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Facts About Moon! जानिये- चंद्रमा के बारे में 10 रोचक बातें, कितना कम हो जाता है चांद पर इंसान का वजन

Interesting Facts About Moon यह वैज्ञानिक रूप से सच है कि सौर मंडल में चंद्रमा से भी बड़े चार और उपग्रह मौजूद है। इनमें सबसे बड़ा बृहस्पति ग्रह के पास स्थित है जोकि असल में प्लूटो और बुध ग्रह से भी बड़ा है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 05:25 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 07:17 AM (IST)
Chandra Grahan 2021: जानिये- चंद्रमा के बारे में 10 रोचक बातें, कितना कम होता है चांद पर इंसान का वजन

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। साल का पहला चंद्रग्रहण बुधवार दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू हुआ है  और यह शाम 7 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। इस चंद्रग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 2 मिनट की होगी, जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मिनट तक रहेगा और आंशिक फेज 2 घंटे 53 मिनट तक रहेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण को ही चंद्रग्रहण ब्लड मून कहा जाता है। दरअसल, यह चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसीलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के लोग निश्चिंत रहे, क्योंकि सूतक काल के दौरान वर्जित काम भी आप कर सकते हैं। आइये जानते हैं चंद्रमा के बारे में 10 बड़ी और अहम बातें।

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1. चंद्रमा से भी बड़े उपग्रह है सौरमंडल में

यह वैज्ञानिक रूप से सच है कि सौर मंडल में चंद्रमा से भी बड़े चार और उपग्रह मौजूद है। इनमें सबसे बड़ा बृहस्पति ग्रह के पास स्थित है जोकि असल में प्लूटो और बुध ग्रह से भी बड़ा है। इसके अलावा टाइटन, कैलीस्टो और ईओ भी चंद्रमा से बड़े हैं। खगोलशात्रियों का अध्ययन जारी है। कभी सिर्फ 9 ग्रह के बारे में जानकारी थी, लेकिन अब सौर मंडल में दर्जनभर से अधिक ग्रहों के बारे में पता चल चुका है।

2. चांद पर धूल सिर्फ धूल

वैज्ञानिकों की मानें तो चंद्रमा की सतह पर धूल का गुबार सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पर मंडराता रहता है। ऐसा क्यों होता है, यह रहस्य कायम है। वहीं, वैज्ञानिकों के अनुसार इसका एक कारण अणुओं का इलेक्ट्रिकली चार्ज होना हो सकता है, लेकिन अंतिम सत्य नहीं है।

3. नींद भी प्रभावित करता हैं चंद्रमा

यूनिवर्सिटी ऑफ बेसल, स्विट्ज़रलैंड ने अपने एक अध्ययन में पाया है कि चंद्रमा धरती पर रहे लोगों की नींद पर भी असर डालता है। कहा जाता है कि अमावस्या पर लोग जहां अच्छी नींद का आनंद लेते हैं वही पूर्णिमा पर नींद कम आती है। यह अलग बात है कि विज्ञान अभी तक इस बात को साबित नहीं कर पाया है। ऐसे में इस पर वैज्ञानिक अध्ययन जारी है। 

4. चंद्रमा से बढ़ रही है पृथ्वी की दूरी

प्रत्यके वर्ष चंद्रमा धरती से 3.78 सेमी दूर होता जा रहा है। इस तरह 50 अरब वर्ष तक ऐसा ही होता रहा तो  धरती की परिक्रमा करने में चंद्रमा 47 दिन लगाएगा। वर्तमान में चंद्रमा को धरती की परिक्रमा करने में 28 दिन लगते हैं। धरती के मध्य से चंद्रमा के मध्य तक की दूरी 384, 403 किलोमीटर है।

5. चांद पर है 19 एमबीपीएस की स्पीड

शोध में यह जानकारी भी सामने आई है कि इंटरनेट की चंद्रमा पर बढ़ सकतीहै। नासा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए चांद पर वाई-फाई कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई है, जिसकी 19 एमबीपीएस की स्पीड बेहद हैरान करने वाली है।

6. धरती का का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा

गौरतलब है कि चंद्रमा एक उपग्रह है जो कि पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। चंद्रमा दरअसल धरती का का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। चंद्रमा सौर मंडल का 5वां सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, चंद्रमा 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी और थीया (मार्स के आकार का तत्व) के बीच हुए भीषण टकराव के बाद बचे हुए अवशेषों के मलबे से बना था।

7. चांद पर हो जाता है वजन कम

इंसान चंद्रमा पर 20वीं सदी में ही कदम रख चुका है। इसमें भारत का नाम भी शामिल है। वैज्ञानिक अध्ययन में यह सिद्ध हुआ है कि चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी से कम होती है। सामान्य तौर पर चंद्रमा पर किसी व्यक्ति का वजन 16.5 फीसद कम होता है। यह कारण है कि चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री ज्यादा उछलकूद करते हैं। यह फिल्मों में भी दिखाया गया है।

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8. चंद्रमा के पास से गुजरा रूस का यान

सोवियत संघ का लूना-1 पहला अंतरिक्ष यान था जो चंद्रमा के पास से गुजरा था और सोवियत संघ का लूना-2 पहला यान था जो चन्द्रमा की धरती पर उतरा था। बता दें कि चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं है। वहां अत्यंत न्यून वायु है। चंद्रमा से आसमान नीला नहीं बल्कि काला दिखाई देता है, इसकी वजह है प्रकाश का प्रकीर्णन वहां नहीं होता।

9. दर्जभर लोग पहुंचे हैं चांद पर

धरती के मध्य से चंद्रमा के मध्य तक की दूरी 384, 403 किलोमीटर है। वहीं, अब तक सिर्फ 12 लोग ही चांद पर कदम रख पाए हैं। यूजीन कर्नान आखिरी इंसान थे, जिन्होंने मिशन एपोलो-17 के तहत चांद की धरती पर कदम रखा था। फिर इसके बाद से केवल मशीनी रोबोट ही चांद पर पहुंचे हैं।

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10. 1984 में चांद पर पहुंचा भारत

भारतीय राकेस शर्मा ने 3 अप्रैल 1984 को अंतरिक्ष में जाकर इतिहास रचा था। बतौर वायु सैनिक राकेश शर्मा ने नहीं सोचा था कि उनका सफर यहां से अंतरिक्ष तक पहुंच जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से चांद पर कदम रखा।

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