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मुंबई में बीच सड़क पर सिख महिला को क्यों निकालनी पड़ी कृपाण, डीएसजीपीसी ने दी सफाई

मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मनजीत कौर पर बृहस्पतिवार को ऑटो चालक ने हमला किया था। बीच सड़क पर उनके साथ उसने मारपीट की थी। इस दौरान किसी ने कोई सहायता नहीं की इसलिए मजबूरन अपने बचाव में उसने कृपाण का इस्तेमाल किया।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 10:34 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 10:34 AM (IST)
मुंबई में बीच सड़क पर सिख महिला को क्यों निकालनी पड़ी कृपाण, डीएसजीपीसी ने दी सफाई
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा की फाइल फोटो।

नई दिल्ली/मुंबई [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुंबई में हमले की शिकार हुई मनजीत कौर नामक सिख महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उसके खिलाफ किसी तरह का मामला दर्ज नहीं करने की अपील की है। उन्होंने महिला को हरसंभव सहयोग का भी आश्वासन दिया है।

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मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मनजीत कौर पर बृहस्पतिवार को ऑटो चालक ने हमला किया था। बीच सड़क पर उनके साथ उसने मारपीट की थी। इस दौरान किसी ने कोई सहायता नहीं की, इसलिए मजबूरन अपने बचाव में उसने कृपाण का इस्तेमाल किया। उसने यह कदम सिख गुरुओं द्वारा दर्शाए गए मार्ग पर चलते हुए उठाया है।

उन्होंने कहा कि गुरु साहिब ने जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने का उपदेश दिया है। सिख सिरी साहिब (कृपाण) का प्रयोग किसी भी जुल्म और अत्याचार के खिलाफ करते हैं। मुंबाई में भी सिख महिला ने जो किया उसने अपनी आत्म रक्षा के लिए और अपने ऊपर हो रहे जुल्म का विरोध करते हुए किया। यह स्पष्ट तौर पर आत्मरक्षा का मामला है, इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। इसके साथ मनजिंदर सिंह सिरसा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से भी अपील है कि वह कानून के अनुसार आत्मरक्षा में सिरी साहिब (कृपाण) के प्रयोग के मामले में कार्रवाई ना होने दें।

उन्होंने कहा हमला करने वाला ऑटो चालक पीड़ित सिख महिला के घर के नीचे खड़ा होकर उनके परिवार को धमकी दे रहा है। उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जिससे कि वह इस तरह की हरकत नहीं कर सके। उस परिवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे का सिखों से बहुत प्रेम था। वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान भी महाराष्ट्र में किसी सिख की हत्या नहीं हुई थी। उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे भी अपने पिता की तरह महाराष्ट्र में सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

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