DU, JNU और जामिया में दाखिले के लिए क्या करें 12वीं पास छात्र, जानें एडमिशन प्रोसेस
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले प्रवेश परीक्षा के भी रद होने की संभावना है। डीयू ने कुछ समय पहले यूजीसी को एक प्रपोजल भेजा था। जिसमें कहा गया था कि दाखिले का आधार 50 फीसद 12वीं के अंक एवं 50 फीसद सीयूसेट के अंक होंगे।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। सीबीएसई के बाद काउंसिल आफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE)ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद कर दी है। राज्यों की बात करें तो हरियाणा, गुजरात और मध्यप्रदेश ने अपने राज्यों में बोर्ड परीक्षाएं रद कर दी है। उम्मीद है कि अन्य राज्य भी सीबीएसई के फैसले से मद्देनजर बोर्ड परीक्षा रद कर दें। ऐसे में स्नातक दाखिले कैस होंगे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने साफ किया है कि यदि प्रवेश परीक्षाएं नहीं होती हैं तो फिर दाखिला मेरिट से होगा। हालांकि जेएनयू परिस्थितियों में सुधार होने पर प्रवेश परीक्षा कराएगा। जबकि जामिया मिल्लिया इस्लामिया का कहना है कि उनके यहां दाखिले पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
डीयू सूत्रों की मानें तो दाखिले से जुड़े मसलों पर विचार विमर्श के लिए मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक हुई। दाखिले से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि डीयू में दाखिले दो तरह से होते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी स्नातक के नौ से अधिक पाठ्यक्रमों पर दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित कराती है और दूसरा डीयू 12वीं के अंकों के आधार पर मेरिट के जरिए दाखिला देता है। कटआफ जारी की जाती है एवं फिर छात्र विभिन्न कालेजों में दाखिला लेते हैं।
इस बार दाखिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी कामन एंट्रेस टेस्ट यानी सीयूसेट के जरिए होना था। लेकिन कोरोना काल में छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर सीयूसेट से दाखिला मुश्किल लग रहा है। सीयूसेट से ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले होंगे, इसे लेकर कोई अंतिम निर्णय अभी तक नहीं लिया जा सका है।
प्रवेश परीक्षा के भी रद होने की संभावना
वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले प्रवेश परीक्षा के भी रद होने की संभावना है। डीयू ने कुछ समय पहले यूजीसी को एक प्रपोजल भेजा था। जिसमें कहा गया था कि दाखिले का आधार 50 फीसद 12वीं के अंक एवं 50 फीसद सीयूसेट के अंक होंगे। लेकिन चूंकि प्रवेश परीक्षाओं पर संकट का साया मंडरा रहा है तो ऐसे में डीयू मेरिट से दाखिले की तैयारी की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
डीयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी ने बताया कि बिना मेरिट से समझौता किए बदली हुई परिस्थितियों के मुताबिक दाखिले में बदलाव किए जाएंगे।
जेएनयू कराएगा प्रवेश परीक्षा
कुलपति प्रो एम जगदेश कुमार ने कहा कि कोरोना सरीखी महामारी सदी में एक बार आती है। छात्रों का स्वास्थ्य, सुरक्षा महत्वपूर्ण है। जेएनयू समेत अधिकतर उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले प्रवेश परीक्षा के आधार पर होते हैं। जेएनयू प्रवेश परीक्षा तब आयोजित करेगा जब छात्रों के लिए परीक्षा हाल में बैठकर लिखना सुरक्षित होगा। यदि प्रवेश परीक्षा में देरी होती है, छात्रों को प्रवेश देरी से मिलता है तो जेएनयू अकादमिक कैलेंडर में संशोधन करेगा ताकि छात्रों का समय बर्बाद नहीं हो।
जेएनयू कुलपति ने सुझाव दिया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में जहां स्नातक के तहत प्रवेश 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर होता है, विश्वविद्यालय प्रवेश के लिए उचित प्रक्रिया तैयार कर सकते हैं जो निष्पक्ष और पारदर्शी हों। बकौल कुलपति महामारी के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में चिंतित होने के बजाय उचित समाधान खोजने की जरूरत है। हमारी भारतीय शिक्षा प्रणाली इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।