दिल्ली के पार्कों का हाल: अवैध कब्जे और अतिक्रमण से दम तोड़ रही हरियाली, प्रशासन मौन
पूर्वी दिल्ली हो पश्चिमी हो या फिर उत्तरी या दक्षिणी हर क्षेत्र में कुछ लोग अपने बल का प्रयोग कर पार्कों पर अवैध कब्जा कर मनमानी कर रहे हैं। इस ताकत के चलते वह पार्कों में पार्किंग पशु पालन आदि तो कर ही रहे हैं।
नई दिल्ली, सोनू राणा। जिसकी लाठी उसकी भैंस...... यह एक ऐसी कहावत है जिसे हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में पार्कों पर किए गए अवैध कब्जों या अतिक्रमण पर यह कहावत सटीक बैठती दिखाई दे रही है। पूर्वी दिल्ली हो, पश्चिमी हो या फिर उत्तरी या दक्षिणी, हर क्षेत्र में कुछ लोग अपने बल का प्रयोग कर पार्कों पर अवैध कब्जा कर मनमानी कर रहे हैं। इस ताकत के चलते वह पार्कों में पार्किंग, पशु पालन आदि तो कर ही रहे हैं। अब तो उनके हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वह पार्क पर अवैध निर्माण भी करने लगे हैं। कुछ लोगों ने तो पार्कों पर घर तक बना दिए हैं।
अब यह बताना मुश्किल हो रहा है कि जिस जगह पर लोगों ने घर बनाए हैं वह पार्क की जमीन है या उनकी अपनी। इस कारण न ही बच्चों के खेलने की जगह बची है न स्थानीय लोगों के सैर करने की। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अधिकारियों की लापरवाही का ही नतीजा है। अगर अधिकारी समय पर ध्यान देते तो किसी भी पार्क पर अवैध निर्माण या अतिक्रमण न होता।
बाहरी दिल्ली के बवाना-ओचंदी रोड स्थित हरिजन बस्ती की बतासे वाली गली में लोगों ने ज्यादातर पार्कों पर अवैध कब्जे कर रखे हैं। किसी ने पार्क की दीवार तोड़कर उसे घर में मिला लिया है तो किसी ने पार्क में ही घर बना लिया है। किसी ने पार्क के बीचों-बीच सड़क बनाकर उसे तबेले में तब्दील कर दिया है तो किसी ने पार्क में ही पार्किंग बना दी है। वहीं कुछ लोग तो पार्क पर कब्जा करने के लिए बकायदा ईंट मंगवाकर बैठे हैं।
पार्कों का पुनर्निर्माण करवाने की मांग की
हरिजन बस्ती के ही रहने वाले मुनीर ने बताया कि पार्कों की देखरेख न किए जाने की वजह से पार्कों की हालत दयनीय है। इसलिए लोग पार्कों में पार्किंग करते हैं या पशु बांधते हैं। उन्होंने पार्कों का पुनर्निर्माण करवाने की मांग की है।
किसी ने मना नहीं किया तो कर दिया निर्माण
बवाना की हरिजन बस्ती में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि जब उन्होंने पार्क में निर्माण कार्य शुरू किया तो किसी ने भी उन्हें ऐसा करने के लिए मना नहीं किया, इसलिए उन्होंने निर्माण कर दिया। अब वह पार्क में ही भैस बांधते हैं।
पूर्वी दिल्ली
यमुनापार के नंद नगरी स्थित दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) के पार्क पर अवैध रूप से डेरी मालिकों ने कब्जा कर रखा है। लगभग तीन बीघे में फैले इस पार्क में दिन में भैंसें बांधी जाती है और रात को अवैध रूप से वाहन खड़े किए जाते हैं। ऐसी ही हालत घड़ोली गांव, कल्याणपुरी, राजीव कॉलोनी, कड़कड़डूमा गांव, गाजीपुर गांव, त्रिलोकपुरी ब्लॉक 13 व 14 आदि क्षेत्र में नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) व डूसिब के पार्कों की है। जहां माफिया ने कब्जा कर अवैध अतिक्रमण कर रखा है। वहीं शास्त्री पार्क स्थित ई व एफ ब्लॉक में डीडीए की साढ़े पांच एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर धड़ल्ले से पार्किंग चल रही है। आरडब्ल्यूए पदाधिकारी दिवाकर पांडेय ने बताया कि भू माफिया ने 17 वर्ष पहले अवैध कब्जा कर पार्किंग बनाई थी। आज भी पार्क में धड़ल्ले से पार्किंग हो रही है।
पश्चिमी दिल्ली
द्वारका सेक्टर सात के प्लॉट नंबर नौ स्थित एवरग्रीन सोसायटी के पीछे स्थित पार्क में हर समय निजी वाहन खड़े रहते हैं। यहां लोग सरेआम शराब का सेवन करते रहते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इस पार्क के रखरखाव की जिम्मेदारी न तो डीडीए ले रहा है और न ही निगम। डीडीए का कहना है कि उन्होंने यह पार्क निगम को सौंप दिया है, जबकि निगम का कहना है कि इस पार्क का चार्ज उन्होंने लिया ही नहीं है।
दक्षिणी दिल्ली
हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास नगली गांव के पार्क पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर उसे पार्किंग के रूप में तब्दील कर दिया है। अब वहां वाहन खड़े करने के बदले में गांव के लोगों से ही रुपये वसूले जा रहे हैं। ग्रामीणों को यहां वाहनों को खड़ा करने के लिए हजार रुपये महीने तक का भुगतान करना पड़ता है।
विधायक ने कहा
कोरोना महामारी के दौरान लोगों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध करवाना बेहद जरूरी है। पार्कों के बनने से ही लोगों को स्वच्छ वातावरण मिलेगा। पार्कों को खाली कराने के लिए डीएम और एसडीएम से बात की जाएगी। इसके अलावा जिन लोगों ने पार्क पर कब्जा कर रखा है, उनको भी इसे खाली करने को कहा जाएगा। ताकि इन पार्कों में झुले और ओपन जिम बनाया जा सके।
जय भगवान उपकार, विधायक, बवाना
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