Lunar Eclipse, Chandra Grahan 2021: साल का पहला चंद्रग्रहण समाप्त, जानिये- अगला कब लगेगा और क्या यह भारत में दिखेगा
Chandra Grahan Timing Today 26 मई के बाद दूसरा या आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगेगा दूसरा चंद्र ग्रहण भी उपछाया ग्रहण माना जा रहा है। ऐसे में नवंबर में लगने वाले चंद्रग्रहण में भी सूतक काल नहीं लगेगा।
नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम, ऑनलाइन डेस्क। साल का पहला चंद्रग्रहण बुधवार देर शाम को समाप्त हो गया। यह चंद्रग्रहण बुधवार दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू हुआ और शाम 7 बजकर 19 मिनट पर समाप्त हुआ। दरअसल, यह चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं दिखाई दिया, इसीलिए सूतक काल भी मान्य नहीं था। इस चंद्रग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 2 मिनट की थी, जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण 14 मिनट तक रहा और आंशिक चंद्रग्रहण 2 घंटे 53 मिनट तक रहेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण को ही चंद्रग्रहण ब्लड मून कहा जाता है। वहीं, 26 मई के बाद दूसरा या आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर, 2021 को लगेगा, दूसरा चंद्र ग्रहण भी उपछाया ग्रहण माना जा रहा है। ऐसे में नवंबर में लगने वाले चंद्रग्रहण में भी सूतक काल नहीं लगेगा। ज्योतिष गणना के अनुसार वर्ष 2021 में कुल चार ग्रहण लगने जा रहे हैं, जिसमें दो चंद्र ग्रहण हैं और दो सूर्य ग्रहण।
सूर्य ग्रहण कब-कब है
वर्ष-2021 का पहला सूर्य ग्रहण अगले महीने 10 जून 2021 को लग रहा है। इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं माना जा रहा है। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, यह सूर्य ग्रहण भारत के साथ कनाडा, यूरोप, रूस, ग्रीनलैंड, एशिया और उत्तरी अमेरिका में भी देखा जा सकता है। इसके अलावा, इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को लगेगा। वहीं, इससे पहले चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगेगा दूसरा चंद्र ग्रहण भी उपछाया ग्रहण माना जा रहा है।
चंद्रग्रहण के दौरान न करी होती ये गलती
- चंद्र ग्रहण के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित है।
- खासकर जब तक चंद्रग्रहण खत्म नहीं होता खाना नहीं बनाना चाहिए।
- इस काल में भगवान की मूर्ति को ना छुएं और किसी मंदिर के दर्शन करने ना जाएं।
- चंद्रग्रहण के दौरान सार्वजनिक मंदिर या फिर निजी, मंदिर के कपाट को बंद रहना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण काल में भोजन ना पकाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए।
- परिवार के मुखिया की कोशिश हो कि इस दौरान घर में कलह हो।
चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद जरूर करें गंगाजल का छिड़काव
वहीं, चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल भी होता है, लेकिन भारत में सूतक काल नहीं है। जहां पर सूतक काल है वहां अपने इष्ट देव या किसी भी भगवान की पूजा-अर्चना लोग कर सकते हैं। चंद्र ग्रहण में दान करना बहुत फायदेमंद माना जाता है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान किसी को आमने-सामने दान देने से बचें। चंद्र ग्रहण के बाद घर को साफ करके गंगाजल का छिड़काव करना शुभ होता है, ऐसा ज्योतिषी बताते हैं।
कब होता है ब्लड मून
चंद्रग्रहण के दौरान ब्लड मून यानी पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति तब होती है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तकरीन एक सीधी रेखा में आते हैं। चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद ये पहले काले और फिर धीरे-धीरे सुर्ख लाल रंग में तब्दील होता है, जिसे 'ब्लड मून' भी कहा जाता है यानी पूर्ण चंद्रग्रहण।
यहां पर बता दें कि इस बार का चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण था। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, बुधवार को दोपहर में लगा और शाम को खत्म हुआ चंद्र ग्रहण पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत और अमेरिका में तो दिखाई दिया, लेकिन दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में नहीं दिखाई दिया। सूतक काल नहीं होने से खाने-पीने से संबंधित कोई प्रतिबंध नहीं था। गर्भवती महिलाओं के लिए भी खाना-पीना वर्जित नहीं था।
ज्योतिषियों और पुजारियों के मुताबिक, वैशाख मास की पूर्णिमा पर बुधवार को दिन में यह चंद्र ग्रहण लगा। यह चंद्र ग्रहण बुधवार को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शुरू हुआ और फिर शाम 7 बजकर 19 मिनट तक रहा। यह चंद्रग्रहण तकरीबन 5 घंटे का था, लेकिन यह भारत के केवल कुछ ही हिस्से में दिखाई दिया।
खगोल शास्त्रियों के मुताबिक, ये चंद्रग्रहण केवल बंगाल के पश्चिमी हिस्सों, बंगाल की खाड़ी और उत्तर पूर्व के कुछ इलाकों में ही नजर आया। उधर, अमेरिका के अलावा, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी यूरोप और प्रशांत महासागर में ये पूर्ण चंद्र ग्रहण हुआ। दरअसल, यह चंद्रग्रहण पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्से, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ हिस्सों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से कुछ वक्त के लिए दिखाई दिया था।
नोएडा सेक्टर-55 स्थित शिव मंदिर के पुजारी राम नारायण शास्त्री ने बताया कि चंद्र ग्रहण दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू होकर शाम 7 बजकर 19 मिनट पर खत्म हो गया। चूंकि ये चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं दिखा, इसीलिए सूतक काल भी मान्य नहीं था।
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