Karwa Chauth Moonrise Time: देश भर में मना करवा चौथ का त्योहार, कई महिलाओं ने ऑनलाइन किया पति का दीदार
Karwa Chauth Moonrise Time Today ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है। ऐसे में महिलाओं को करवा चौथ के दिन खास तौर पर चंद्रदर्शन का इंतजार रहता है।
नई दिल्ली/नोएडा [रीतिका मिश्रा/पारुल रांझा]। Karwa Chauth Moon Rise Timing 2020: देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार को करवा चौथ का पर्व सुहागिनों ने धूमधाम से मनाया। इसकी छटां कश्मीरी गेट, करोलबाग, पुरानी दिल्ली, दरियागंज, पटेल नगर, पहाड़गंज व लुटियन दिल्ली सहित अन्य इलाकों में देखने को मिली। सुबह से ही सुहागिनें नहा-धोकर लाल व महरून रंग की साड़ियों पहनकर और हाथों में पिया के नाम की मेहंदी लगाकर करवा चौथ के लिए तैयारी कर रही थीं। सुहागिनों के हाथों में खनकती चूड़ियों की आवाज भी मानों इस पर्व का हिस्सा बनने के लिए आवाज लगा रही हो। रात होते-होते सुहागिनों ने चांद दिखने के बाद छलनी में पूजा के लिए दीपक जलाकर छलनी से चांद का दीदार कर अपने सुहाग का भी दीदार किया। जिसके बाद चांद व सुहाग दोनों की आरती उतार पति की दीर्घायु की कामना की, जिसके बाद पत्नियों ने अपने पतियों के पैर छूएं। वहीं, पतियों ने भी सदा सुहागिन रहने के लिए उनके सिर पर हाथ रखा। पूरे दिन भूखे प्यासे रहने के बाद पत्नियों ने अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोला।
शाम होते ही बढ़ गया था चांद का दीदार
जैसे-जैसे करवाचौथ की शाम ढल रही थी वैसे-वैसे चांद का दीदार करने के लिए सुहागिनों की उत्सुकता बढ़ रही थी। कभी वो इंटरनेट के माध्यम से चांद निकलने का समय देख रही थी तो कभी अपने संबंधियों से बातचीत कर चांद निकलने के बारे में जानकारी ले रही थी। बच्चों का हुजूम छतों पर पहुंच गया था और पल-पल की जानकारी परिजनों को दे रहा था। रात होते-होेेते जैसे ही चांद की छटां से आसमान की लालिमा बढ़ने के साथ अंधेरा घटा तो मानों हर सुहागिन का चेहरा खिल उठा। चांद की रोशनी की चमक अब सुहागिनों की आंखों में भी देखी जा सकती थी। चांद दिखने के बाद सुहागिन तैयार होकर अपने परिजनों के साथ छतों व पार्क में पहुंच गई थी। पूरे दिन के इंतजार के बाद जिस समय सुहागिनों ने छलनी से चांद के साथ अपने पति का दीदार किया तो मानों पिया के चेहरे में चांद उतर आया था। करोलबाग की रहने वाली शैलजा ने बताया कि पूरे दिन पति की दीर्घायु के लिए भूखे प्यासे रहने के बाद चांद के उस दीदार ने शरीर में उत्साह भरने का काम किया।
पिया ने भी दिया पत्नियों का साथ
जहां करवाचौथ पर महिलाओं ने व्रत रखा है। वहीं, कुछ पतियों ने भी अपनी पत्नी का पूरे दिन व्रत रखकर साथ दिया है। कई पतियों ने तो इस दिन ऑफिस से छुट्टी लेकर घर में पूरा दिन पत्नी के साथ बिताया। शाम को पत्नी के लिए मनपसंद पकवान बनाएं और रात को पत्नियों का व्रत खुलवाने के बाद उनको तोहफा दिया।
पार्कों में पिछले साल की तरह नहीं जुटी भीड़
हर साल पार्कों में शाम को सुहागिनों का चांद को देखने के लिए तांता लगा करता था, लेकिन इस बार कोरोना के चलते शारीरिक दूरी का पालन करने के उद्देश्य से राजधानी के विभिन्न पार्कों में इस बार करवा चौथ का कार्यक्रम नहीं आयोजित किया गया। केवल कुछ ही जगहों पर बहुत कम संख्या में वो महिलाएं चांद के दीदार के लिए पहुंची जिनके घरों से चांद का देख पाना नहीं संभव था।
ऑनलाइन माध्यम से भी मनाया करवाचौथ
जिन पत्नियों के पति काम के सिलसिले में दूर-दराज के राज्यों में हैं उन्होंने वीडियो कॉल के माध्यम से अपने पतियों को देखा और फिर खुद पानी पीकर अपना व्रत तोड़ा। ऐसे मे ही ऑनलाइन करवा चौथ मना रही पटेल नगर की रहने वाली सीमा शर्मा ने बताया कि उनकी शादी को सात साल हो गए हैं। हर साल वो अपने पति के साथ ही करवा चौथ मनाती आ रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके पति विकास एक निजी कंपनी में सॉफ्टेवयर इंजीनियर हैं। इस बार मार्च में किसी काम के सिलसिले से दुबई गए थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद से वहीं पर फंस गए। इसलिए उन्होंने इस बार चांद का दीदार किया फिर वाट्सएप वीडियों कॉलिंग के माध्यम से अपने पति को देख कर खुद के हाथोें से पानी पिया और अपना व्रत तोड़ा।
बता दें कि करवा चौथ में चांद का दीदार और पूजा का विशेष महत्व होता है। सुबह से निर्जला व्रत रखते हुए जब रात को चांद के दर्शन होते तब करवा चौथ का व्रत पूरा माना जाता है। सुहागिन महिलाएं-युवतियां चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करती हैं। इसके बाद व्रत खोलने के बाद पति और परिवार में अन्य बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेती हैं। बुधवार को भी सुहागिन महिलाओं ने यही किया।
चंद्रमा को दिया अर्घ्य
सुहागिन युवतियों और महिलाओं ने जिस चुन्नी को ओढ़कर कथा सुनी थी उसी चुन्नी को ओढ़कर चंद्रमा को अर्घ्य दिया, ऐसा मान्यता के अनुसार किया। छलनी में दीया रखकर चंद्रमा को उसमें से देखा और फिर उसी छलनी से तुरंत अपने पति को देखा। इसके बाद आप बायना (खाना और कपड़े, दक्षिणा ) निकालकर परिवार के बड़ों को दिया और फिर खाना खाया। इस दिन लहसुन-प्याज वाला और तामसिक खाना नहीं बनता है।
- दिल्ली में चांद निकला: शाम 8 बजकर 12 मिनट
- नोएडा में चांद निकला: शाम 8 बजकर 12 मिनट
- गाजियाबाद में चांद निकला: शाम 8 बजकर 12 मिनट
- गुरुग्राम में चांद निकला: शाम 8 बजकर 15 मिनट
- हापु़ड़ में चांद निकला: शाम 8 बजकर 12 मिनट
- फरीदाबाद में चांद निकला: शाम 8 बजकर 15 मिनट
- सोनीपत में चांद निकला: शाम 8 बजकर 16 मिनट
करवा चौथ त्योहार में सास की तरफ से बहू को मिलने वाला सबसे खास उपहार सरगी होता है। पारंपरिक तौर तरीकों में सरगी को मिट्टी के बर्तन में रखकर दिया जाता है। सरगी सास बनाती है और उसे बहुएं व्रत के दिन सूर्य निकलने से पहले खाती हैं और उसके बाद ही सुहागिनें व्रत करती हैं। सरगी में खासतौर से मठरी, मेवे, फल, मिठाई आदि चीजें होती हैं।
- कोलकाता: 07:40 बजे शाम
- जयपुर: 08:22 बजे शाम
- रांची: 7:51 बजे शाम
- जबलपुर: 08:14 बजे शाम
- जम्मू: 08:11 बजे शाम
- जोधपुर : 8:35 बजे शाम
- अलवर : 8:17 बजे शाम
- कोलकाता : 07:40 बजे शाम
- मुंबई : 08:52 बजे शाम
- चेन्नई : 08:33 बजे शाम
- चंड़ीगढ़: 08:09 बजे शाम
- गुरुग्राम: 08:13 बजे शाम
- बंगलुरू: 08:44 बजे शाम
- हैदराबाद: 08:32 बजे शाम
- अहमदाबाद: 08:44 बजे शाम
- लखनऊ : 8:01 बजे
- वाराणसी : 7:56 बजे
- कानपुर : सुबह 8:05 बजे
- इलाहाबाद : 8:01 बजे
- दिल्ली : 08:12 बजे शाम
- पुणे: 08:49 बजे शाम
- नोएडा: 08:12 बजे शाम
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