जानिये- कैसे योग से निरोग रहने की सलाह में जुटे योगाचार्य पवन सिंह
पवन ने बताया कि योग मन और मस्तिष्क को स्थिर रखता है। कारखानों और उपकरणों से निकलते जहर की वजह से खराब होती आबोहवा से बचाने में मदद करता है। योगा सूर्य नमस्कार की 12 क्रियाओं को करके अपने शरीर को पूरे दिन स्वस्थ और तरोताजा महसूस कर सकते हैं।
नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। कारखानों और उपकरणों से निकलते जहर की वजह से खराब होती आबोहवा के बीच लोगों के अच्छे स्वास्थ की अलख जलाने की बीड़ा न्यू अशोक नगर निवासी योगाचार्य पवन सिंह ने उठाया है। पवन लोगों को निरोग रहने के लिए योग की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि योग में शारीरिक व मानसिक दोनों पक्षाों पर जोर देना जरूरी है आसन शरीर की शुद्धी और मन की शुद्धी के लिए जरूरी है। बुजुर्गों, बच्चों व महिला या कमजोर वर्ग के लोग सभी के लिए योग का शारीरिक अभ्यास लाभदायक है और यह सभी को उन्नति की ओर ले जाता है।
पवन ने बताया कि योग की मुख्य बात यह है कि यह मन और मस्तिष्क को स्थिर रखता है कारखानों और उपकरणों से निकलते जहर की वजह से खराब होती आबोहवा से बचाने में मदद करता है। योगा सूर्य नमस्कार की 12 क्रियाओं को करके अपने शरीर को पूरे दिन स्वस्थ और तरोताजा महसूस कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार पूरे शरीर में रक्त के परिसंचरण में सुधार लाता है। संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखता है और रोग मुक्त रहने में मदद करता है। ह्रदय, लीवर, आंत, पेट, छाती, गले के लिए सूर्य नमस्कार के अनेक लाभ है। सिर से पांव तक, शरीर के हर हिस्से को सूर्य नमस्कार से लाभ मिलता है। आगर धीमी गति से करें तो शरीर लचीला बनाने में मदद करता है। अगर तेज गति से करें तो एक हार्ट-रेट बढ़ाने वाला व्यायाम है जो वजन घटाने में मदद करता है। शरीर की सभी प्रणालिया जैसे की- पाचन, श्र्वसन, प्रजनन, तंत्रिका और अन्त: स्त्रावी ग्रंथि को संतुलित करता है। जब योग इतना ही लाभदायक है तो हमें इसे करने की शिक्षा अपने बच्चों को भी जरूर देनी चाहिए। योग का महत्व उन्हें सिखाना चाहिए। इससे बच्चों के मन-मस्तिष्क में स्थिरता आती है और वे अपनी पढाई में भी ध्यान केंद्रित कर सकते है। योग के चमत्कार को तो पूरी दुनिया ने स्वीकार किया हैं इसी वजह से दुनिया के विभिन्न देशों में योग शिक्षा को अनिवार्य किया गया है। योग के प्रभाव को देखते हुए आज चिकित्सक एवं वैज्ञानिक योग के अभ्यास की सलाह देते हैं। छात्र जीवन के लिए तो योग बहुत ही आवश्यक है।
कठिनाइनयों के बीच हासिल की उपलब्धियां
पवन ने बताया कि वह बचपन से ही चाचा जी के साथ योगाभ्यास करते थे, हालांकि उनकी घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। जब उन्हें पुडुचेरी में एक शो में लाइव परफॉर्मेंस करना था, तब उनके पास पैसे भी नहीं थे। उन्होंने उन संगठनों से सहायता मांगी, जिनके साथ उन्होंने वर्षो काम किया था। उसी दौरान उनको दिल्ली राज्य का प्रथम पद पुरस्कार मिला। जिसमें उन्हें कुछ नगद रुपये भी मिले। लेकिन वह पुडुचेरी जाने के लिए पर्चप्त नहीं थे। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और हैदराबाद व तमिलनाडु के कुछ व्यक्तियों से सहायता लेकर वहां पहुंचे व विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इंग्लैंड के संगठन वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेशन की टीम की सहायता से उन्होंने वहां भी अपना नाम दर्श कराया। आज योग के बदल पर लोगों को प्रदूषण से बाचव को लेकर योग के प्रति जागगरूक कर पा रहा हूं।
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