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KCB 11: दिल्ली की दिव्या ने जीता 25 लाख, कभी रहना पड़ा था कई दिनों तक बेघर

दिल्ली के शक्ति नगर की रहने वाली दिव्या अदलखा कौन बनेगा करोड़पति-11 के 24वें एपिसोड में 25 लाख जीते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 08:09 AM (IST)
KCB 11: दिल्ली की दिव्या ने जीता 25 लाख, कभी रहना पड़ा था कई दिनों तक बेघर
KCB 11: दिल्ली की दिव्या ने जीता 25 लाख, कभी रहना पड़ा था कई दिनों तक बेघर

नई दिल्ली [राहुल मानव]। दिल्ली के शक्ति नगर में रहने वालीं दिव्या अदलखा ने कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) सीजन-11 में 25 लाख रुपये की धनराशि जीती है। 13वें प्रश्न पूछते ही उन्होंने सीधा उत्तर दे दिया और यह धनराशि जीत ली। 13वें प्रश्न में पूछा गया था कि पेशेवर खिलाड़ी ने टेनिस छोड़कर क्रिकेट खेला, लेकिन फिर टेनिस में आकर वूमेंस टेनिस एसोसिएशन रैंकिंग में नंबर-1 रैंक हासिल की। इसका सही जवाब एशले बार्टी था। 50 लाख रुपये के 14वें प्रश्न का जवाब उन्हें मालूम नहीं था, इसलिए उन्होंने खेल छोड़ दिया।

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दिव्या तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रही हैं। उन्होंने डीयू के हंसराज कॉलेज से वर्ष 2015 में बीकॉम पास में स्नातक की डिग्री हासिल की। आइटीओ में ईएसआइ अस्पताल के हेडक्वार्टर में अपर डिवीजन क्लर्क (यूडीसी) के तौर पर कार्यरत दिव्या ने दैनिक जागरण संवाददाता से बातचीत में कहा कि वह समाजिक कार्यो में हिस्सा लेती हैं। वर्ष 2016 से हमदर्द नाम से एनजीओ चला रही हैं। इसमें ऐसे स्कूली बच्चों, बुजुर्गो व अन्य लोगों की काउंसलिंग करती हैं, जिन्हें समाज में परेशान किया जाता है। वह लोगों को जिंदगी जीने की राह दिखाती हैं।

दिव्या जब गुरु तेग बहादुर कॉलेज में एमकॉम के दूसरे वर्ष में थी, तब जोनल तीरंदाजी के ट्रायल के माध्यम से सरकारी नौकरी हासिल कर ली थी। दिव्या ने तीरंदाजी में कई प्रतियोगिताएं जीती हैं। वर्ष 2012 से 2015 के दौरान तीरंदाजी की सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। वर्ष 2014 में विजयवाड़ा में आयोजित तीरंदाजी की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने छात्रवृत्ति भी हासिल की है। दिव्या तीरंदाजी की राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में खेलने की तैयारी कर रही हैं। वह केबीसी में जीती गई धनराशि का कुछ हिस्सा वंचित समाज के लोगों पर खर्च करना चाहती हैं।

जीवन के संघर्षों का किया डटकर मुकाबला

दिव्या के पिता भूपेंद्र कुमार का खेलों के प्रोडक्ट का व्यवसाय था। वह राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन के कोच रहे हैं। शिक्षण संस्थानों के छात्रों को कोचिंग भी देते थे। उन्होंने व्यवसाय के लिए बैंक से लोन लिया था। उसकी किश्तें चुकाई जा रही थीं। लिवर की बीमारी के कारण वर्ष 2016 में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। दिव्या बताती हैं कि पिता के इलाज के लिए घर को गिरवी रखना पड़ा। बाद में घर को नहीं बचा सके, वह हाथ से निकल गया। वर्ष 2018 में पिता का निधन हो गया। इसके बाद मां कोमल ने व्यवसाय को संभाला।

कान्हा ने सुनी पुकार..

दिव्या बताती हैं कि पिछले महीने रक्षाबंधन के दिन इंतजार कर रही थीं कि उनके पास केबीसी से फोन आएगा। फोन नहीं आने पर वह उदास हो गईं। मैं उस दिन बहुत रोई। मैं भगवान कृष्ण को राखी बांधती हूं। मैंने उन्हें राखी बांधी और मुङो ऐसा महसूस हुआ कि वह मुङो देख रहे हैं। इसके बाद 16 अगस्त को मेरे पास केबीसी से फोन आ गया।

उनके परिचितों ने बताया है कि दिव्या राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज खिलाड़ी रही हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के हंसराज कॉलेज से वर्ष 2012 से 2015 के दौरान बीकॉम पास की डिग्री हासिल की है। वह अभी आईटीओ के ईएसआई अस्पताल के हेडक्वार्टर में यूडीसी के पद पर काम कर रही हैं।

दिव्या ने जिंदगियों की हर चुनौतियां का डटकर सामना किया। उनके पिता भुपेंद्र कुमार की वर्ष 2018 में मौत हो गई थी। उनके पिता को लिवर की बीमारी थी। उनके पिता का खेलों के प्रोडक्ट का व्यवसाय था और उनके पिता राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन के कोच रहे हैं और शिक्षण संस्थानों के छात्रों को कोचिंग दिया करते थे।

जिंदगी का डटकर सामना करते हुए दिव्या केबीसी की हॉट सीट पर पहुंची

पिता की मौत के बाद उनकी माता कोमल ने व्यवसाय को संभाला। दिव्या की जिंदगी आसान नहीं रही है। दिव्या के पिता ने व्यवसाय के लिए बैंक से लोन लिया था। उसकी किश्तें भी चुकाई जा रही थीं, लेकिन फिर 2016 के बाद उनके पिता की तबीयत बिगड़ गई और पिता के इलाज के खर्च के लिए मकान को गिरवी रखना पड़ा। बाद में मकान को नहीं बचा सके और मकान उनके हाथ से चला गया। अब वह किराए के मकान में अपनी माता के साथ रहती हैं।

दिव्या ने वर्ष 2014 में विजयवाड़ा में आयोजित तीरंदाजी की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में ब्रोंज मेडल जीता था। साथ ही वह राज्य स्तर पर भी तीरंदाजी में कई प्रतियोगिता जीत चुकी हैं। 

केबीसी के होस्ट और अभिनेता अमिताभ बच्चन के सामने दिव्या बिल्कुल भी धैर्यहीन नहीं हुईं। उन्होंने अपना मनोबल बनाए रखा और सभी सवालों का बखूबी जवाब दिया। उनकी इस उपलब्धि से हंसराज कॉलेज भी गौरवांन्वित महसूस कर रहा है।

हंसराज कॉलेज की प्राचार्य प्रो रमा शर्मा ने बताया कि दिव्या सभी छात्रों के लिए प्रेणास्त्रोत हैं और उनके कौन बनेगा करोड़पति में पहुंचने से अन्य छात्रों में भी यह प्रोत्साहन जगेगा कि वह इस गेम शो में हिस्सा लें। कॉलेज को अपनी एल्युमिनी दिव्या पर गर्व है।  

अमिताभ को मिलेगा फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को इस वर्ष होने वाले दादा साहेब फाल्के अवार्ड्स से सम्मानित किया जाएगाl इस बात की जानकारी केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर दी हैl

इस बारे में केंद्रीय सुचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर जानकारी दी हैl उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘2 पीढ़ियों को प्रेरित और मनोरंजन करने वाले अमिताभ बच्चन का सर्वसम्मति से दादा साहेब फाल्के अवार्ड्स के लिए चयन हुआ हैl इस बात से पूरा देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय खुश हैंl मेरी ओर से उन्हें ढेरों शुभकामनाएंl’

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इन दिनों शो कौन बनेगा करोड़पति में व्यस्त हैंl बिग बी अपने अभिनय के अलावा अपने सामजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते हैंl अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार भारतीय फिल्मों में दिए गए उनके योगदान के लिए दिया जा रहा हैl सदी के महानायक की गाथा और फिल्म की यात्रा भी अद्वितीय रही हैंl अमिताभ बच्चन ने अपने फ़िल्मी करियर में एक से बढ़कर एक फ़िल्में दी हैं, जो कि सुपरहिट रही हैंl उनकी शोले, जंजीर, दिवार, शान, जैसी फिल्मों के माध्यम से बॉलीवुड में एंग्री यंग मैंन की इमेज बनाई थीl जोकि दर्शकों को खूब पसंद आईl इसके अलावा उन्होंने अपने आयु के अनुसार भूमिका को चयन करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया और वह आज भी कई कलाकारों से अधिक व्यस्त हैl

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