दिल्ली के 12 लाख मकान मालिकों को मिला डिजिटल इंडिया की तरफ से ये तोहफा, खासियत जान आप भी कहेंगे वाह
Digital India Campaign पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपनों को दिल्ली के लाखों मकान मालिक पूरा कर रहे हैं। हर मकान को विशिष्ट (यूनिक) नंबर मिलने शुरू हो गए हैं।
नई दिल्ली [सुधीर कुमार]। Digital India Campaign: पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने पीएम के डिजिटल भारत के सपने को साकार करने की ओर बड़ा कदम उठाया है। दो साल से ज्यादा समय से की जा रही मेहनत ने अब रंग लाना शुरू किया है। अब हर मकान को विशिष्ट (यूनिक) नंबर मिलने शुरू हो गए हैं। इसकी शुरुआत कृष्णा नगर वार्ड से हुई है। लोगों को मकान के ब्यौरे से लैस डिजिटल कार्ड दिए जा रहे हैं, जिसमें क्यूआर कोड भी है। इस व्यवस्था को अपनाया तो गया है प्रोपर्टी टैक्स मैनेजमेंट सिस्टम के तहत, लेकिन भविष्य में इसी यूनिक नंबर के आधार पर सभी सरकारी सेवाओं को जोड़ा जा सकता है। यहां तक रजिस्ट्री को भी इससे लिंक किया जा सकता है। जिससे खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़ा रूकेगा।
पांच लाख मकान और 12 लाख यूनिटों का हुआ सर्वे
प्रोपर्टी टैक्स मैनेजमेंट सिस्टम पर पूर्वी निगम ने जुलाई 2018 से काम शुरू किया था। एक कंपनी के साथ मिलकर निगम ने हर मकान का सर्वे शुरू किया। इसके तहत मकान का पूरा ब्योरा जुटाया गया। हर मकान का फोटो लिया गया। कवर एरिया, मकान का किस रूप में इस्तेमाल हो रहा है सहित तमाम जानकारी ली गई और इसे वेबसाइट पर डाला गया।
हर मकान का जिओ मैप बनाया गया है
मकान के पता में भले ही गड़बड़ी हो जाए लेकिन यूनिक नंबर के आधार पर मकान को ढूंढना मुश्किल नहीं होगा, क्योंकि सर्वे के समय मकान की अवस्थिति को जिओ मैप से लिया गया है। मकान की अवस्थिति कितने अक्षांश व कितने देशांतर पर है इसे भी ब्यौरे में शामिल किया गया है।
अभी 52 वार्डों में हुआ है सर्वे, 12 में बचा है
सर्वे पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सभी 64 वार्डों में होना है, लेकिन अभी तक 52 वार्डों में ही सर्वे का काम पूरा हुआ है। कोरोना संक्रमण व उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की वजह से 12 वार्डों में सर्वे का काम रूक गया था। जिसे अब फिर से शुरू किया जाएगा। अगर एक प्लॉट पर चार लोगों के फ्लैट हैं तो इसे चार यूनिट माना जाएगा। अगर एक ही व्यक्ति के चार फ्लोर हैं तो उसे एक यूनिट ही माना जाएगा। अगर मकान का इस्तेमाल व्यवसायिक या उद्योग के रूप में भी हो रहा है तो उसे अलग-अलग यूनिट माना गया है।
मकानों को यूनिक नंबर मिलने शुरू हुए
पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने मकानों को यूनिक नंबर घर-घर जाकर देना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत कृष्णा नगर वार्ड से शुरू की गई है। वार्ड के निगम पार्षद व स्थायी समिति के पूर्व चेयरमैन संदीप कपूर कहते हैं कि यह बहुत ही एडवांस सिस्टम है। लोगों को जो कार्ड दिए जा रहे हैं उसमें क्यूआर कोड भी है जिसके आधार पर मकान का पूरा ब्यौरा मोबाइल पर भी देखा जा सकता है। इसके साथ ही वेबसाइट पर जाने से यह पता चल जाएगा कि कितना पुराना टैक्स बचा है और कितना भुगतान किया गया।
एक प्लॉट पर 99 यूनिट नंबर बन सकते हैं
पूर्वी निगम के अधिकारियों के अनुसार ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है कि अगर एक प्लॉट पर भविष्य में 99 फ्लोर बन जाते हैं तब भी सभी को यूनिक नंबर दिया जा सकेगा।
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