जानिए आज क्या है किसानों की रणनीति, अब क्या जाम करने और कहां प्रदर्शन करने की है उनकी तैयारी
कृषि कानून विरोधी आंदोलनकृषि कानून विरोधी आंदोलन के अगले चरण में एफसीआइ (भारतीय खाद्य निगम) के कार्यालयों का घेराव और 24 घंटे के लिए एक्सप्रेस-वे जाम किया जाएगा। एफसीआइ के दफ्तरों के घेराव को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने गांव-गांव घूमकर कमेटी का गठन किया है
जागरण संवाददाता, दिल्ली/सोनीपत। चार महीने से चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन के अगले चरण में एफसीआइ (भारतीय खाद्य निगम) के कार्यालयों का घेराव और 24 घंटे के लिए एक्सप्रेस-वे जाम किया जाएगा। आज सोमवार को एफसीआइ के दफ्तरों के घेराव को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने गांव-गांव घूमकर कमेटी का गठन किया है, जबकि 10 अप्रैल को एक्सप्रेस-वे जाम कर आंदोलन चलाने की बागडोर युवाओं के हाथों में होगी।
घेराव व जाम के दौरान प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील मोर्चा के नेता लगातार कर रहे हैं, लेकिन प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने खुफिया तंत्र को अलर्ट किया है। आंदोलन लगातार लंबा खिंचने और एक दिन पहले भाकियू नेता राकेश टिकैत पर अलवर में हुए हमले को देखते हुए प्रदर्शनकारी अब उग्र हो रहे हैं।
हमले के तुरंत पर केजीपी-केएमपी जाम कर प्रदर्शन के बाद पुलिस-प्रशासन को भी इस तरह के इनपुट मिले हैं। इसको लेकर पुलिस ने अपने खुफिया तंत्र को अलर्ट कर आंदोलन स्थल और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय कर दिया है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता युवाओं से बार-बार शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित अन्य नेताओं ने आंदोलनकारियों से शांति के साथ प्रदर्शन करने और किसी तरह के उकसावे में नहीं आने की अपील की है।
चढ़ूनी ने कहा कि सरकार चाहती है कि आंदोलन उग्र हो और सरकार अपने मंसूबे में कामयाब हो। उन्होंने आंदोलनकारियों को किसी तरह के टकराव से बचने की भी अपील की है। हालांकि आंदोलनकारियों के बढ़ते गुस्से और उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पुलस-प्रशासन अपनी तैयारी में जुटा है। खुफिया तंत्रों को अलर्ट करते हुए उनसे मिलने वाली जानकारी के आधार पर सुरक्षा के बंदोबस्त किए जा रहे हैं।
घेराव के बाद उपभोक्ता मंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन
संयुक्त मोर्चा के नेता डा. दर्शनपाल ने कहा कि सोमवार 5 अप्रैल को एफसीआइ दफ्तरों के घेराव किया जाएगा। इसके लिए गांव-गांव से ट्रैक्टर लेकर लोग दफ्तर के आगे पहुंचेंगे और पूरा दिन दफ्तर के आगे धरना देकर एफसीआइ बचाओ दिवस मनाया जाएगा। साथ ही उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें फसल का भुगतान सीधे किसान के खाते में किए जाने का फैसला वापस लेने, फसल खरीद के समय जमाबंदी की नकल जमा करवाने की शर्त को वापस लेने की मांग करेंगे।