Red Light On, Gaadi Off: केजरीवाल ने बताया- कैसे वाहन चालक एक साल में कर सकते हैं 7000 रुपये की बचत
Red Light On Gaadi Off सीएम ने कहा कि ऑफिस आने-जाने में एक गाड़ी लाल बत्ती पर रोज औसतन 15 से 20 मिनट रुकती है और करीब 200 मिलीलीटर तेल की खपत होती है यदि गाड़ी बंद रखी जाए तो साल में करीब 7000 रुपये की बचत हो सकती है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के वायु प्रदूषण से निपटने के लिए युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध अभियान के तहत ‘रेडलाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों से अपील करते हुए कहा कि लाल बत्ती (रेड सिग्नल) होने पर अपने वाहन बंद रख कर प्रदूषण कम करने में अपना योगदान दें, इससे आपके ईंधन की भी बचत होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैसे एक साल में एक व्यक्ति को करीब 7000 रुपये की बचत होगी। सीएम ने कहा कि ऑफिस आने-जाने में एक गाड़ी लाल बत्ती पर रोज औसतन 15 से 20 मिनट रुकती है और करीब 200 मिलीलीटर तेल की खपत होती है, यदि गाड़ी बंद रखी जाए, तो साल में करीब 7000 रुपये की बचत हो सकती है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में लाल बत्ती पर गाड़ी ऑन चालू रहने से निकलने वाला धुआं नीचे बैठ जाता है, जो प्रदूषण को बढ़ावा देता है। मुख्यमंत्री ने कहा, हम दिल्ली के हर वाहन चालक और वाहन मालिक से अपील करते हैं कि प्रदूषण को कम करने में साथ दें, हम आने वाले दिनों में इसे लेकर बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान भी शुरू करेंगे।
पिछले कुछ दिनों में हमने कई कदम उठाए
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अपने प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने धूल विरोधी अभियान शुरू किया है, दिल्ली में पैदा होने वाली पराली को जलाने के लिए जरूरत न पड़े, उसके लिए हमने पूसा रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार बायो डीकंपोजर का इस्तेमाल शुरू किया है। इसके अलावा इलेक्टिक वाहन नीति लागू की है। ट्री-ट्रांसप्लांटेशन (पेड़ प्रत्यारोपण) नीति की घोषणा की है, इस तरह के कई कदम उठाए हैं।
आइडलिंग से खासकर सर्दियों में ज्यादा नुकसान
विशेषज्ञों का कहना है कि जब हम लाल बत्ती पर आइडलिंग करते हैं, तो एक मिनट में जितना ईंधन खर्च होता है, वह ड्राइ¨वग के दौरान खर्च होने वाले ईंधन से ज्यादा होता है। सीएम ने कहा कि आइडलिंग का खासकर सर्दियों में ज्यादा नुकसान है। सर्दियों में धुआं ऊपर नहीं जा पाता है और प्रदूषण जमीन पर ही रह जाता है।
30 से 40 लाख वाहन प्रतिदिन सड़कों पर आते हैं
उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल दिल्ली में करीब एक करोड़ वाहन पंजीकृत हैं। उसमें 30 से 40 लाख वाहन भी प्रतिदिन सड़कों पर आते हैं और धुआं छोड़ते हैं। सीएम ने कहा कि इन वाहनों में से अगर 10 लाख चालक भी रेड सिग्नल पर गाड़ी को बंद करना शुरू कर दें, तो विशेषज्ञों के किए गए आकलन के मुताबिक साल भर में पीएम-10 की मात्र 1.5 टन कम हो जाएगी। वहीं पीएम-2.5 की मात्र 0.4 टन कम हो जाएगी।
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