सरकार ने बनाई नई स्कूल बैग नीति 2020, अब बच्चों के बस्ते का बोझ होगा कम
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी स्कूलों को नई स्कूल बैग नीति 2020 को लागू करने के निर्देश दिए है। इस नीति के तहत निदेशालय के अधीन सभी स्कूलों में प्राइमरी सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री कक्षाओं के बच्चों के स्कूली बस्ते के वजन कम होगा।
नई दिल्ली, रीतिका मिश्रा। अब बच्चों को अपने कंधों पर भारी स्कूल के बस्ते का वजन नहीं सताएगा। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी स्कूलों को नई स्कूल बैग नीति 2020 (School Bag Policy 2021) को लागू करने के निर्देश दिए है। इस नीति के तहत निदेशालय के अधीन सभी स्कूलों में प्राइमरी, सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री कक्षाओं के बच्चों के स्कूली बस्ते के वजन कम होगा। निदेशालय के मुताबिक स्कूली बस्ते का ज्यादा वजन छात्रों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। इससे बच्चों के शारीरिक विकास के साथ-साथ उनके घुटने और रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंचता है। निदेशालय के मुताबिक जो स्कूल दो मंजिला या बहुमंजिला ईमारत में संचालित होते हैं वहां पर छात्रों को कक्षा तक पहुंचने के लिए भारी बस्ते के साथ ही सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, इससे छात्रों के स्वास्थ्य की समस्या और बढ़ जाती है।
ऐसे में निदेशालय ने परिपत्र में स्कूलों को स्पष्ट किया कि स्कूलों में केवल एससीईआरटी, एनसीईआरटी और सीबीएसई की तरफ से निर्धारित किताबों को ही लागू करना होगा। इसके साथ ही प्रधानाचार्य और शिक्षकों को हर एक कक्षा के लिए समय सारिणी भी तैयार करनी होगा ताकि छात्रों को हर दिन अधिक किताबें और नोटबुक न ले जाना पड़े। इसके साथ ही छात्रों के समग्र विकास के लिए उन्हें पुस्तकालय की किताबें पढ़ने, खेल, कला, संस्कृति और सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
वहीं, प्री-प्राइमरी के छात्रों को कोई किताब नहीं लानी होगी और कक्षा एक व दो के छात्रों को केवल एक नोटबुक लानी होगी। इन कक्षाओं के छात्रों को कोई भी गृहकार्य नहीं दिया जाएगा। बाकि सभी कक्षाओं के छात्रों को हर विषय की एक अलग नोटबुक बनानी होगी। जिसमें वह अभ्यास, प्रोजेक्ट कार्य, यूनिट टेस्ट और प्रयोग कार्य करेंगे। यह नोटबुक समय सारिणी के हिसाब से लानी होगी।
इसके अलावा कोई अतिरिक्त किताब बैग में रखकर स्कूल नहीं लानी होगी। वहीं, शिक्षकों को हर तीन माह में एक बार छात्रों के बस्ते की जांच करनी होगी और ये सुनिश्चित करना होगा कि वो कोई भारी किताब बिना संबंधित पाठ्यक्रम के स्कूल न लाएं। अगर शिक्षक को किसी छात्र का बस्ता जांच के दौरान भारी मिलता है तो इसकी जानकारी छात्र के अभिभावकों को बताते हुए उन्हें इसके नुकसान से अवगत कराना होगा।
प्रार्थना सभा में नहीं टांगना होगा स्कूल बैग
निदेशालय ने स्कूल के बस्ते टांगने और उसके प्रकार को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए हैं। निदेशालय ने छात्रों को बस्ते की दोनो पट्टियों को कंधे पर टांगने को कहा है। वहीं, यह भी कहा है कि छात्र प्रार्थना सभा या स्कूल वाहन के इंतजार करने के समय बस्ते को कंधे से उतार कर नीचें रख दे ताकि कंधों पर हर समय स्कूल बस्ते का भार न महसूस हो। इसके अलावा स्कूल प्रशासन को स्कूल में ही छात्रों के लिए गुणवत्ता पूर्ण और पर्याप्त पानी की व्यवस्था भी करनी होगी ताकि छात्रों को घर से पानी की बोतल न लानी पड़े।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो