फिर चर्चा में सिर्फ 5वीं पास देश-दुनिया का यह उद्यमी, घर-घर में मशहूर हैं इनके प्रोडक्ट्स
धर्मपाल गुलाटी वर्ष 1959 में एमडीएच मसाला फैक्ट्री की नींव रखी गई थी। 2017 में धर्मपाल गुलाटी सबसे ज्यादा बिकने वाले एफएमसीजी उत्पाद के सीईओ बने।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देश की नामी मसाला कंपनी महाशया दी हट्टी (MDH) के प्रमुख व्यवसायी 95 वर्षीय धर्मपाल गुलाटी फिर चर्चा में हैं। दरअसल, शनिवार को राष्ट्रपति भवन में महामहिम रामनाथ कोविंद ने एमडीएच (MDH) मसालों के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी को पद्म भूषण से नवाजा है।
धर्मपाल गुलाटी को व्यापार और प्रसंस्करण के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए पद्म भूषण अवॉर्ड दिया गया है। धर्मपाल के नेतृत्व में एमडीएच मसालों का नाम न केवल पूरे देश में,बल्कि पूरी दुनियाभर में मशहूर है। ये कंपनी 60 से भी अधिक तरह के मसाले तैयार करती है और उसका दुनिया के कई देशों में निर्यात करती है।
बता दें कि फिलहाल देशभर के अंदर ही एमडीएच की 15 फैक्ट्रियां हैं, इनमें दिल्ली-एनसीआर में ही आधा दर्जन से अधिक फैक्ट्रियां हैं। उन्होंने अपने दम पर इस कंपनी का इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित किया है। महाशियां दी हट्टी एमडीएच भारत में मसालों का एक लोकप्रिय ब्रांड है और पिछले कुछ सालों में गुलाटी उसके विज्ञापनों में ब्रांड का प्रतिष्ठित चेहरा बन गए हैं।
सिर्फ 5वीं पास हैं धर्मपाल
सबसे दिलचस्प बात यह है कि अपने अलहदा मसालों के जरिये हर घर में पहचाने जाने वाले धर्मपाल सिर्फ 5वीं पास हैं। बताते हैं कि धर्मपाल का मन पढाई-लिखाई में बचपन से ही नहीं लगता था, जबकि उनके पिता चुन्नीलाल चाहते थे कि वह खूब पढ़ें। हालांकि, पिता की चाहत पूरी नहीं हुई और 5वीं के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था फिर पिता के साथ दुकान पर बैठने लगे थे।
बढ़ई बनाना चाहते थे पिता, बन गए मसाला किंग
धर्मपाल गुलाटी के पिता चुन्नी लाल ने उन्हें एक बढ़ई की दुकान पर काम सीखने के लिए लगा दिया, लेकिन धर्मपाल का मन नही लगा और उन्होंने वह काम भी नही सीखा। इस पर पिता ने धर्मपाल के लिए एक मसाले की दुकान खुलवा दी।
पिता चलाते थे तांगा
धर्मपाल गुलाटी की संघर्ष की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। गुलाटी का जन्म 1922 में अविभाजित भारत में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था, लेकिन 1947 में देश का बंटवारा होने पर उनके पिता महाशय चुन्नी लाल दिल्ली आ गए थे और यहां आकर बस गए। यहां पर दिल्ली में उनके पिता ने पहले किराए पर तांगा चलाने का काम किया और फिर मन न रमा तो मसालों के कारोबार में आ गए। इससे पहले फिर अजमल खां रोड पर खोखा बनाकर दाल, तेल, मसालों की दुकान शुरू कर दी। तजुर्बा था, इसलिए काम चल निकला।
2017 में बने एमडीएच के सीईओ
वर्ष 1959 में एमडीएच मसाला फैक्ट्री की नींव रखी गई थी। इसे महाशियन दी हट्टी (एमडीएस) कहा जाता है और दिल्ली के कीर्ति नगर में इस कंपनी की स्थापना धर्मपाल गुलाटी ने की थी। 2017 में धर्मपाल गुलाटी सबसे ज्यादा बिकने वाले एफएमसीजी उत्पाद के सीईओ बने।
यह भी जानें
- महाशय धर्मपाल ने 1959 में एमडीएच फैक्ट्री की नींव रखी थी।
- देश में एक के एक 5 फैक्ट्रियां खोलीं, जो तकरीबन 1,000 डीलरों को मसाला सप्लाई करती हैं।
- एमडीएच के कुछ दफ्तर दुबई और लंदन में भी हैं।
- एमडीएच मसाला कंपनी लगभग 100 देशों से एक्सपोर्ट करती है।
- MDH के नाम से मशहूर उनकी कंपनी 'महाशियां दी हट्टी' को पिछले साल कुल 213 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। इस कंपनी के 80 फीसद हिस्सेदारी धर्मपाल गुलाटी के पास है।
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