जानिए राजधानी दिल्ली को कोरोना की इस तीसरी लहर से कब तक मिल पाएगी राहत? क्या कहते हैं एक्सपर्ट डॉक्टर
ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण राजधानी में कोरोना के नए मामलों में तेजी से वृद्धि होने के बाद अब इनमें कमी आने लगी है। हालांकि संक्रमण दर में खास कमी आती दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में यह तीसरी लहर के थमने का संकेत है या नहीं।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण राजधानी में कोरोना के नए मामलों में तेजी से वृद्धि होने के बाद अब इनमें कमी आने लगी है। हालांकि, संक्रमण दर में खास कमी आती दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में यह तीसरी लहर के थमने का संकेत है या नहीं। इसको लेकर सफदरजंग अस्पताल में प्रिवेंटिव कम्युनिटी मेडिसिन के डायरेक्टर प्रोफेसर डा. जुगल किशोर ने अपने विचार रखें। उनके हिसाब से जानिए अभी और कितने दिनों में इससे राहत मिलने की उम्मीद है।
सवाल- तीन दिन से कोरोना के मामले घट रहे हैं लेकिन संक्रमण दर खास नहीं घटी है। इससे क्या संकेत मिल रहे हैं?
जवाब- बिल्कुल इसे राहत की बात माना जा सकता है, क्योंकि पहले जिस तेजी के साथ मामले बढ़ रहे थे, उसी तेजी के साथ संक्रमण दर भी बढ़ रही थी। चूंकि अब यह स्थिर है, इसलिए आने वाले दिनों में संक्रमण दर में कमी आएगी तो मामले और भी कम आएंगे। इसलिए कोरोना के नए मामले और संक्रमण दर घटना दोनों राहत की बात है।
सवाल- आइसीएमआर के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार बिना लक्षण वाले लोगों की जांच बंद कर दी गई है, क्या इस वजह से मामले कम हुए हैं?
जवाब- आइसीएमआर द्वारा बहुत पहले ही यह कदम उठाया जाना चाहिए था। ओमिक्रोन का संक्रमण इतना हल्का है कि इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। इसलिए जांच कराना पहले से ही जरूरी नहीं था। अधिक जांच कराने की वजह से ही अधिक मामले आ रहे थे। इससे एक नकारात्मक माहौल पैदा हो रहा था। बिना लक्षणों वाले लोगों की जांच बंद होने से मामले कम हो रहे हैं और एक सकारात्मक माहौल बन रहा है। जांच कराने के बजाय बिना लक्षण वाले लोगों को एक सप्ताह तक घर में रहकर ही अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। अधिकतर लोग वैसे भी घर पर ही ठीक भी हो रहे हैं, तो ऐसे में सभी लोगों की जांच करना बिल्कुल आवश्यक नहीं है।
सवाल- बिना लक्षण वाले लोग जांच नहीं कराएंगे तो क्या संक्रमण अधिक फैलने का खतरा नहीं बढ़ेगा?
जवाब- एक-दूसरे से संक्रमण तो पहले से भी फैलता रहा है। यह संक्रमण सभी को फैलना ही है, लेकिन सभी की जांच कराने में कोई फायदा नहीं है। ओमिक्रोन वैरिएंट के मरीज पांच से सात दिन में घर पर ही रहकर ठीक हो रहे हैं। लक्षण भी अधिकतर लोगों में सामान्य सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार के हैं। इसलिए सभी की जांच जरूरी नहीं है। ओमिक्रोन संक्रमण तो प्राकृतिक रूप से लोगों में इम्युनिटी पैदा कर रहा है।
सवाल- दिल्ली को इस तीसरी लहर से कब तक राहत मिलने की संभावना है?
जवाब- मेरी समझ से कोरोना का चरम तो निकल चुका है। पहले अनुमान था कि यह चरम 15 से 20 जनवरी के बीच खत्म होगा, लेकिन यह 13 जनवरी तक ही गुजर गया। दिल्ली में सप्ताहांत कर्फ्यू और अन्य पाबंदियों की वजह से चरम जल्दी खत्म हो गया। इसी से पिछले तीन दिन से मामले कम आ रहे हैं। आने वाले दिनों में ये और कम होंगे। दूसरी जगहों पर जहां देर से मामले बढ़ने शुरू हुए हैं, वहां चरम खत्म होने में थोड़ा समय लग सकता है।
सवाल- 28 हजार से ज्यादा मामले आने के बावजूद अस्पतालों में मरीज कम भर्ती हो रहे हैं, इसकी क्या वजह है?
जवाब--दिल्ली में ओमिक्रोन वैरिएंट की दस्तक के समय तक अधिकतर लोगों का टीकाकरण हो चुका था। साथ ही ओमिक्रोन का संक्रमण भी हल्का है। इसीलिए संक्रमित होने के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। जिन लोगों को टीका नहीं लगा है या जो पहले से गंभीर बीमारियों से पीडि़त हैं, उन्हीं को अस्पताल जाने की जरूरत पड़ रही है।
सवाल- देश किशोरों का टीकाकरण चल रहा है, क्या 15 साल से कम उम्र के बच्चों का भी इसकी जरूरत है?
जवाब- बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले शुरू से ही कम देखने को मिले हैं। संक्रमण की चपेट में आने वाले बच्चों पर भी कम ही असर हुआ है और बहुत कम बच्चों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है। इनकी रिकवरी भी अच्छी रही है, मौजूदा समय में ओमिक्रोन का संक्रमण तो इतना हल्का है कि इससे तो डरने की कोई जरूरत ही नहीं। इसलिए 15 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण शुरू करने की कोई जरूरत नहीं है।