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जानिए कौन सा दस्तावेज है 'गिरदावरी' जिसके न होने से किसानों को गेहूं बेचने में हो रही समस्या

एफसीआइ के महाप्रबंधक (क्षेत्र) सुधीर कुमार का दावा है कि दिल्ली सरकार के कृषि विभाग के अधिकारी ने उन्हें बताया कि सरकार ने किसानों को गिरदावरी उपलब्ध कराना बंद कर दिया है। इस पर उन्होंने विकल्प के तौर पर किसान को सक्षम अधिकारी से स्वीकृत सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने को कहा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 01:00 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 10:11 AM (IST)
जानिए कौन सा दस्तावेज है 'गिरदावरी' जिसके न होने से किसानों को गेहूं बेचने में हो रही समस्या
फसल का सर्वे कर किसान को उपलब्ध कराया जाने वाला दस्तावेज (गिरदावरी ) कहलाता है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गेहूं खरीद को लेकर शुरू हुई सियासी रार के बीच भारतीय खाद्यनिगम (एफसीआइ) के महाप्रबंधक ने कृषि मंत्री गोपाल राय के आरोपों को निराधार बताया है। राय ने अनाज खरीदने के लिए कोई भी केंद्र न खोलने की बात कही थी।
वहीं, एफसीआइ का दावा है कि राज्य सरकार के कृषि विभाग से विचार-विमर्श के बाद तीन अनाज खरीद केंद्र खोले गए हैं। इनसे 158 क्विंटल गेहूं खरीदा भी जा चुका है। किसानों को 3.13 लाख रुपये का अब तक भुगतान किया गया है।
क्या है गिरदावरी
खेती किसानी से जुड़े लोग तो इस बात को बेहतर तरीके से जानते होंगे मगर ये शब्द बहुत अधिक प्रचलन में नहीं है जिसे हर आम ओ खास आदमी समझ सके। दरअसल ये एक खास शब्द है। जैसे हर राज्य में जमीन को नापने-खरीदने-बेचने के लिए अलग-अलग शब्द का इस्तेमाल किया जाता है उसी तरह से गिरदावरी शब्द भी है। दरअसल फसल का सर्वे कर किसान को उपलब्ध कराया जाने वाला दस्तावेज (गिरदावरी ) न होने के कारण आगे की खरीद रुकी हुई है।
एफसीआइ के महाप्रबंधक (क्षेत्र) सुधीर कुमार का दावा है कि दिल्ली सरकार के कृषि विभाग के अधिकारी ने उन्हें बताया कि सरकार ने किसानों को गिरदावरी उपलब्ध कराना बंद कर दिया है। इस पर उन्होंने विकल्प के तौर पर किसान को सक्षम अधिकारी से स्वीकृत सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने को कहा है।
बीते दिनों जब खरीद न होने पर किसानों ने हंगामा किया तो खरीद केंद्र में मौके पर मौजूद दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने किसानों को गिरदावरी के स्थान पर सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने की हामी भरी थी। इस पर 158 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई, लेकिन इसके बाद भी दिल्ली सरकार की ओर से किसानों को सर्टिफिकेट मुहैया नहीं कराया गया।
सुधीर कुमार ने कहा कि गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। इस मूल्य पर गेंहू की खरीद करने के लिए एफसीआइ तैयार है। ऐसे में यह कहना उचित नहीं हैं कि गेंहू की खरीद नहीं की जा रही है और इसके लिए कोई केंद्र नहीं खोला गया है।
राज्य सरकार के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में तीन केंद्र खोलने के सुझाव आए थे। इन सुझावों के आधार पर नरेला, मायापुरी और नजफगढ़ में केंद्र खोले गए हैं। राज्य सरकार से मिले रिकार्ड के आधार पर अनाज की खरीद होती है। साथ ही इसके लिए प्रत्येक किसान का आधार कार्ड, भूमि का विवरण, गिरदावरी और बैंक खाते की जरूरत होती है। यह प्रक्रिया पात्र किसानों तक भुगतान पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
दिल्ली में हजारों हेक्टेयर बढ़ गई है कृषि भूमि
एफसीआइ के महाप्रबंधक ने बताया कि दिल्ली में अचानक हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि बढ़ गई है। वर्ष 2018-19 में दिल्ली में कृषि क्षेत्र 298 हेक्टेयर था। यह बढ़कर 2019-20 में 19 हजार 220 हेक्टेयर हो गया गया है। एफसीआइ ने इसकी भी पुष्टि करने की दिल्ली सरकार से मांग कर रही है। इसकी वजह से भी किसानों की उपज खरीद में समस्या आ रही है।

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