KMP Expressway: जानिये 10 बड़े फायदे, रोजाना लाखों लोगों को होगा लाभ
लगभग 136 किलोमीटर लंबे केएमपी एक्सप्रेस-वे परियोजना प्रदेश के पांच जिलों सोनीपत, झज्जर, गुडग़ांव, मेवात और पलवल से होकर गुजर रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को गुरुग्राम के सुल्तानपुर में कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेस-वे के 83.2 किलोमीटर लंबे हिस्से (कुंडली-मानेसर) का उद्घाटन करने के साथ दिल्ली-यूपी और राजस्थान को भी बड़ी सौगात मिली है। दरअसल, केएमपी के शुरू होने से अन्य प्रदेशों के वाहन बिना दिल्ली में प्रवेश किए आ व जा सकेंगे। इससे दिल्ली को जाम और प्रदूषण से भी राहत मिलेगी।
ये हैं बड़े फायदे
- दिल्ली से घटेगा भारी वाहनों का बोझ
- दिल्ली से कम होगा प्रदूषण
- मथुरा से पास आया गुरुग्राम
- दिल्ली को मिलेगी नई लाइफ लाइन
- पलवल से कोंडली सिर्फ 90 मिनट में
- 100 की स्पीड से दौड़ेंगे वाहन
- 135.6 किलोमीटर लंबा है प्रस्तावित केएमपी एक्सप्रेस-वे
- सोनीपत, झज्जर, बहादुरगढ़, नूंह, सोहना, हथीन और पलवल क्षेत्र से गुजरेगा
- दिल्ली वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे भी कहलाता है केएमपी
- दिल्ली में वाहनों के नहीं प्रवेश करने से ट्रैफिक के साथ प्रदूषण भी कम होगा
पांच जिलों को होगा फायदा
लगभग 136 किलोमीटर लंबे केएमपी एक्सप्रेस-वे परियोजना प्रदेश के पांच जिलों सोनीपत, झज्जर, गुडग़ांव, मेवात और पलवल से होकर गुजर रही है। इस परियोजना से न केवल उत्तरी हरियाणा का दक्षिण हरियाणा के गुड़गांव, फरीदाबाद व पलवल जिलों लिंक भी मिल जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
साल 2006 में मंजूर हुआ था प्रोजेक्ट
केएमपी एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित परियोजना 21 जनवरी, 2006 को मंजूर हुई थी और 31 जनवरी, 2006 को कंसेशनेयर, मैसर्स केएमपी एक्सप्रेसवे लिमिटेड को काम अलॉट किया गया था। 29 जुलाई, 2009 तक पूरा होने बाद इसका कमर्शियल ऑपरेशन शुरू होना था।