Delhi Rapid Metro Rail: 2023 तक पूरा होगा दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों का सपना
Delhi Rapid Metro Rail दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के साहिबाबाद और दुहाई के बीच के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड पर परिचालन 2023 में शुरू होगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Rapid Metro Rail: दिल्ली-NCR के लाखों लोगों का रोजाना सफर बेहद आसान कर देने वाले दिल्ली मेरठ रैपिड रेल नेटवर्क (Delhi Meerut Rapid Rail Network) के निर्माण ने रफ्तार पकड़ ली है। ऐसे में माना जा रहा है कि मार्च, 2023 से दिल्ली से मेरठ और मेरठ से दिल्ली की दूरी 165 रुपये देकर 60 मिनट में पूरी की जा सकेगी। इस दौरान स्टेशनों पर भी तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगीं। खाने-पीने के साथ कई अन्य चीजों की दुकानें और क्योस्क स्टेशन पर होंगे, जिससे यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी पेश नहीं आए।
एशियाई विकास बैंक ने 7500 करोड़ रुपये
कोरोना काल में इस अति महत्वपूर्ण परियोजना पर तेजी से काम जारी है। इसी बीच दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर का काम तेज करने के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 7500 करोड़ रुपये (एक बिलियन डॉलर) के वित्त-पोषण को मंजूरी दे दी है। इस कॉरिडोर को एनसीआर परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा तैयार किया जा रहा है।
प्रदूषण से भी निजात दिलाएगा रेल प्रोजेक्ट
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा कि एडीबी द्वारा उच्च-गति, उच्च क्षमता वाले दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए एडीबी द्वारा फंडिंग पैकेज को मंजूरी इस परियोजना में उसके विश्वास को दर्शाता है। यह परियोजना क्षेत्रीय परिवहन में अभूतपूर्व परिवर्तन लाएगी। उन्होंने कहा कि एनसीआर में करीब 37 फीसद आबादी रहती है। इस परियोजना के बाद दिल्ली में भीड़-भाड़ कम करने और स्थायी आधार पर वायु प्रदूषण को कम करने में काफी मदद मिलेगी। कई चरण में मिलेगा फंड आरआरटीएस परियोजना के लिए एडीबी से वित्त-पोषण को अगस्त 2020 और मई 2025 के बीच कई चरणों में प्राप्त किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि इस ऋण का उपयोग दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के सिविल निर्माण, ट्रैक, स्टेशन बिल्डिंग, मल्टी-मोडल हब, डिपो, ट्रैक्शन और बिजली आपूर्ति आदि के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगजनों की सुरक्षित यात्रा, महिलाओं के लिए आर्थिक अवसरों में सुधार करने के लिए और आरआरटीएस स्टेशनों के आसपास सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए एडीबी द्वारा प्रशासित जापान फंड फॉर बिल्डिंग इंस्टीट्यूशनल कैपेसिटी, टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट एंड पोवर्टी रीडक्सन और 2 अन्य अनुदान के माध्यम से लगभग 8 मिलियन डॉलर (लगभग 60 करोड़ रुपये) का वित्त-पोषण प्रदान किया जाएगा।
2023 में शुरू होगा परिचालन
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के साहिबाबाद और दुहाई के बीच के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड पर परिचालन 2023 में शुरू होगा। वहीं पूरा 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर जनता के लिए 2025 तक खोल दिया जाएगा।
सिर्फ 60 मिनट में दिल्ली से मेरठ
मार्च, 2023 से दिल्ली से मेरठ और मेरठ से दिल्ली की दूरी 165 रुपये देकर 60 मिनट में पूरी की जा सकेगी। इस दौरान स्टेशनों पर भी तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगीं।
दिल्ली मेरठ रैपिड रेल की खास बातें
- प्रत्येक स्टेशन के बीच 10 किलोमीटर का फासला होगा।
- यह देश की पहली रेल परियोजना है, जिसमें एक ही ट्रैक पर दो तरह की ट्रेन दौड़ेगी।
- मेरठ के चार स्टेशनों पर रैपिड रेड व 12 पर मेट्रो का ठहराव होगा।
- रैपिड रेल के संचालन में यूरोपीय ट्रेन सिग्नल सिस्टम का इस्तेमाल होगा।
- रैपिड रेल निर्माण के तहत सराल कालेखां (दिल्ली) से शुरू होकर कौशांबी के रास्ते कॉरिडोर गाजियाबाद में दाखिल होगा।
- कॉरिडोर मदनमोहन मालवीय मार्ग के किनारे होता हुआ साहिबाबाद तक आएगा।
- वसुंधरा के पास हिंडन रेलवे पुल से मोड़ते हुए एलिवेटेड रोड के ऊपर से जीटी रोड स्थित मेरठ तिराहे तक बनाया जाएगा।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो