
Delhi University Dispute यह अहम बैठक बृहस्पतिवार को ठीक शाम चार बजे होगी। डीयू के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने बताया कि बैठक हालिया हालाताें पर केंद्रित होगी। बुधवार को मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस पर सभी सदस्य चर्चा करेंगे।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। Delhi University Dispute: देश के नामी संस्थानों में शुमार दिल्ली विश्वविद्यालय में नियुक्ति विवाद खत्म हो चुका है। इस बीच डीयू कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता ने कार्यकारी परिषद की इमरजेंसी बैठक बुलाई है। बैठक बृहस्पतिवार को शाम चार बजे होगी। डीयू के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने बताया कि बैठक हालिया हालाताें पर केंद्रित होगी। बुधवार को मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस पर सभी सदस्य चर्चा करेंगे। इसके अलावा डीयू में खाली पड़े पदों को भरने, पदोन्नति, पेंशन, वर्तमान में चल रहे दाखिले व दिसंबर में होने वाली ओपन बुक परीक्षा की तैयारियों पर विमर्श हो सकता है।
परीक्षा विभाग के डीन बदले
डीयू प्रशासन ने बुधवार को प्रो बीएस रावत को परीक्षा विभाग का डीन नियुक्त किया। प्रो बीएस रावत विगत कई हफ्तों से डीन का कार्यभार सम्हाल रहे थे। इसके पहले प्रो विनय गुप्ता डीन थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वो अवकाश पर चले गए थे।
यहां पर बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के नोटिस के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में नियुक्ति विवाद पर विराम लग गया। डीयू के विभिन्न शिक्षक संगठनों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रलय के फैसले का स्वागत किया है। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने प्रशासनिक लापरवाही के चलते की गई दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति के निलंबन की कार्रवाई को उचित ठहराया है। एनडीटीएफ ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि प्रो. योगेश कुमार त्यागी के कार्यकाल में शिक्षकों-कर्मचारियों के स्थायित्व, पदोन्नति और पेंशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केंद्र सरकार के निर्देशों के बावजूद लंबे समय तक लटकाए रखा गया।
नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट महासचिव डॉ. वीएस नेगी ने कहा कि बीते पांच सालों से महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर अस्थायी नियुक्तियां की गईं। इसकी वजह से विवि का प्रशासनिक और अकादमिक कामकाज प्रभावित हुआ। वैश्विक स्तर पर संस्थान की छवि खराब हुई। उन्होंने कहा कि प्रो. त्यागी का कार्यकाल प्रशासनिक कुप्रबंधन के लिए याद किया जाएगा।
वहीं, इंडियन नेशनल टीचर कांग्रेस (इंटेक) ने भी कुलपति के विरुद्ध दिए गए जांच के आदेश का स्वागत किया है। इंटेक ने कहा कि प्रो. त्यागी के कार्यकाल में डीयू का विकास पूरी तरह रुक गया था। नियुक्ति विवाद से विवि की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची।
इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (डूटा) की कोषाध्यक्ष आभा देव ने कहा कि डूटा ने जून 2019 में इस संबंध में एक श्वेत पत्र सौंपा था। डीयू में विवाद के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रलय भी बराबर का जिम्मेदार है। उम्मीद है कि अब छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर फैसले लिए जाएंगे।
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