Delhi Sunrise Timing, Chhath Arghya Time: छठ पर दिखा कोरोना का खौफ, दिल्ली में घर से सूर्य को दिया अर्घ्य
Delhi Sunrise Timing Chhath Puja Arghya Time दिल्ली में प्रतिबंध के चलते लोगों ने घर की छत पर ही सूर्य को अर्घ्य दिया तो गुरुग्राम फरीदाबाद नोएडा और गाजियाबाद में छठ घाटों पर सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। लोक आस्था के महापर्व छठ पर भी कोरोना वायरस संक्रमण का खौफ दिखा। शनिवार सुबह 6 बजकर 49 मिनट पर सूर्य निकलने के साथ अर्घ्य दिया और इसी के साथ पर्व का समापन हो गया। दिल्ली में प्रतिबंध के चलते लोगों ने घर की छत पर ही सूर्य को अर्घ्य दिया तो गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में छठ घाटों पर सूर्य को अर्घ्य दिया गया। लोगों में कोरोना के खौफ साफ दिखा, एनसीआर के कई शहरों में भी लोगों ने छतों पर अथवा खुले स्थानों पर जाकर सूर्य को अर्घ्य दिया।
दिल्ली-एनसीआर में लोग थोड़ी देर बाद यानी 6 बजकर 49 मिनट पर उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे और इसी के साथ लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ समाप्त हो जाएगा। इसके लिए दिल्ली को छोड़कर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजिायाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के छठ घाटों पर श्रद्धालु शुक्रवार रात से ही श्रद्धालु जमा हैं। इन घाटों पर रात से ही भजन गाए जा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में सूर्य उगने का समय 6 बजकर 49 मिनट है और इसी के साथ श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य देना शुरू कर देंगे। ज्योषियों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त शनिवार सुबह 06:49 बजे है। इस दौरान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस दौरान श्रद्धालुओं को गिरते जल की धारा में सूर्यदेव के दर्शन करना चाहिए। यह शुभ माना जाता है। इससे श्रद्धालुओं की सारी मनोकामना पूरी होती है।
महिला व्रत धारियों ने फरीदाबाद के एसजीएम नगर में घर की छत पर बनाए गए कृत्रिम छोटे छठ घाट में सुबह के समय सूर्य को अर्घ दिया।
इससे पहले लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन शुक्रवार शाम 5 बजे के बाद दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने घरों और सार्वजनिक स्थलों पर ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया। इस बीच पूर्वी दिल्ली एक अजब नजारा देखने को मिला। यहां की गीता कॉलोनी में बनी झुग्गियों में लोगों ने बर्तन धोने के टब, बाल्टी व खाना पकाने के बड़े भगोने को ही अस्थायी तालाब बना दिया। गीता कॉलोनी की झुग्गियों में इस तरह महिलाओं के साथ ही पुरुषों ने भी सूर्य को अर्घ्य दिया।
हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, शाम के दौरान सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। ऐसे में छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि व्रतधारी महिलाओं को इससे दोहरा लाभ मिलता है।
- फरीदाबाद के सेक्टर-87 स्थित एसआरएस रॉयल हिल्स में आयोजित छठ पूजा के दौरान स्वीमिंग पूल में खड़ी होकर महिलाओं ने पूजा की।
- बदरपुर के हरिनगर में सूर्य उपासना व आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन मेयर अनामिका ने डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया।
- महिलाओं ने समृद्धि के प्रतीक सूर्य देव के पूजन में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखे हुए हैं। इस कड़ी में शुक्रवार शाम 5 बजकर 26 मिनट पर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया। इस बारे में कई ज्योतिषियों का मानना है कि ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई दिक्कतें दूर होती हैं। इसके साथ ही वैज्ञानिक नजरिये से भी ढलते सूर्य को अर्घ्य देने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
जानिये- पूरी प्रक्रिया
छठ पूजा की कड़ी में तीसरे दिन कार्तिक षष्ठी के दिन संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इसी कड़ी में शुक्रवार शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनका पूजन जाएगा। पूजा के दौरान प्रसाद औऱ फल टोकरी और सूप में रखे जाते हैं।पूजा की कड़ी में अर्घ्य देने से पहले बांस की टोकरी को फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू और पूजा के सामान से सजाया जाता है। सूर्यास्त से कुछ समय पहले सूर्य देव की पूजा होती है फिर डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा की जाती है। इसके पूजा पूरी होती है।
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