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जानिए कैसे-कैसे किसानों का ट्रैक्टर मार्च होता गया उग्र, 5 घंटे तक लाल किले पर मचाया उत्पात

दिल्ली की सीमा पर दिए जा रहे किसानों के धरने ने मंगलवार को पूरी अराजकता दिखाई। पुलिस के साथ हुई मीटिंग में ये ट्रैक्टर मार्च वैसे तो 12 बजे के बाद निकलना तय था मगर अराजक किसानों ने सुबह 8 बजे से ही हंगामा करना शुरू कर दिया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 07:32 PM (IST)
जानिए कैसे-कैसे किसानों का ट्रैक्टर मार्च होता गया उग्र, 5 घंटे तक लाल किले पर मचाया उत्पात
किसानों ने सीमाओं पर अराजकता दिखाई और बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ते गए।

नई दिल्ली, ऑनलाइऩ डेस्क। कृषि कानून को खत्म किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमा पर दिए जा रहे किसानों के धरने ने मंगलवार को पूरी अराजकता दिखाई। पुलिस के साथ हुई मीटिंग में ये ट्रैक्टर मार्च वैसे तो 12 बजे के बाद निकलना तय था मगर अराजक किसानों ने सुबह 8 बजे से ही हंगामा करना शुरू कर दिया।

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टीकरी बॉर्डर पर जमा किसान अपने ट्रैक्टर लेकर यहां रखे गए बैरिकेड को धकेलने लगे। पुलिस ने किसानों के तेवर को देखते हुए कुछ बैरिकेड खुद ही हटा दिए, उसके बाद किसानों का ट्रैक्टर का काफिला दिल्ली के रिंग रोड की ओर बढ़ चला। इस दौरान किसानों के रास्ते को जिसने भी रोकने की कोशिश की उसके साथ वो हाथापाई और बदतमीजी तक करने से बाज नहीं आए।

पहुंच गए आईटीओ टीकरी बॉर्डर से निकलने के बाद किसान वाया रिंग रोड सीधे आइटीओ पहुंच गए। यहां पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की मगर किसान नहीं माने, यहां पुलिस के साथ हाथापाई की गई। बसों को तोड़ दिया गया। किसानों ने पुलिस हेडक्वार्टर के सामने ट्रैक्टरों की लाइन लगा दी। यहां पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। एक बार पुलिस को पीछे हटना पड़ा मगर फिर उन्होंने किसानों को आगे बढ़ने से रोका। 

- 1 बजे करीब ट्रैक्टरों का जत्था रिंग रोड से होते हुए कश्मीरी गेट पहुंचे

- 1.10 मिनट पर बड़ी संख्या ट्रैक्टरों पर सवार उपद्रवी जमुना बाजार से होते हुए लाला किला परिसर पर पहुंच गए

- 1.20 मिनट पर लाल किला परिसर में ट्रैक्टरों का जमाबड़ा लग गया

- 1.30 पर ट्रैक्टरों से उतकर किसान लाल किला प्राचीर पर पहुंच गए

- 1.45 पर उपद्रवी ध्वजारोहण वाले स्थान पर पहुंच गए

- 2.01 पर लाल किला प्राचीर पर ध्वजारोहण वाले स्थान पर किसान संगठन और धार्मिक झंड़े फहरा दिए

- 2.05 मिनट पर पुलिस ने ध्वजारोहण वाले स्थान को कब्जे में ले लिया

- 2.08 मिनट पर पुलिस लाल किला प्राचीर को खाली करा लिया

- 2.10 मिनट पर पुलिस कर्मियों और उपद्रवियों के बीच झड़प हो गई

- 4.15 मिनट पर उपद्रवी मुख्य तिरंग के पास पहुंच गए

- 4.18 मिनट पर मुख्य तिरंगे के साथ धार्मिक और किसान संगठन के झंडे लगा दिए

लाल किले की ओर चले, किया कब्जा, फहराया तिरंगा 

यहां से हटाए जाने के बाद किसानों का काफिला लाल किले की ओर मुड़ गया। किसान ट्रैक्टर के साथ लाल किले के बाहर पहुंच गए। यहां पहले बाहर झंडा लहराया गया उसके बाद किसानों का गुट लाल किले के अंदर की ओर बढ़ गया। इसके बाद किसानों की लाइन लग गई। सभी लाल किले की प्राचीर पर पहुंच गए, वहां झंडा फहराया गया, इसके अलावा यहां पर जिन प्राचीरों पर झंडा लहरा रहा था वहां किसानों ने अपना झंडा फहराया।

अन्य सीमाओं पर हंगामा, लाठीचार्ज 

इस दौरान दिल्ली की अन्य सीमाओं पर भी किसान दिल्ली में जाने के लिए कोशिश करते रहे। वहां भी हंगामा होता रहा। कुछ सीमाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और किसानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

इंटरनेट सेवा की गई बंद 

किसानों के बेकाबू होने और तमाम तरह की पोस्टें वायरल होने के बाद सरकार की ओर से कदम उठाया गया। सरकार ने इंटरनेट सेवा को तत्काल बंद कर दिया जिससे फर्जी सूचनाएं न फैलाई जा सकें। गृहमंत्री अमित शाह ने इसके बाद बयान दिया कि जिन लोगों ने ये अराजकता फैलाई है उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा।

किसान नेताओं ने किया किनारा 

दिल्ली की सड़कों पर जब इस तरह की अराजकता फैल गई। लाखों रूपये का नुकसान हो गया उसके बाद किसान नेताओं ने बयान दिया कि उनका इस तरह की अराजकता फैलाने वाले किसानों से कोई लेना देना नहीं है। लाल किले पर झंडा फहराए जाने के बाद किसान नेताओं के भी बोल निकले।

गृहमंत्री के साथ बैठक 

दिन भर किसानों की अराजकता के बाद शाम को गृहमंत्री अमित शाह और अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में मीटिंग शुरु हुई। इस मीटिंग में आगे की रणनीति बनाई गई और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई।  

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