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Kisan Andolan: क्या 'बारूद' के ढेर पर बैठे हैं प्रदर्शनकारी, कोरोना के विस्फोट से डरे हजारों लोग

Kisan Andolan किसानों का तीनों बॉर्डर पर धरने पर बैठना बारूद के ढेर जैसा है जिसमें कभी भी विस्फोट हो सकता है। वहीं किसान अपनी जिद पर अड़े हैं और यह जिद कभी भी कोरोना के बड़े मामलों में तब्दील हो सकती है।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 10:10 AM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 04:33 PM (IST)
Kisan Andolan: क्या 'बारूद' के ढेर पर बैठे हैं प्रदर्शनकारी, कोरोना के विस्फोट से डरे हजारों लोग
कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस के सामने लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर 150 दिन से अधिक समय से धरना दे रहे कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारी कोरोना के सुपर स्प्रेडर बन सकते हैं। दिल्ली-एनसीआर के इन तीनों बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी न मास्क लगा रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। वहीं, लापरवाही का आलम यह है कि किसान प्रदर्शनकारी कोरोना टेस्ट भी करवा नहीं रहे हैं, इसलिए संक्रमण का पता नहीं लग पा रहा है। नतीजन ये बीमार प्रदर्शनकारी दूसरे प्रदर्शनकारियों व आसपास के गांवों में बिना रोकटोक घूम रहे हैं।

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बारूद के ढेर पर बैठने जैसा है किसानों का एक साथ होना

बताया जा रहा है कि फिलहाल किसानों का तीनों बॉर्डर पर धरने पर बैठना बारूद के ढेर जैसा है, जिसमें कभी भी विस्फोट हो सकता है। वहीं, किसान अपनी जिद पर अड़े हैं और यह जिद कभी भी कोरोना के बड़े मामलों में तब्दील हो सकती है। जागरण संवाददाता के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर-नरेला रोड पर यह आमतौर पर देखने को मिलता है। इसके अलावा प्रदर्शनकारी दिल्ली में नरेला, बवाना तक बिना मास्क के ही आते जाते रहते हैं। इनको न तो पुलिस का डर है और न ही जुर्माने का। ऐसे में प्रदर्शनकारी खुद की जान के दुश्मन तो बन ही रहे हैं, साथ ही दिल्लीवासियों के जान के भी दुश्मन बने हुए हैं। स्थिति यह है कि तीनों बॉर्डर पर कई किसान प्रदर्शनकारियों को खांसी, जुकाम जैसे लक्षण आ रहे हैं। सटीक आंकड़े तो नहीं हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि 15 फीसद प्रदर्शनकारी इस समय बीमार हैं। अगर यह कोरोना है कि यह आंकड़ा बढ़ने और कई गुना होने में समय नहीं लगेगा।

नरेला रोड पर नहीं काटे जा रहे मास्क न लगाने वालों के चालान

कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस के सामने लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हैं। नरेला रोड पर मास्क न लगाने पर चालान भी नहीं काटे जा रहे। वहीं, किसी बड़े बवाल की आशंका के चलते इनका चालान भी नहीं किया जा रहा है।

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सिंघु बॉर्डर पर नहीं हो रही कोरोना जांच

सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा में हरियाणा और दिल्ली सरकार की ओर से कोई भी कोरोना जांच केंद्र नहीं खोला गया है। इसके साथ-साथ नरेला रोड पर भी कोई जांच नहीं की जा रही। यहां से हर रोज लोग दिल्ली-हरियाणा में आवागमन करते हैं। टेस्ट न होने का फायदा उठाकर प्रदर्शनकारी दिल्ली के लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।

आसपास के गांवों के लोग सबसे ज्यादा खतरे में

सिंघु बॉर्डर के आसपास के गांव के लोगों को हरियाणा से दिल्ली आवागमन करने के लिए प्रदर्शनकारियों के बीच से ही गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में इन गांवों के लोगों की जान सबसे ज्यादा खतरे में है। सिंघु बॉर्डर पर काम करने वाले कामगार अखिलेश ने कहा कि कोई भी प्रदर्शनकारी मास्क नहीं लगा रहा है। ऐसे में आसपास के लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं।


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