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Chhath Puja 2020: छठ पूजा का तीसरा दिन, कल होगा समापन

Chhath Puja 2020 कोरोना के कारण यमुना नदी के साथ ही पार्कों में कृत्रिम घाटों में व्रतियों के जुटने पर रोक है तो लोगों ने घर की छतों पर ही सूर्य को अ‌र्घ्य देने की तैयारी की है। इसके लिए लोग बाथ टब खरीद कर लाए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 08:40 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 08:40 AM (IST)
Chhath Puja 2020: छठ पूजा का तीसरा दिन, कल होगा समापन
व्रत रखे घरों में पूरा भक्ति का माहौल है। घरों में भक्ति गीत गाए जा रहे हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में लोक आस्था का पर्व छठ मनाया जा रहा है। चार दिवसीय छठ महापर्व मनाने की कड़ी में फिर से निर्जला व्रत शुरू हो गया है, जो शनिवार को उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद संपन्न होगा। इससे पहले शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद इसके बाद 21 नवंबर की सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठ पूजा (Chhath Puja) का समापन किया जाएगा। वहीं,  इससे पहले लोक पर्व छठ की भक्ति में डूबी दिल्ली में बृहस्पतिवार को विधि-विधान व पूरी शुद्धता के साथ खरना की परंपरा निभाई गई। इसमें दिनभर निर्जला व्रत रखने के लिए व्रतियों ने छठ मइया को गुड़ व दूध में बनी खीर, पूड़ी, केला व मिठाई का चढ़ावा चढ़ाया गया। उसी को फिर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया गया।

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घर पर छठ मना रहे हैं ज्यादातर लोग

इस बार कोरोना के कारण यमुना नदी के साथ ही पार्कों में कृत्रिम घाटों में व्रतियों के जुटने पर रोक है तो लोगों ने घर की छतों पर ही सूर्य को अ‌र्घ्य देने की तैयारी की है। इसके लिए लोग बाथ टब खरीद कर लाए हैं। जिनके पास थोड़ी जमीन है उन्होंने घर परिसर में कृत्रिम तालाब भी बना लिए हैं। पूरे परिवार के साथ आस-पड़ोस के लोग भी इन तैयारियों में पूरा साथ दे रहे हैं। व्रत रखे घरों में पूरा भक्ति का माहौल है। घरों में भक्ति गीत गाए जा रहे हैं। घर-घर ठेकुआ बनाया गया।

पूजन सामग्री की हुई खरीदारी

बृहस्पतिवार को भी बाजारों में पूजन सामाग्री के लिए बाजारों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पूजन सामाग्री में डोगरा, सूप, छोटा नींबू, बड़ा नींबू, शरीफा, नारियल, गन्ना, कच्ची हल्दी, गलगल व चकोतरा आदि की भी खूब खरीदारी की। पहाड़गंज स्थित एक दुकानदार रोहित ने बताया कि बृहस्पतिवार को भीड़ अधिक रही।

कार्तिक शुक्ल चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी और सप्तमी तिथि तक छठ का पर्व मनाया जाता है. षष्ठी के दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यह एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें शाम को सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य कहते हैं। मान्यता है कि इस समय सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं।

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