Delhi Govt E-Vehicle Offers: ई-कार और बाइक खरीदने की सोच रहे हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर
Delhi Govt E-Vehicle Offers इलेक्ट्रिक वाहनों को सिर्फ चार्ज करना होता है। इसे ईंधन भराने के लिए बार-बार पेट्रोल पंप पर भी जाने की जरूरत नहीं होती।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhi Govt E-Vehicle Offers दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बनाई गई पॉलिसी को जारी कर दिया है। इसका मकसद ई-वाहनों की खरीद को बढ़ावा देना, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ दिल्ली में प्रदूषण को कम करना है। इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से दिल्ली के लोग पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी से छुटकारा भी पा सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को सिर्फ चार्ज करना होता है। इसे ईंधन भराने के लिए बार-बार पेट्रोल पंप पर भी जाने की जरूरत नहीं होती, लेकिन चार्जिंग के लिए अभी ज्यादा जगहों पर स्टेशन नहीं है, लेकिन ये जल्द ही बढ़ाए जाएंगे। आइये जानते हैं इस पॉलिसी से किसको-कितना लाभ मिलेगा।
- ई रिक्शा पर 30 हजार की सब्सिडी मिलेगी।
- दो पहिया वाहन पर 30,000 रुपये की सब्सिडी दिल्ली सरकार की ओर से दी जाएगी।
- कार पर डेढ़ लाख रुपये तक सब्सिटी दी जाएगी।
- ई-वाहनों पर रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क नहीं लगेगा।
- अगले 5 साल में दिल्ली में कम से कम पांच लाख नए इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत करने का लक्ष्य होगा।
- 1 साल में 200 चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क बनाने का लक्ष्य है।
- पुराने वाहन बेचने पर भी सरकार छूट देगी।
- इस पॉलिसी से 2024 तक 25 फीसद तक नए इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण कराए जाने का लक्ष्य है।
- पूरी दिल्ली के अंदर बहुत बड़ा चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क बनाया जाएगा।
पैदा होंगे नए-नए रोजगार
अरविंद केजरीवाल सरकार का दावा है कि अगले तीन साल के दौरान दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बनाई गई पॉलिसी के चलते रोजगार के नए-नए अवसर पैदा होंगे।
प्रदूषण पर लगेगी लगाम
जानकारों की मानें तो इलेक्ट्रिक वाहन अन्य आम वाहनों के मुकाबले काफी कम उत्सर्जन पैदा करते हैं और उनसे काफी कम प्रदूषण होता है। दिल्ली जैसे शहर में इसका असर कुछ ही सालों में देखने को मिल सकता है।इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे बड़ा फायदा यही है कि ये आम वाहनों के मुकाबले काफी कम प्रदूषण पैदा करते हैं। इनमें मोटर लगा होता है जो उत्सर्जन लगभग न के बराबर करता है। वहीं, एक सच यह भी है कि ये वाहन पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त नहीं हैं, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन में इस्तेमाल होने वाली बैटरी और उन्हें चार्ज करने के लिए लगने वाली ऊर्जा जरूरी नहीं है कि ग्रीन एनर्जी से उत्पन्न हो।