जानिए देशभर में ऑक्सीजन सिलेंडर व चिकित्सा उपकरण के नाम पर ठगने वालों का जामताड़ा और कतीसराय से क्या है कनेक्शन
गिरोह के सदस्य दिल्ली उत्तर प्रदेश हरियाणा व महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में सक्रिय हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक महामारी जब अपना कहर बरपा रही थी उस समय देशभर में आक्सीजन सिलेंडर आक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य चिकित्सा उपकरण के नाम पर ठगी की जा रही थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आक्सीजन व चिकित्सा उपकरण के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना छोटू चौधरी को दिल्ली पुलिस ने बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया है। गिरोह में शामिल तीन सौ से अधिक सदस्य अब तक दो सौ से ज्यादा लोगों को शिकार बना चुके हैं। गिरोह के सदस्य दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में सक्रिय हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक महामारी जब अपना कहर बरपा रही थी, उस समय देशभर में आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य चिकित्सा उपकरण के नाम पर ठगी की जा रही थी।
दिल्ली में भी बड़ी संख्या में लोग ठगी का शिकार हुए थे। इसकी जांच के दौरान पुलिस को छोटू गिरोह के ठगी में सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। इस गिरोह के पांच सदस्यों मिथिलेश कुमार (नरसलीगंज), पंकज कुमार (शेखोपुर सराय), दीपक कुमार (बिजवनपर), श्रवण माली (महलपर), राजेश (कतरीसराय)को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस का दावा है कि चिकित्सा उपकरण के नाम पर ठगी करने वाला यह देश का सबसे बड़ा गिरोह है। इसका मुखिया छोटू चौधरी बिहार के नालंदा जिला के मानपुर थानाक्षेत्र स्थित पलनी गांव का रहने वाला है, जो फरार चल रहा था।
पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने विशेष आयुक्त अपराध शाखा प्रवीर रंजन व डीसीपी मोनिका भारद्वाज को ऐसे गिरोहों के बारे में पता लगाकर सभी सदस्यों को दबोचने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एसीपी संदीप लांबा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विवेकानंद झा, एसआइ संजय, एएसआइ धर्मेद्र, श्रीपाल, हवलदार विनोद व सिपाही प्रवीण की टीम छोटू की गिरफ्तारी के लिए गठित की गई थी। इसकी तलाश में टीम 15 दिन से नालंदा में डेरा डाले हुए थी। दो दिन पहले उसे नालंदा पुलिस के सहयोग से बहादुरपुर गांव में उसके एक रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
जामताड़ा से जुड़े हैं गिरोह के तार
झारखंड के जामताड़ा व नालंदा के कतरीसराय में रहने वाले ठग देशभर में आनलाइन ठगी कर रहे हैं। छोटू भी अपने गिरोह के सदस्यों को इन जगहों पर ही प्रशिक्षण दिलाता था। बिहार पुलिस के मुताबिक छोटू गिरोह पहले फ्लिपकार्ट व फोनो फ्रेंडशिप के जरिये फर्जीवाड़े को अंजाम देता था, लेकिन जामताड़ा के ठगों के संपर्क में आने के बाद नए-नए तरीके से ठगी करने लगा। इसी बीच आपदा में उसने गिरोह के सदस्यों के साथ देशभर में ठगी को अंजाम दिया। डीसीपी साइबर सेल अन्येष राय का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम से संबंधित फर्जी काल बिहार से ही की गई हैं।
ऐसे की जाती थी ठगी
अप्रैल में आक्सीजन, जरूरी दवाइयों कंसंट्रेटर आदि चिकित्सा उपकरण का जब संकट पैदा हुआ तो ये गिरोह सक्रिय हो गया। इसके बाद छोटू गिरोह सदस्यों ने इंटरनेट मीडिया व वाट्सएप ग्रुपों में मोबाइल नंबर भेजकर आक्सीजन व चिकित्सा उपकरण मुहैया कराने का दावा किया। उनके झांसे में आकर जिन लोगों ने गिरोह के सदस्यों से संपर्क किया, उनसे लाखों रुपये चिकित्सा उपकरण व दवा के नाम पर आनलाइन ट्रांसफर कराने के बाद मोबाइल नंबर बंद कर देते थे।