दिल्ली के लॉकडाउन का गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत में दिखा असर, यूपी-बिहार वापस लौट रहे श्रमिक
दिल्ली के असंगठित कामगार अपने साथ हरियाणा के प्रमुख शहरों में काम करने वाले कामगार साथियों को भी ले जा रहे हैं। हालांकि इन्हें रोकने के लिए इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भरसक प्रयास कर रही हैं मगर कामगारों को अंदेशा है कि दिल्ली के बाद हरियाणा में भी लॉकडाउन जरूर लगेगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए असंगठित क्षेत्र के कामगारों के अपने पैतृक गांव वापस लौटने से एनसीआर में शामिल हरियाणा के शहरों के लिए मुसीबत खड़ी हो रही है। दिल्ली के ये असंगठित कामगार अपने साथ हरियाणा के प्रमुख शहरों में काम करने वाले कामगार साथियों को भी ले जा रहे हैं। हालांकि इन्हें रोकने के लिए इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भरसक प्रयास कर रही हैं, मगर कामगारों को अंदेशा है कि दिल्ली के बाद हरियाणा में भी लॉकडाउन जरूर लगेगा। यही कारण है कि इन कामगारों को रोकने के लिए इंटीग्रेटिड एसोसिएशन माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजिज ऑफ इंडिया (आइएम एसएमई आफ इंडिया) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के वीडियो संदेश सुनाने का अभियान चलाया हुआ है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संदेश में साफ तौर पर कहा था कि इस बार कोरोना की लड़ाई में लॉकडाउन अंतिम उपाय होगा।
वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तो साफ तौर पर कहा था कि हरियाणा में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। आइएम एसएमई आफ इंडिया के पदाधिकारी बताते हैं कि वे दिल्ली से बेरोजगार हुए कामगारों को गुरुग्राम, फरीदाबाद या बहादुरगढ़ में काम दिलाने का भी आश्वासन दे रहे हैं। इसके अलावा कोरोना होने पर उनके इलाज की बाबत भी कह रहे हैं। ताकि ये कामगार रुक जाएं। कुछ रुक रहे हैं मगर ज्यादातर एक-दूसरे के साथ दिल्ली व आसपास काम करने के लिए आए थे तो वापस भी एक साथ जाना चाहते हैं।
राजीव चावला (चेयरमैन, आइएम एसएमई ऑफ इंडिया) का कहना है कि दिल्ली में लगे लॉकडाउन के कारण असंगठित क्षेत्र के कामगार बेरोजगार हो गए हैं। उन्हें लगता है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण लॉकडाउन अभी और बढ़ेगा, इसलिए वे हरियाणा में काम करने वाले अपने संगी साथियों सहित पैतृक गांव जा रहे हैं। इनमें से कुछ फसल कटाई सहित अपने घर-परिवार की शादी समारोह के लिए भी जा रहे हैं। हम काफी हद तक इन्हें रोकने में सफल भी हो रहे हैं, मगर कुछ दिल्ली वाले साथियों के कहने पर घर जा रहे हैं।